लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने बिजली बिल के बकायेदारों के लिए एक बार फिर एकमुश्त समाधान योजना लागू करने का फैसला लिया है. पावर कॉरपोरेशन (Power Corporation) की तरफ से इस योजना के तहत किसानों, छोटे एवं मध्यम घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं को 100% तक सरचार्ज में छूट मिलेगी. गुरुवार से प्रदेश भर में यह योजना लागू की जाएगी. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ओटीएस योजना (OTS Scheme) लागू की जा रही है. 30 नवंबर तक यह योजना लागू रहेगी.
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि ओटीएस योजना में छोटे उपभोक्ता और किसानों का विशेष ध्यान रखा गया है. उन्हें सरचार्ज में सौ पर्सेंट छूट दी गई है. योजना के तहत घरेलू विद्युत पंखा (एलएमवी 1) और कमर्शियल उपभोक्ता (एलएलवी 2) के दो किलोवाट भर तक के छोटे उपभोक्ताओं और निजी नलकूप (1एलएमवी 5) सभी विद्युत भार वाले उपभोक्ताओं को सरचार्ज पर 100% की छूट मिलेगी. इसके अलावा दो किलोवाट तक के घरेलू विद्युत पंखा (एलएमवी 1) के छोटे उपभोक्ताओं को बकाया राशि को अधिकतम छह किस्तों में जमा करने का भी विकल्प दिया जा रहा है. इसके अलावा घरेलू बत्ती पंखा (एलएमवी 1) के दो किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ता और वाणिज्यिक (एलएलवी 2) के दो किलोवाट से अधिक और पांच किलोवाट तक के उपभोक्ताओं का भी ध्यान रखते हुए उन्हें सरचार्ज में 50% की छूट प्रदान की गई है.
उन्होंने बताया कि इस तरह उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने छोटे और मध्यम घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के साथ ही किसानों के लिए बेहद लाभकारी योजना लागू की है. योजना का लाभ लेने के लिए शहरी उपभोक्ता संबंधित उपकेंद्र और ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी केंद्रों पर ऑनलाइन बिजली बिल जमा करने की सुविधा दी जा रही है. इसके अलावा उपभोक्ता स्वयं भी उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट पर जाकर योजना का लाभ ले सकते हैं. इस योजना के तहत स्थाई रूप से कटे बकायेदारों के कनेक्शन प्रकरण भी समाधान के लिए मान्य होंगे. साथ ही विवादित एवं विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामले भी समाधान के योग्य होंगे.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि योजना का लाभ उपरोक्त श्रेणी के प्रत्येक बिजली बकाएदार को मिले, इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाए. सभी कार्मिक प्रतिदिन योजना की समीक्षा करें. साथ ही उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए नियमित रूप से कैंपों का आयोजन भी किया जाए.