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सीएम के निर्देश को बीत गए दो महीने से ज्यादा का समय, अब तक नहीं लागू हो सकी ओटीएस योजना

बीते माह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के निर्देश दिये थे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 7:24 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई माह में ही ऊर्जा विभाग को निर्देश दिया था कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एकमुश्त समाधान योजना तत्काल लागू करें. उसी समय ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने हामी भर दी. बकायदा ओटीएस लागू करने के लिए मिनटस जारी हो गए, लेकिन अभी तक दो माह से ज्यादा का समय बीत रहा है, लेकिन ओटीएस को लागू करने को लेकर पावर काॅरपोरेशन में बिल्कुल भी संजीदगी दिखाई नहीं दे रही है. मुख्यमंत्री ने यह स्कीम इसलिए लागू करने के लिए कहा था जिससे पावर काॅरपोरेशन का जो घाटा बढ़ रहा है उसे कम किया जा सके. बकाया बिल जमा हो सके, लेकिन ऊर्जा विभाग की लापरवाही से अब तक ओटीएस को लेकर कुछ नहीं किया गया. एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के बजाय अधिकारी अभियान चलाकर बिल वसूलने में व्यस्त हैं. राजस्व के लिहाज से अभी भी विभाग काफी पीछे है. लोग बिल जमा कर नहीं रहे क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि जल्द एकमुश्त समाधान योजना लागू होगी.

मंध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि.
मंध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि.



पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार एक जून को एकमुश्त समाधान योजना लाई थी. पहले इस योजना को एक माह तक के लिए लागू किया गया और फिर इसे 15 दिन बढ़ाकर 15 जुलाई तक के लिए कर दिया गया था. इस योजना का उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं ने भरपूर लाभ उठाया. 38 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने ओटीएस स्कीम का लाभ होते लेते हुए अपना बकाया चुका दिया, जिससे ऊर्जा विभाग को भी कई हजार करोड़ रुपए का राजस्व वसूल करने में सहायता मिली. तमाम बकाएदारों ने फिर भी इस योजना का फायदा नहीं उठाया था तो विभाग की तरफ से राजस्व वसूली को लेकर अभियान चलाया गया और काफी हद तक वसूली की भी गई, लेकिन अभी भी हजारों करोड़ रुपये उपभोक्ताओं पर बिजली विभाग का बकाया है. अब एक साल से ज्यादा का समय हो गया है. बकाएदार उपभोक्ता फिर से ओटीएस आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जब कह दिया है कि जल से जल्द ओटीएस योजना लागू की जाए, ऐसे में उपभोक्ताओं ने अपना बिल जमा करना भी बंद कर दिया है जिससे विभाग को और नुकसान हो रहा है.

एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के दिए गए थे निर्देश
एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के दिए गए थे निर्देश



हजारों करोड़ रुपए उपभोक्ताओं पर बकाया : उत्तर प्रदेश में सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं का लगभग 45028 करोड़ रुपये के करीब बकाया है, जिसमें अकेले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का कुल बकाया लगभग साढ़े 19 हजार करोड़ रुपये के करीब है. कॉमर्शियल उपभोक्ताओं का कुल बकाया लगभग 2,874 करोड़ है. किसानों का कुल बकाया लगभग 3,337 करोड़ के करीब है. ऐसे में एकमुश्त समाधान योजना लागू किए जाने से काफी हद तक बिजली बिल के बकायेदारों को राहत मिलेगी तो पावर काॅरपोरेशन की राजस्व वसूली हो सकेगी.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा



अब तक ये रहा ओटीएस का रिस्पॉन्स : अब तक की योजनाओं में एक मार्च, 2021 को 46 दिन की अवधि तक की ओटीएस योजना से 36,11,789 उपभोक्ताओं ने लाभ लिया. इसी तरह 21 अक्टूबर 2021 को 103 दिन की अवधि तक की ओटीएस योजना से 37,61,475 उपभोक्ताओं ने लाभ लिया और एक जून 2022 को 45 दिन की अवधि तक की एकमुश्त समाधान योजना से 38,30,747 उपभोक्ताओं ने लाभ लिया. ये पूर्व की ओटीएस योजनाओं से कम समयावधि में सर्वाधिक सफल रही.



किश्तों में भुगतान की पहली बार व्यवस्था : पिछली बार की ओटीएस योजना में किश्तों में भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी. ओटीएस योजना में एक लाख रुपये तक के बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम छह किश्तों में भुगतान की व्यवस्था थी और एक लाख रुपये से ऊपर के उपभोक्ताओं के लिए 12 किश्तों में भुगतान की सुविधा प्रदान की गई थी.




उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि 'एकमुश्त समाधान योजना पर जुलाई के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योजना लाए जाने पर विचार किया जाए. उस पर लिखा पढ़ी में मिनट भी जारी हो गए, लेकिन उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन ने अब तक इसे जारी नहीं किया है. जल्द से जल्द घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों, दुकानदारों के लिए ओटीएस की व्यवस्था तत्काल लागू कर देना चाहिए. जब मुख्यमंत्री ने उसका एलान कर दिया तो उपभोक्ता अपना बकाया जमा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि ओटीएस आना ही आना है. देरी करने से पावर काॅरपोरेशन को ही नुकसान हो रहा है, लेकिन तब भी पावर काॅरपोरेशन इसे लागू नहीं कर रहा है, इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहिए.'

यह भी पढ़ें : बिजली विभाग ने बकाया वसूली के दिए आधा दर्जन से ज्यादा विकल्प, जानिए फिर भी क्यों नहीं मिल पा रही कामयाबी?

यह भी पढ़ें : 150 करोड़ से बदलेगी की बनारस में बिजली व्यवस्था, विभाग ने शुरू की नई तैयारी

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई माह में ही ऊर्जा विभाग को निर्देश दिया था कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एकमुश्त समाधान योजना तत्काल लागू करें. उसी समय ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने हामी भर दी. बकायदा ओटीएस लागू करने के लिए मिनटस जारी हो गए, लेकिन अभी तक दो माह से ज्यादा का समय बीत रहा है, लेकिन ओटीएस को लागू करने को लेकर पावर काॅरपोरेशन में बिल्कुल भी संजीदगी दिखाई नहीं दे रही है. मुख्यमंत्री ने यह स्कीम इसलिए लागू करने के लिए कहा था जिससे पावर काॅरपोरेशन का जो घाटा बढ़ रहा है उसे कम किया जा सके. बकाया बिल जमा हो सके, लेकिन ऊर्जा विभाग की लापरवाही से अब तक ओटीएस को लेकर कुछ नहीं किया गया. एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के बजाय अधिकारी अभियान चलाकर बिल वसूलने में व्यस्त हैं. राजस्व के लिहाज से अभी भी विभाग काफी पीछे है. लोग बिल जमा कर नहीं रहे क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि जल्द एकमुश्त समाधान योजना लागू होगी.

मंध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि.
मंध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि.



पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार एक जून को एकमुश्त समाधान योजना लाई थी. पहले इस योजना को एक माह तक के लिए लागू किया गया और फिर इसे 15 दिन बढ़ाकर 15 जुलाई तक के लिए कर दिया गया था. इस योजना का उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं ने भरपूर लाभ उठाया. 38 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने ओटीएस स्कीम का लाभ होते लेते हुए अपना बकाया चुका दिया, जिससे ऊर्जा विभाग को भी कई हजार करोड़ रुपए का राजस्व वसूल करने में सहायता मिली. तमाम बकाएदारों ने फिर भी इस योजना का फायदा नहीं उठाया था तो विभाग की तरफ से राजस्व वसूली को लेकर अभियान चलाया गया और काफी हद तक वसूली की भी गई, लेकिन अभी भी हजारों करोड़ रुपये उपभोक्ताओं पर बिजली विभाग का बकाया है. अब एक साल से ज्यादा का समय हो गया है. बकाएदार उपभोक्ता फिर से ओटीएस आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जब कह दिया है कि जल से जल्द ओटीएस योजना लागू की जाए, ऐसे में उपभोक्ताओं ने अपना बिल जमा करना भी बंद कर दिया है जिससे विभाग को और नुकसान हो रहा है.

एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के दिए गए थे निर्देश
एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के दिए गए थे निर्देश



हजारों करोड़ रुपए उपभोक्ताओं पर बकाया : उत्तर प्रदेश में सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं का लगभग 45028 करोड़ रुपये के करीब बकाया है, जिसमें अकेले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का कुल बकाया लगभग साढ़े 19 हजार करोड़ रुपये के करीब है. कॉमर्शियल उपभोक्ताओं का कुल बकाया लगभग 2,874 करोड़ है. किसानों का कुल बकाया लगभग 3,337 करोड़ के करीब है. ऐसे में एकमुश्त समाधान योजना लागू किए जाने से काफी हद तक बिजली बिल के बकायेदारों को राहत मिलेगी तो पावर काॅरपोरेशन की राजस्व वसूली हो सकेगी.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा



अब तक ये रहा ओटीएस का रिस्पॉन्स : अब तक की योजनाओं में एक मार्च, 2021 को 46 दिन की अवधि तक की ओटीएस योजना से 36,11,789 उपभोक्ताओं ने लाभ लिया. इसी तरह 21 अक्टूबर 2021 को 103 दिन की अवधि तक की ओटीएस योजना से 37,61,475 उपभोक्ताओं ने लाभ लिया और एक जून 2022 को 45 दिन की अवधि तक की एकमुश्त समाधान योजना से 38,30,747 उपभोक्ताओं ने लाभ लिया. ये पूर्व की ओटीएस योजनाओं से कम समयावधि में सर्वाधिक सफल रही.



किश्तों में भुगतान की पहली बार व्यवस्था : पिछली बार की ओटीएस योजना में किश्तों में भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी. ओटीएस योजना में एक लाख रुपये तक के बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम छह किश्तों में भुगतान की व्यवस्था थी और एक लाख रुपये से ऊपर के उपभोक्ताओं के लिए 12 किश्तों में भुगतान की सुविधा प्रदान की गई थी.




उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि 'एकमुश्त समाधान योजना पर जुलाई के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योजना लाए जाने पर विचार किया जाए. उस पर लिखा पढ़ी में मिनट भी जारी हो गए, लेकिन उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन ने अब तक इसे जारी नहीं किया है. जल्द से जल्द घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों, दुकानदारों के लिए ओटीएस की व्यवस्था तत्काल लागू कर देना चाहिए. जब मुख्यमंत्री ने उसका एलान कर दिया तो उपभोक्ता अपना बकाया जमा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि ओटीएस आना ही आना है. देरी करने से पावर काॅरपोरेशन को ही नुकसान हो रहा है, लेकिन तब भी पावर काॅरपोरेशन इसे लागू नहीं कर रहा है, इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहिए.'

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