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अधिक मूल्य के ई-वे बिल बनाने वाले पंजीकृत व्यापारियों के खिलाफ जांच के आदेश - व्यापारियों के खिलाफ जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश के लखनऊ वाणिज्य कर विभाग की कमिश्नर मिनिस्ती एस ने विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन व एडिशनल कमिश्नर गेट टू व ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के सभी अधिकारियों को पत्र भेजा है. इसमें विभाग के पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अधिक मूल्य के ई-वे बिल बनाए जाने के मामलों का संज्ञान लेते हुए जांच कराए जाने के आदेश दिए गए हैं.

पंजीकृत व्यापारियों के खिलाफ जांच के आदेश
पंजीकृत व्यापारियों के खिलाफ जांच के आदेश
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Published : Jun 8, 2021, 6:37 AM IST

लखनऊः वाणिज्य कर विभाग के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अधिक मूल्य के ई- वे बिल बनाने से होने वाली अनियमितता को देखते हुए इसके जांच के आदेश दिए गए हैं. लखनऊ वाणिज्य कर विभाग की कमिश्नर मिनिस्ती एस ने पत्र लिखकर आधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं. जांच के बाद कर चोरी के मामलों को रोका जा सकेगा और दोषी पंजीकृत व्यापारियों व संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.

वाणिज्य कर कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश

वाणिज्य कर विभाग की कमिश्नर मिनिस्ती एस ने विभाग के सभी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन व एडिशनल कमिश्नर गेट टू व ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के सभी अधिकारियों को पत्र भेजकर विभाग के पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अधिक मूल्य के ई-वे बिल बनाए जाने के मामलों का संज्ञान लेते हुए जांच कराए जाने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें- प्रतिभावान जनशक्ति के लिए विश्वविद्यालयों में नये विषयों का समावेश जरूरीः सीएम योगी


कर चोरी के मामलों का लिया संज्ञान
आदेश में सेल टैक्स कमिश्नर ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में पंजीकृत व्यापारियों की तरफ से अधिक मूल्य के ई-वे बिल बनाने और कर चोरी के मामले संज्ञान में आए हैं. यह विभाग के हित में नहीं है और इसके पीछे विभाग के कुछ अधिकारियों के क्षेत्र स्तर पर लापरवाही और अनियमितता की जानकारी प्राप्त हो रही है. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए क्षेत्र स्तर पर ई-वे बिल जनरेट करने के मामलों को देखते हुए पंजीकृत व्यापारियों का डाटा देख कर और उसके आधार पर फील्ड के अधिकारियों द्वारा अप्रैल 2021 में विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार जांच कराई जाए.

जांच में दोषी व्यापारियों व अफसरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
कमिश्नर ने जारी आदेश में कहा है कि जांच में दोषी पाए जाने वाले पंजीकृत व्यापारियों व विभाग के क्षेत्र स्तर पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाए. इसके अलावा कर चोरी में लिप्त पंजीकृत व्यापारियों व इस पूरे गोरखधंधे में शामिल सभी संबंधित व्यक्तियों व विभाग से जुड़े कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाए.

लखनऊः वाणिज्य कर विभाग के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अधिक मूल्य के ई- वे बिल बनाने से होने वाली अनियमितता को देखते हुए इसके जांच के आदेश दिए गए हैं. लखनऊ वाणिज्य कर विभाग की कमिश्नर मिनिस्ती एस ने पत्र लिखकर आधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं. जांच के बाद कर चोरी के मामलों को रोका जा सकेगा और दोषी पंजीकृत व्यापारियों व संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.

वाणिज्य कर कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश

वाणिज्य कर विभाग की कमिश्नर मिनिस्ती एस ने विभाग के सभी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन व एडिशनल कमिश्नर गेट टू व ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के सभी अधिकारियों को पत्र भेजकर विभाग के पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अधिक मूल्य के ई-वे बिल बनाए जाने के मामलों का संज्ञान लेते हुए जांच कराए जाने के आदेश दिए हैं.

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कर चोरी के मामलों का लिया संज्ञान
आदेश में सेल टैक्स कमिश्नर ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में पंजीकृत व्यापारियों की तरफ से अधिक मूल्य के ई-वे बिल बनाने और कर चोरी के मामले संज्ञान में आए हैं. यह विभाग के हित में नहीं है और इसके पीछे विभाग के कुछ अधिकारियों के क्षेत्र स्तर पर लापरवाही और अनियमितता की जानकारी प्राप्त हो रही है. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए क्षेत्र स्तर पर ई-वे बिल जनरेट करने के मामलों को देखते हुए पंजीकृत व्यापारियों का डाटा देख कर और उसके आधार पर फील्ड के अधिकारियों द्वारा अप्रैल 2021 में विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार जांच कराई जाए.

जांच में दोषी व्यापारियों व अफसरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
कमिश्नर ने जारी आदेश में कहा है कि जांच में दोषी पाए जाने वाले पंजीकृत व्यापारियों व विभाग के क्षेत्र स्तर पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाए. इसके अलावा कर चोरी में लिप्त पंजीकृत व्यापारियों व इस पूरे गोरखधंधे में शामिल सभी संबंधित व्यक्तियों व विभाग से जुड़े कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाए.

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