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सिद्दिकी कप्पन को जमानत दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश

हाथरस घटना के बाद इलाके में गड़बड़ी फैलाने के उद्देश्य से वहां जाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दिकी कप्पन को सशर्त जमानत दी गई है.

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जिला एंव सत्र न्यायालय
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Published : Sep 12, 2022, 9:32 PM IST

लखनऊ: हाथरस घटना के बाद इलाके में गड़बड़ी फैलाने के उद्देश्य से वहां जाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दिकी कप्पन (Journalist Siddiqui Kappan) को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के अनुपालन में सोमवार को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया. एडीजे अनुरोध मिश्रा ने कप्पन को एक-एक लाख की दो जमानतें और इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने पर उसे जेल से रिहा करने का आदेश दिया है.

इसके पूर्व कप्पन के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के जमानत आदेश के साथ एक अर्जी कोर्ट में दाखिल की. अर्जी में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को सशर्त जमानत देते हुए कहा है कि आरोपी को आदेश के तीन दिन के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए, जहां ट्रायल कोर्ट आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शर्तें लगा के उसे रिहा करे. अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कप्पन को जमानत दाखिल करने का आदेश देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का अनुपालन करने की अंडरटेकिंग देने पर आरोपी को रिहा किया जाए.

यह भी पढ़ें- लखनऊ में एमिटी कॉलेज की छात्रा ने हॉस्टल में खाया जहर, रूममेट पर लगाए गंभीर आरोप

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को रिहाई के बाद दिल्ली के निजामुद्दीन थाना क्षेत्र में ही रहने का आदेश दिया है. साथ ही दिल्ली से बाहर जाने के लिए ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेनी होगी. वहीं, रिहा होने के छह सप्ताह तक कप्पन को प्रत्येक सोमवार को सम्बंधित थाने में अपनी हाजिरी लगानी होगी. छह सप्ताह के बाद कप्पन को अपने घर मल्लापुरम जाने की छूट होगी. लेकिन वहां भी उसे प्रत्येक सोमवार को थाने में हाजिरी लगानी होगी, जिसका रजिस्टर बनाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि अभियुक्त ने अगर अपना पासपोर्ट नहीं जमा किया है तो रिहाई के पहले उसे विवेचक एजेंसी को अपना पासपोर्ट देना होगा.

लखनऊ: हाथरस घटना के बाद इलाके में गड़बड़ी फैलाने के उद्देश्य से वहां जाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दिकी कप्पन (Journalist Siddiqui Kappan) को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के अनुपालन में सोमवार को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया. एडीजे अनुरोध मिश्रा ने कप्पन को एक-एक लाख की दो जमानतें और इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने पर उसे जेल से रिहा करने का आदेश दिया है.

इसके पूर्व कप्पन के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के जमानत आदेश के साथ एक अर्जी कोर्ट में दाखिल की. अर्जी में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को सशर्त जमानत देते हुए कहा है कि आरोपी को आदेश के तीन दिन के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए, जहां ट्रायल कोर्ट आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शर्तें लगा के उसे रिहा करे. अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कप्पन को जमानत दाखिल करने का आदेश देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का अनुपालन करने की अंडरटेकिंग देने पर आरोपी को रिहा किया जाए.

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उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को रिहाई के बाद दिल्ली के निजामुद्दीन थाना क्षेत्र में ही रहने का आदेश दिया है. साथ ही दिल्ली से बाहर जाने के लिए ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेनी होगी. वहीं, रिहा होने के छह सप्ताह तक कप्पन को प्रत्येक सोमवार को सम्बंधित थाने में अपनी हाजिरी लगानी होगी. छह सप्ताह के बाद कप्पन को अपने घर मल्लापुरम जाने की छूट होगी. लेकिन वहां भी उसे प्रत्येक सोमवार को थाने में हाजिरी लगानी होगी, जिसका रजिस्टर बनाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि अभियुक्त ने अगर अपना पासपोर्ट नहीं जमा किया है तो रिहाई के पहले उसे विवेचक एजेंसी को अपना पासपोर्ट देना होगा.

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