लखनऊ: विधान परिषद के प्रश्नकाल में प्रदेश सरकार को विपक्ष ने सरकारी राशन की दुकानों से सस्ती चीनी बेचने के मुद्दे पर जमकर घेरा. विपक्ष ने हालांकि निंदा प्रस्ताव लाकर सरकार को मुश्किल में डालने की कोशिश की, लेकिन भविष्य में अंत्योदय परिवारों को सस्ती चीनी दिलाने का वादा कर सत्ता पक्ष भी बचने में कामयाब हो गया.
विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता दीपक सिंह ने प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या प्रदेश में राशन की दुकानों की चीनी विक्रय की दर निर्धारित है. गरीब परिवारों को किस दर पर चीनी उपलब्ध कराई जाएगी.
इसका जवाब सत्ता पक्ष की ओर से खाद्य एवं रसद विभाग के राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह धुन्नी ने दिया. उन्होंने बताया कि सभी अंत्योदय परिवारों को हर महीने 1 किलोग्राम चीनी दिए जाने का निर्णय किया गया है. इसकी बिक्री दर का निर्धारण प्रक्रिया अधीन है. अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को 1 किलोग्राम चीनी प्रति माह व्यतीत करने की योजना भारत सरकार के अनुमोदन की प्रतीक्षा में है. केंद्र से मिलने वाली सब्सिडी के अनुसार ही मूल्य निर्धारण किया जाएगा.
प्रश्न पर चर्चा के दौरान दीपक सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गरीब परिवारों को सस्ती चीनी नहीं मिल रही है. अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को भी 1 किलो चीनी देने का फैसला उचित नहीं है. उनकी इस बात का समर्थन शिक्षक दल के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने किया और कहा अंत्योदय परिवारों को महीने में 1 किलो चीनी देना उनकी गरीबी का मजाक है. इतनी चीनी से महीने भर में चाय भी नहीं पी जा सकती है.
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