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उन्नाव कांड पर गरमाई सियासत, पहली बार एकसुर विरोध में दिखे सपा, बसपा और कांग्रेस

राजधानी में उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में शनिवार का दिन काफी अहम रहा. जहां एक ओर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठे, तो वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए पहुंची. साथ ही बसपा प्रमुख मायावती भी प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करने राजभवन पहुंची थीं.

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पहली बार एक साथ सपा-बसपा-कांग्रेस का दिखा विरोध
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Published : Dec 7, 2019, 9:09 PM IST

लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में शनिवार का दिन काफी अहम और ऐतिहासिक रहा. जहां विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस ने योगी सरकार को बिगड़ती कानून व्यवस्था पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा, वहीं बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर राजधानी लखनऊ में शनिवार के दिन कई सामाजिक संगठनों ने भी विरोध दर्ज कराया.

जानकारी देते संवाददाता.
पहली बार एक साथ सपा-बसपा-कांग्रेस का दिखा विरोध
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत की खबर के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में भी खूब सियासी उबाल देखा गया. प्रदेश की सियासत में पहला मौका माना जा रहा है जब देश और प्रदेश की तीनों प्रमुख विपक्षी पार्टियां अलग-अलग अंदाज में मौजूदा योगी और मोदी सरकार पर हमलावर नजर आईं. एक ओर जहां विरोध दर्ज कराने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठे, तो वहीं शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार से मिलने उनके घर पहुंची थीं.

इन्हीं सब गहमागहमी के बीच बसपा प्रमुख मायावती भी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करने राजभवन पहुंची. इस दौरान उन्होंने देश और प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाए जाने की मांग करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. इसके अलावा तमाम राजनीतिक छोटे-बड़े दल और सामाजिक कार्यकर्ता भी राजधानी लखनऊ स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाए जाने की मांग करते नजर आए. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से बराबर यह मांग कर रहे हैं कि, ऐसे दरिंदों को फांसी की सजा दी जाए और ऐसी वारदातें आगे न हो इसके लिए कोई सख्त कानून बनाया जाए.

इसे भी पढ़ें- दुनिया की सबसे बेहतरीन बिल्डिंग में बैठकर पुलिस कर रही अन्याय: अखिलेश यादव

लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में शनिवार का दिन काफी अहम और ऐतिहासिक रहा. जहां विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस ने योगी सरकार को बिगड़ती कानून व्यवस्था पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा, वहीं बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर राजधानी लखनऊ में शनिवार के दिन कई सामाजिक संगठनों ने भी विरोध दर्ज कराया.

जानकारी देते संवाददाता.
पहली बार एक साथ सपा-बसपा-कांग्रेस का दिखा विरोध
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत की खबर के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में भी खूब सियासी उबाल देखा गया. प्रदेश की सियासत में पहला मौका माना जा रहा है जब देश और प्रदेश की तीनों प्रमुख विपक्षी पार्टियां अलग-अलग अंदाज में मौजूदा योगी और मोदी सरकार पर हमलावर नजर आईं. एक ओर जहां विरोध दर्ज कराने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठे, तो वहीं शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार से मिलने उनके घर पहुंची थीं.

इन्हीं सब गहमागहमी के बीच बसपा प्रमुख मायावती भी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करने राजभवन पहुंची. इस दौरान उन्होंने देश और प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाए जाने की मांग करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. इसके अलावा तमाम राजनीतिक छोटे-बड़े दल और सामाजिक कार्यकर्ता भी राजधानी लखनऊ स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाए जाने की मांग करते नजर आए. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से बराबर यह मांग कर रहे हैं कि, ऐसे दरिंदों को फांसी की सजा दी जाए और ऐसी वारदातें आगे न हो इसके लिए कोई सख्त कानून बनाया जाए.

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Intro:उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में आज का दिन काफी अहम और ऐतिहासिक रहा जहां विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस ने योगी सरकार को बिगड़ती कानून व्यवस्था पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा वही बढ़ती महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर राजधानी लखनऊ में आज के दिन कई सामाजिक संगठनों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया


Body:उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मौत की खबर के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में भी खूब सियासी उबाल देखा गया। प्रदेश की सियासत में पहला मौका माना जा रहा है जब देश व प्रदेश की तीनों प्रमुख विपक्षी पार्टियां अलग अलग अंदाज में मौजूदा योगी और मोदी सरकार पर हमलावर नजर आई। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठे तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रेप पीड़िता के परिवार से मिलने उन्नाव स्थित उनके घर पहुंची। इन्हीं सब गहमागहमी के बीच बसपा प्रमुख मायावती भी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करने खुद राजभवन गई, जहाँ उन्होंने देश और प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाए जाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। इसके अलावा तमाम राजनीतिक छोटे-बड़े दल और सामाजिक कार्यकर्ता भी राजधानी लखनऊ के गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाए जाने की मांग करते नजर आए।


Conclusion:गौरतलब है कि देश व प्रदेश में तेजी से बढ़ती रेप की वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही है जहां हैदराबाद में पशु चिकित्सक को गैंगरेप के बाद जलाकर मारने का मामला सामने आया था तो वहीं अब उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाकर मारने की घटना ने सब को हिला कर रख दिया है जिस पर विपक्षी दल सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं तो वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से बराबर यह मांग कर रहे हैं कि ऐसे दरिंदों को फांसी की सजा हो और ऐसी वारदातें आगे ना हो इसके लिए कोई सख्त कानून बनाया जाए।
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