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शिवपाल और अखिलेश की सुलह सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिशः भाजपा

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा पर विपक्षी पार्टियों ने तंज कसा है. भाजपा का कहना है कि यह समझौता सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है.

शिपाल और अखिलेश में सुलह.
शिपाल और अखिलेश में सुलह.
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Published : Nov 3, 2021, 5:07 PM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. सपा-प्रसपा में गठबंधन और चाचा और भतीजे में समझौता होने पर विपक्षी पार्टियों न घेरना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि यह समझौता चुनाव में जनता का ध्यान भटकाने के लिए है.

राकेश त्रिपाठी, प्रवक्ता-भाजपा.

इसे भी पढ़ें-भतीजे अखिलेश का बड़ा बयान- चाचा शिवपाल के साथ मिलकर लड़ेंगे यूपी चुनाव


भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि सपा में कितनी भी कोशिशें हुई हैं मगर यह सुलह कभी नहीं हो सकती. यह केवल ध्यान बटाने की एक योजना भर है. जिसके जरिए खबरों में आने की कोशिश अखिलेश यादव कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार का सामना मिलकर भी यह नहीं कर पाएंगे. चाहे कितनी भी कोशिशें की जाएं. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह की झगड़े और सुलह की बातें हुई थी लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला था. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की यह कोशिश फिर बेकार साबित होगी और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे.

अशोक सिंह, प्रदेश प्रवक्ता-कांग्रेस.

कांग्रेस ने कहा, चुनाव देखकर चाचा का हो रहा सम्मान
वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रिंट मीडिया संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि आश्चर्य है कि समाजवादी पार्टी का नाम समाजवादी पार्टी है और परिवार में एकता नहीं. कभी चाचा का सम्मान होगा कभी अपमान. ये अखिलेश यादव को तय करना है. अखिलेश यादव मुलायम सिंह के बेटे हैं, पूर्व मुख्यमंत्री हैं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. शिवपाल यादव ने अपनी एक पार्टी बनाई है और वह उनके सगे चाचा हैं. अखिलेश उनका सम्मान करते हैं या नहीं करते हैं, प्रदेश की 22 करोड़ जनता सवाल कर रही है कि जब चाचा का सम्मान चुनाव देखकर हो रहा है तो आम जनता का क्या होगा? चाचा पिता के समान होता है. चुनाव नजदीक है तो दरकती हुई जमीन और खोते हुए विश्वास को बचाने के लिए अब वह चाचा का सम्मान कर रहे हैं और किस-किस का सम्मान करेंगे यह उत्तर प्रदेश की जनता तय करेगी.



गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव जल्द ही एक साथ आ सकते हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि चाचा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरेंगे, ऐसे में अब उन अटकलों पर भी विराम लग गया है जिनमें लगातार एक होने की बात तो होती थी, लेकिन सालों से चाचा और भतीजे एक नहीं हो पाए थे. अब जल्द ही गठबंधन कर चाचा और भतीजा चुनाव में एक साथ मैदान में उतरेंगे.

अपडेट जारी है....

लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. सपा-प्रसपा में गठबंधन और चाचा और भतीजे में समझौता होने पर विपक्षी पार्टियों न घेरना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि यह समझौता चुनाव में जनता का ध्यान भटकाने के लिए है.

राकेश त्रिपाठी, प्रवक्ता-भाजपा.

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भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि सपा में कितनी भी कोशिशें हुई हैं मगर यह सुलह कभी नहीं हो सकती. यह केवल ध्यान बटाने की एक योजना भर है. जिसके जरिए खबरों में आने की कोशिश अखिलेश यादव कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार का सामना मिलकर भी यह नहीं कर पाएंगे. चाहे कितनी भी कोशिशें की जाएं. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह की झगड़े और सुलह की बातें हुई थी लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला था. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की यह कोशिश फिर बेकार साबित होगी और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे.

अशोक सिंह, प्रदेश प्रवक्ता-कांग्रेस.

कांग्रेस ने कहा, चुनाव देखकर चाचा का हो रहा सम्मान
वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रिंट मीडिया संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि आश्चर्य है कि समाजवादी पार्टी का नाम समाजवादी पार्टी है और परिवार में एकता नहीं. कभी चाचा का सम्मान होगा कभी अपमान. ये अखिलेश यादव को तय करना है. अखिलेश यादव मुलायम सिंह के बेटे हैं, पूर्व मुख्यमंत्री हैं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. शिवपाल यादव ने अपनी एक पार्टी बनाई है और वह उनके सगे चाचा हैं. अखिलेश उनका सम्मान करते हैं या नहीं करते हैं, प्रदेश की 22 करोड़ जनता सवाल कर रही है कि जब चाचा का सम्मान चुनाव देखकर हो रहा है तो आम जनता का क्या होगा? चाचा पिता के समान होता है. चुनाव नजदीक है तो दरकती हुई जमीन और खोते हुए विश्वास को बचाने के लिए अब वह चाचा का सम्मान कर रहे हैं और किस-किस का सम्मान करेंगे यह उत्तर प्रदेश की जनता तय करेगी.



गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव जल्द ही एक साथ आ सकते हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि चाचा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरेंगे, ऐसे में अब उन अटकलों पर भी विराम लग गया है जिनमें लगातार एक होने की बात तो होती थी, लेकिन सालों से चाचा और भतीजे एक नहीं हो पाए थे. अब जल्द ही गठबंधन कर चाचा और भतीजा चुनाव में एक साथ मैदान में उतरेंगे.

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