लखनऊ: विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. इस पर विपक्ष सरकार पर सदन में जनता की समस्याओं से जुड़े सवालों का जवाब देने से बचने का आरोप लगाकर धरने पर बैठ गया. नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में सपा, कांग्रेस और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदस्य सदन स्थगित होने के बाद शाम पांच बजे तक विधानसभा मंडप में ही बैठे रहे.
सपा के सदस्यों ने बांधी मुंह में पट्टी
सपा के सदस्यों ने मुंह पर पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध दर्ज कराया. सपा ने कहा कि सत्ता पक्ष को यदि विपक्ष के सवालों से डर है तो विपक्ष कुछ भी नहीं बोलेगा. उसने मुंह पर पट्टी बांध लिया है, लेकिन सरकार सदन को आगे भी चलाए. इसी में जनता का हित है. दरअसल, विधानसभा का बजट सत्र सात मार्च तक चलने का कार्यक्रम पहले से तय था, लेकिन आज अनिश्चितकाल तक के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गयी. विपक्ष ने इसे अलोकतांत्रिक करार दिया.
रामगोविंद चौधरी ने सरकार पर साधा निशाना
नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदस्य पांच बजे तक मौन होकर विधानसभा में धरने पर बैठे रहे. इसलिए क्योंकि हम यह मानकर चलते हैं कि विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलती है. सरकार विपक्ष के किसी भी प्रश्न का उत्तर देने में अक्षम है. आज तक किसी भी विपक्षी सदस्य के प्रश्न का संतोषजनक उत्तर यह सरकार नहीं दे सकी है.
जल्दबाजी में सरकार ने बजट को किया पास
रामगोविंद चौधरी ने आगे कहा जनता की मूलभूत समस्याओं का समाधान करने में भी यह सरकार असफल रही है. कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. बेरोजगार युवक-युवती आत्महत्या कर रहे हैं. किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. मुआवजा हम लोग किसानों का मांग रहे हैं, लेकिन यह सरकार नहीं दे रही. उन्होंने कहा कि कि तमाम बातों पर विचार विमर्श होना था. पहले से तिथि निर्धारित थी. इस सरकार ने आज आनन-फानन में सारा बजट पास करा कर भाग गई. उसके विरोध में हम लोग धरने पर बैठे थे.
अलोकतांत्रिक तरीके से स्थगित की गई विधानसभा
कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि आज जिस तरह से उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बजट सत्र को समयावधि से पहले ही आनन-फानन में स्थगित कर दिया गया, दुखद है. सात मार्च तक विधानसभा चलनी थी, बजट पर चर्चा होनी थी. कल से ही विभागवार चर्चा शुरू हुई थी. बीच में ही आनन-फानन में सरकार ने अचानक असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक तरीके से सदन में बजट पास कराया. उससे सीधा सीधा लगता है कि सरकार अपनी जवाबदेही से बच रही है.
उन्होंने कहा कि आज सदन में जो चर्चाएं होतीं, वह प्रदेश की जनता से जुड़ी हुई हैं. विपक्ष सरकार की जवाबदेही इन मुद्दों पर तय करता. मै इतना ही कहना चाहती हूं कि सरकार की न तो नीति है और न ही प्रदेश की जनता के प्रति साफ नियति.
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