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सरकार ने प्रश्नकाल में ही पास कराया बजट, विपक्ष ने बताया अलोकतांत्रिक

उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार को समाप्त हो गया. सत्र के अंतिम दिन सरकार द्वारा प्रश्नकाल के दौरान बजट को पास कराए जाने के तरीके को विपक्ष ने अलोकतंत्रिक बताया. विपक्ष ने कहा कि सरकार ने तानाशाही पूर्ण रवैया के साथ बजट पास करा लिया.

उत्तर प्रदेश विधानसभा
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Published : Mar 4, 2021, 8:20 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में बजट पास करा लिया. प्रश्नकाल के दौरान बजट को पास कराए जाने के तरीके को विपक्ष ने अलोकतंत्रिक बताया. विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया और सरकार ने उसी दौरान ध्वनि मत के साथ बजट पास कराया. विपक्ष ने सवाल उस वक्त उठाया, जब धन्यवाद भाषण के बाद विधेयक लाया गया. विधानसभा में आज के घटनाक्रम पर सत्तापक्ष और विपक्ष की अपनी-अपनी दलीलें हैं. सत्ता पक्ष ने विपक्ष को और विपक्ष ने सत्ता पक्ष को कटघरे में खड़ा किया.

लोकतंत्र की मर्यादा को समझती है भाजपा
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की मर्यादा को समझती है. लोकतंत्र की मर्यादा के साथ बजट का सत्र आया है. सत्र में बड़ी संख्या में पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी बातें सदन में रखी हैं. आज मुझे आश्चर्य उस वक्त हुआ जब सदन का समापन हो रहा था और विपक्ष के सदस्य वॉकआउट करके चले गए. यहां तक तो ठीक था, लेकिन वो राष्ट्रगान के लिए भी नहीं आए, जो बहुत ही निंदनीय है. पक्ष का हो या विपक्ष का, कम से कम राष्ट्रगान के वक्त सभी को शामिल होना चाहिए.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने स्वयं अपने मार्शल को भेजकर उन्हें बुलाने का भी काम किया. बावजूद इसके लोग सदन में नहीं आए. प्रश्नकाल में ही बजट पास कराने पर उन्होंने कहा कि सदन ने बहुमत के साथ फैसला किया. विपक्ष का काम अपना विरोध दर्ज कराना है. रही बात सदन को लंबे समय तक चलाने की तो कोविड-19 समेत अन्य परिस्थितियों के कारण सदन को लंबा चलाने में व्यवधान आया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम लोग सदन को लंबा नहीं चलाना चाहते. हमारी सरकार में सदन बुलाना, सदन को संचालित करना और विशेष सत्रों का आयोजन करना हुआ है.

संसदीय मर्यादाओं का विनाश करने पर तुली है भाजपा
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संविधान, लोकतंत्र, संसदीय परिपाटी और संसदीय मर्यादाओं का विनाश करने पर तुली है. सरकार और विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से 10 मार्च तक सदन चलाने का कार्यक्रम तय हुआ था. उसमें विपक्ष ने कोई राय भी नहीं दी थी. विपक्ष ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी इस बात को रखा था कि सदन को बढ़ाया जाए या न बढ़ाया जाए, लेकिन पूर्व से तय कार्यक्रम 10 मार्च तक विधानसभा को चलाया जाए. इस पर सरकार ने कहा था कि हम सदन को तय कार्यक्रम तक चलाएंगे ही नहीं बल्कि इसको बढ़ाएंगे भी.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि आज अचानक संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करने लगे. नियमावली में है कि विभागीय बजट पास कराने के लिए कम से कम 24 दिन का समय चाहिए. उसके लिए समय निर्धारित किया गया है. चार दिन की चर्चा भी पूरी नहीं हो पाई. सरकार ने तानाशाही पूर्ण रवैया के साथ बजट पास करा लिया. सरकार के इस निर्णय पर हम लोगों ने असहमति दर्ज कराई और सदन से बहिर्गमन किया.

भाजपा ने की लोकतंत्र की हत्या
बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि निश्चित रूप से हमारा यह मानना है कि भारतीय जनता पार्टी उपदेश बहुत देती है, संसदीय मर्यादाओं का बार-बार जिक्र करती है, लेकिन प्रदेश के इतिहास में आजादी के बाद विशेष रूप से 1986 के बाद जब से विधानसभा में मैं आ रहा हूं, इस तरह से संसदीय मर्यादाओं और लोकतंत्र की हत्या होते नहीं देखा है. जब सदन शांतिपूर्वक अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए कार्य कर रहा हो, ऐसी स्थिति में बिना एजेंडा में लाए अनुदान मांगों को एक साथ सदन में लाना और उसे पास कराया जाना, यह संसदीय लोकतंत्र का मजाक था. भारतीय जनता पार्टी के अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ हम सब ने सदन से बहिर्गमन किया.

यूपी विधानसभा के इतिहास का काला दिन
नेता कांग्रेस आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि आज मैं मानती हूं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास का काला दिन है. जिस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं, जिस तरह से विधानसभा नियमावली की अवहेलना की गई है, मैं मानती हूं इस तरह का दृष्टांत इसके पहले कभी नहीं हुआ. जिस तरह से आज विधानसभा में बजट पास कराया गया, वह हास्यस्पद है. मुख्यमंत्री स्वयं सदन को लंबा चलाने की बात करते हैं, उनके पास बड़ा बहुमत है. फिर क्यों चर्चा से भाग रहे हैं. आखिर क्या वजह थी जो आज उन्होंने अचानक बजट पास कराया और प्रश्नकाल भी नहीं होने दिया.

आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि 11:00 बजे सत्र शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री ने बजट को पास करने के लिए प्रस्ताव पेश कर दिया. प्रश्नकाल विपक्ष का होता है. बहुत सारे सवाल होते हैं. प्रदेश की समस्याओं से जुड़े सवाल आते हैं. यह भी नहीं होने दिया. अगर किसी सरकार ने इस तरह का किया है तो वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया. इससे पहले पिछला बजट भी इस सरकार ने प्रश्नकाल के पहले ही पास करा लिया था. भाजपा पूरी तरीके से अलोकतांत्रिक तरीके से सदन को हाईजैक करना चाहती है. हाईजैक करके अपनी बातों को मनवाना चाहती है. इस पर कांग्रेस ने विरोध दर्ज कराया और सदन से बहिर्गमन किया.

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में बजट पास करा लिया. प्रश्नकाल के दौरान बजट को पास कराए जाने के तरीके को विपक्ष ने अलोकतंत्रिक बताया. विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया और सरकार ने उसी दौरान ध्वनि मत के साथ बजट पास कराया. विपक्ष ने सवाल उस वक्त उठाया, जब धन्यवाद भाषण के बाद विधेयक लाया गया. विधानसभा में आज के घटनाक्रम पर सत्तापक्ष और विपक्ष की अपनी-अपनी दलीलें हैं. सत्ता पक्ष ने विपक्ष को और विपक्ष ने सत्ता पक्ष को कटघरे में खड़ा किया.

लोकतंत्र की मर्यादा को समझती है भाजपा
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की मर्यादा को समझती है. लोकतंत्र की मर्यादा के साथ बजट का सत्र आया है. सत्र में बड़ी संख्या में पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी बातें सदन में रखी हैं. आज मुझे आश्चर्य उस वक्त हुआ जब सदन का समापन हो रहा था और विपक्ष के सदस्य वॉकआउट करके चले गए. यहां तक तो ठीक था, लेकिन वो राष्ट्रगान के लिए भी नहीं आए, जो बहुत ही निंदनीय है. पक्ष का हो या विपक्ष का, कम से कम राष्ट्रगान के वक्त सभी को शामिल होना चाहिए.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने स्वयं अपने मार्शल को भेजकर उन्हें बुलाने का भी काम किया. बावजूद इसके लोग सदन में नहीं आए. प्रश्नकाल में ही बजट पास कराने पर उन्होंने कहा कि सदन ने बहुमत के साथ फैसला किया. विपक्ष का काम अपना विरोध दर्ज कराना है. रही बात सदन को लंबे समय तक चलाने की तो कोविड-19 समेत अन्य परिस्थितियों के कारण सदन को लंबा चलाने में व्यवधान आया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम लोग सदन को लंबा नहीं चलाना चाहते. हमारी सरकार में सदन बुलाना, सदन को संचालित करना और विशेष सत्रों का आयोजन करना हुआ है.

संसदीय मर्यादाओं का विनाश करने पर तुली है भाजपा
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संविधान, लोकतंत्र, संसदीय परिपाटी और संसदीय मर्यादाओं का विनाश करने पर तुली है. सरकार और विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से 10 मार्च तक सदन चलाने का कार्यक्रम तय हुआ था. उसमें विपक्ष ने कोई राय भी नहीं दी थी. विपक्ष ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी इस बात को रखा था कि सदन को बढ़ाया जाए या न बढ़ाया जाए, लेकिन पूर्व से तय कार्यक्रम 10 मार्च तक विधानसभा को चलाया जाए. इस पर सरकार ने कहा था कि हम सदन को तय कार्यक्रम तक चलाएंगे ही नहीं बल्कि इसको बढ़ाएंगे भी.

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि आज अचानक संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करने लगे. नियमावली में है कि विभागीय बजट पास कराने के लिए कम से कम 24 दिन का समय चाहिए. उसके लिए समय निर्धारित किया गया है. चार दिन की चर्चा भी पूरी नहीं हो पाई. सरकार ने तानाशाही पूर्ण रवैया के साथ बजट पास करा लिया. सरकार के इस निर्णय पर हम लोगों ने असहमति दर्ज कराई और सदन से बहिर्गमन किया.

भाजपा ने की लोकतंत्र की हत्या
बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि निश्चित रूप से हमारा यह मानना है कि भारतीय जनता पार्टी उपदेश बहुत देती है, संसदीय मर्यादाओं का बार-बार जिक्र करती है, लेकिन प्रदेश के इतिहास में आजादी के बाद विशेष रूप से 1986 के बाद जब से विधानसभा में मैं आ रहा हूं, इस तरह से संसदीय मर्यादाओं और लोकतंत्र की हत्या होते नहीं देखा है. जब सदन शांतिपूर्वक अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए कार्य कर रहा हो, ऐसी स्थिति में बिना एजेंडा में लाए अनुदान मांगों को एक साथ सदन में लाना और उसे पास कराया जाना, यह संसदीय लोकतंत्र का मजाक था. भारतीय जनता पार्टी के अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ हम सब ने सदन से बहिर्गमन किया.

यूपी विधानसभा के इतिहास का काला दिन
नेता कांग्रेस आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि आज मैं मानती हूं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास का काला दिन है. जिस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं, जिस तरह से विधानसभा नियमावली की अवहेलना की गई है, मैं मानती हूं इस तरह का दृष्टांत इसके पहले कभी नहीं हुआ. जिस तरह से आज विधानसभा में बजट पास कराया गया, वह हास्यस्पद है. मुख्यमंत्री स्वयं सदन को लंबा चलाने की बात करते हैं, उनके पास बड़ा बहुमत है. फिर क्यों चर्चा से भाग रहे हैं. आखिर क्या वजह थी जो आज उन्होंने अचानक बजट पास कराया और प्रश्नकाल भी नहीं होने दिया.

आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि 11:00 बजे सत्र शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री ने बजट को पास करने के लिए प्रस्ताव पेश कर दिया. प्रश्नकाल विपक्ष का होता है. बहुत सारे सवाल होते हैं. प्रदेश की समस्याओं से जुड़े सवाल आते हैं. यह भी नहीं होने दिया. अगर किसी सरकार ने इस तरह का किया है तो वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया. इससे पहले पिछला बजट भी इस सरकार ने प्रश्नकाल के पहले ही पास करा लिया था. भाजपा पूरी तरीके से अलोकतांत्रिक तरीके से सदन को हाईजैक करना चाहती है. हाईजैक करके अपनी बातों को मनवाना चाहती है. इस पर कांग्रेस ने विरोध दर्ज कराया और सदन से बहिर्गमन किया.

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