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यूपी में कांवड़ यात्रा पर विपक्ष हमलावर, भाजपा बोली करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा इसलिए दी अनुमति

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है. कोरोना की तीसरी संभावित लहर के बीच सरकार के इस फैसले से विपक्ष हमलावर है, तो वहीं भाजपा का कहना है कि करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा विषय है. इसलिए सरकार ने इसकी अनुमति दी है.

यूपी में कांवड़ यात्रा पर विपक्ष हमलावर
यूपी में कांवड़ यात्रा पर विपक्ष हमलावर
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Published : Jul 14, 2021, 1:26 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को अनुमति दे दी है. सीएम योगी ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि सब के स्वास्थ्य की चिंता करना सरकार की जिम्मेदारी होती है. राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक के स्वास्थ्य और सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक ना होने पाए.

प्रदेश सरकार के इस फैसले पर उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम कहते हैं कि अपने आप को सुपरमैन बताने की कोशिश सरकार को नहीं करनी चाहिए. लोगों को समझना चाहिए, मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिए कि कोई भी धर्म इंसानों से ही है. अगर इंसान ही खतरे में रहेगा तो किसी भी धर्म को मानने वाले लोग खतरे में आ जाएंगे. इंसान का जीवन सबसे महत्वपूर्ण होता है. इंसान रहेगा तो सारे धार्मिक क्रियाकलाप होते रहेंगे. कोरोनावायरस की दूसरी लहर में जिस तरह से सरकार विफल हुई है, उससे सबक सीखते हुए और कड़ाई से कोरोनावायरस को फैलने से रोकने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन क्योंकि यह सरकार खुद विफल रही है, उन चीजों को ढकने की कोशिश करती रही है. इसलिए उसने पिछले कोरोना से अब तक नहीं सीखा और लोगों के जान को जोखिम में डाल रहे हैं.

इस पूरे प्रकरण पर भाजपा का कहना है कि ये करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा विषय है इसलिए राज्य सरकार ने कांवड यात्रा की अनुमति दी है. भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि कांवड़ यात्रा जन-जन की आस्था से जुड़ा हुआ विषय है. भगवान शिव के उत्तर प्रदेश में कई स्थान हैं. लखीमपुर में गोला गोकर्ण नाथ हैं. काशी में भगवान विश्वनाथ बैठे हैं. इसके साथ ही कई जिलों में भगवान शिव के महत्वपूर्ण स्थल हैं. जहां लोग जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरटीपीसीर(RTPCR) की जांच रिपोर्ट के साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कांवड़ यात्रा निकालने की स्वीकृति दी है. सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. जैसा भी न्यायालय का आदेश होगा सरकार उसका पालन करेगी.

इसे भी पढ़ें-शिवभक्तों के लिए बड़ी खबर : कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी ने लिए महत्वपूर्ण फैसले

दरअसल, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का खतरा जताए जाने के बावजूद 25 जुलाई से यात्रा की मंगलवार को अनुमति दे दी. जिसका उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच राज्य में कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का बुधवार को संज्ञान लिया. न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अगुवाई वाली पीठ ने राज्य सरकार को एक नोटिस जारी किया और मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया. उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने वैश्विक महामारी के मद्देनजर इस साल कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है.

हर साल कांवड़ यात्रा सावन के महीने में शुरू होती है. यूपी में अब कोरोना के मामलों में काफी गिरावट देखी जा रही है. जिसके बाद सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे दी है. यूपी में 25 जुलाई से शिव भक्तों को कांवड़ यात्रा शुरू करने की अनुमति दी गई है. जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने सरकार के इस फैसले का स्वत: संज्ञान लिया है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को अनुमति दे दी है. सीएम योगी ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि सब के स्वास्थ्य की चिंता करना सरकार की जिम्मेदारी होती है. राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक के स्वास्थ्य और सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक ना होने पाए.

प्रदेश सरकार के इस फैसले पर उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम कहते हैं कि अपने आप को सुपरमैन बताने की कोशिश सरकार को नहीं करनी चाहिए. लोगों को समझना चाहिए, मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिए कि कोई भी धर्म इंसानों से ही है. अगर इंसान ही खतरे में रहेगा तो किसी भी धर्म को मानने वाले लोग खतरे में आ जाएंगे. इंसान का जीवन सबसे महत्वपूर्ण होता है. इंसान रहेगा तो सारे धार्मिक क्रियाकलाप होते रहेंगे. कोरोनावायरस की दूसरी लहर में जिस तरह से सरकार विफल हुई है, उससे सबक सीखते हुए और कड़ाई से कोरोनावायरस को फैलने से रोकने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन क्योंकि यह सरकार खुद विफल रही है, उन चीजों को ढकने की कोशिश करती रही है. इसलिए उसने पिछले कोरोना से अब तक नहीं सीखा और लोगों के जान को जोखिम में डाल रहे हैं.

इस पूरे प्रकरण पर भाजपा का कहना है कि ये करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा विषय है इसलिए राज्य सरकार ने कांवड यात्रा की अनुमति दी है. भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि कांवड़ यात्रा जन-जन की आस्था से जुड़ा हुआ विषय है. भगवान शिव के उत्तर प्रदेश में कई स्थान हैं. लखीमपुर में गोला गोकर्ण नाथ हैं. काशी में भगवान विश्वनाथ बैठे हैं. इसके साथ ही कई जिलों में भगवान शिव के महत्वपूर्ण स्थल हैं. जहां लोग जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरटीपीसीर(RTPCR) की जांच रिपोर्ट के साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कांवड़ यात्रा निकालने की स्वीकृति दी है. सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. जैसा भी न्यायालय का आदेश होगा सरकार उसका पालन करेगी.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का खतरा जताए जाने के बावजूद 25 जुलाई से यात्रा की मंगलवार को अनुमति दे दी. जिसका उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच राज्य में कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का बुधवार को संज्ञान लिया. न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अगुवाई वाली पीठ ने राज्य सरकार को एक नोटिस जारी किया और मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया. उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने वैश्विक महामारी के मद्देनजर इस साल कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है.

हर साल कांवड़ यात्रा सावन के महीने में शुरू होती है. यूपी में अब कोरोना के मामलों में काफी गिरावट देखी जा रही है. जिसके बाद सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे दी है. यूपी में 25 जुलाई से शिव भक्तों को कांवड़ यात्रा शुरू करने की अनुमति दी गई है. जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने सरकार के इस फैसले का स्वत: संज्ञान लिया है.

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