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लखनऊ: सेन्टीनियल कॉलेज की तरह लालबाग गर्ल्स में भी खोला गया फर्जी निजी स्कूल!

राजधानी लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त लालबाग गर्ल्स कॉलेज पर भी शिक्षा माफिया ने कब्जा कर लिया है. इससे पहले सेन्टीनियल इंटर कॉलेज में फर्जी दस्तावेजों के सहारे स्कूल खोला गया था.

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लालबाग गर्ल्स स्कूल
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Published : Jul 25, 2022, 1:11 PM IST


लखनऊ: राजधानी के 135 साल पुराने सेन्टीनियल इंटर कॉलेज की ही तरह सरकारी सहायता प्राप्त लालबाग गर्ल्स कॉलेज पर भी कब्जा कर लिया गया है. जैसे सेन्टीनियल इंटर कॉलेज के भवन में मैथेडिस्ट चर्च के नाम से प्राइवेट स्कूल खोल लिया गया था, वैसे ही अब लालबाग में लालबाग इसाबेला थोबर्न स्कूल खोला गया है. बताया जा रहा है कि स्कूल में हजारों रुपये की फीस जमा कराई जा रही है और को-एजुकेशन के नाम पर बच्चे जुटाए जा रहे हैं. उसी प्रांगण में लालबाग गर्ल्स कॉलेज भी चलता है, जोकि एडेड स्कूल है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस स्कूल में भी उन्हीं लोगों का हाथ है, जिन्होंने सेन्टीनियल में कब्जा किया था.

बता दें कि सेन्टीनियल इंटर कॉलेज, लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज यह सभी शहर की सबसे पुरानी संस्थाएं हैं. इनका संचालन मैथेडिस्ट चर्च के अधीन किया जाता है. लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल अणिमा रिसाल सिंह ने इन शैक्षिक संस्थाओं पर कब्जा करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए. जिलाधिकारी की जांच में पुष्टि हुई कि पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी चिट फंड्स लखनऊ मंडल की मदद से अणिमा रिसाल सिंह ने इन संस्थाओं पर कब्जा करने का षड़यंत्र रचा. इन्हीं आरोपों के चलते सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली सभी सुविधाओं को रोक दिया गया.

इसे भी पढ़े-सेंटीनियल कॉलेज विवादः डीएम के आदेश के बावजूद शिक्षकों और छात्रों से बदसलूकी

सेन्टीनियल इंटर कॉलेज में बने निजी स्कूल मैथेडिस्ट चर्च का प्रबंधक अक्षय रिसाल सिंह है. अक्षय अणिमा रिसाल सिंह का बेटा है. जानकारों की मानें तो अणिमा रिसाल सिंह ने ही लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज के परिसर में निजी स्कूल का संचालन शुरू किया था. उसकी आड़ में मोटी फीस वसूली जा रही है.

मजेदार बात यह रही कि 1 वर्ष पूर्व कोविड-19 के दौरान इसी प्रांगण में केमिस्ट्री और फिजिक्स की लैब ध्वस्त कर एक नया सीबीएसई माध्यम का स्कूल लालबाग इसाबेला थोबर्न स्कूल खोल दिया गया. इसकी मान्यता भी उसी विवादित वरिष्ठ सहायक/क्लर्क आलोक कुमार सिंह ने दी थी, जिसके ऊपर पिछले दिनों जिलाधिकारी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया है. संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा लखनऊ मंडल सुरेंद्र कुमार तिवारी का कहना है कि सरकारी स्कूल की जमीन पर गलत ढंग से अंग्रेजी स्कूल चलाना पूरी तरह से गलत है. इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

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लखनऊ: राजधानी के 135 साल पुराने सेन्टीनियल इंटर कॉलेज की ही तरह सरकारी सहायता प्राप्त लालबाग गर्ल्स कॉलेज पर भी कब्जा कर लिया गया है. जैसे सेन्टीनियल इंटर कॉलेज के भवन में मैथेडिस्ट चर्च के नाम से प्राइवेट स्कूल खोल लिया गया था, वैसे ही अब लालबाग में लालबाग इसाबेला थोबर्न स्कूल खोला गया है. बताया जा रहा है कि स्कूल में हजारों रुपये की फीस जमा कराई जा रही है और को-एजुकेशन के नाम पर बच्चे जुटाए जा रहे हैं. उसी प्रांगण में लालबाग गर्ल्स कॉलेज भी चलता है, जोकि एडेड स्कूल है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस स्कूल में भी उन्हीं लोगों का हाथ है, जिन्होंने सेन्टीनियल में कब्जा किया था.

बता दें कि सेन्टीनियल इंटर कॉलेज, लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज यह सभी शहर की सबसे पुरानी संस्थाएं हैं. इनका संचालन मैथेडिस्ट चर्च के अधीन किया जाता है. लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल अणिमा रिसाल सिंह ने इन शैक्षिक संस्थाओं पर कब्जा करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए. जिलाधिकारी की जांच में पुष्टि हुई कि पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी चिट फंड्स लखनऊ मंडल की मदद से अणिमा रिसाल सिंह ने इन संस्थाओं पर कब्जा करने का षड़यंत्र रचा. इन्हीं आरोपों के चलते सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली सभी सुविधाओं को रोक दिया गया.

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सेन्टीनियल इंटर कॉलेज में बने निजी स्कूल मैथेडिस्ट चर्च का प्रबंधक अक्षय रिसाल सिंह है. अक्षय अणिमा रिसाल सिंह का बेटा है. जानकारों की मानें तो अणिमा रिसाल सिंह ने ही लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज के परिसर में निजी स्कूल का संचालन शुरू किया था. उसकी आड़ में मोटी फीस वसूली जा रही है.

मजेदार बात यह रही कि 1 वर्ष पूर्व कोविड-19 के दौरान इसी प्रांगण में केमिस्ट्री और फिजिक्स की लैब ध्वस्त कर एक नया सीबीएसई माध्यम का स्कूल लालबाग इसाबेला थोबर्न स्कूल खोल दिया गया. इसकी मान्यता भी उसी विवादित वरिष्ठ सहायक/क्लर्क आलोक कुमार सिंह ने दी थी, जिसके ऊपर पिछले दिनों जिलाधिकारी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया है. संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा लखनऊ मंडल सुरेंद्र कुमार तिवारी का कहना है कि सरकारी स्कूल की जमीन पर गलत ढंग से अंग्रेजी स्कूल चलाना पूरी तरह से गलत है. इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

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