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लखनऊ में अवध डिपो से एसी बसों का संचालन ठप, क्षेत्रीय प्रबंधक पर उत्पीड़न का आरोप

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Published : Apr 13, 2023, 10:48 AM IST

लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर रोडवेज कर्मचारियों ने गुरुवार को लखनऊ की अवध डिपो कार्यशाला से एसी जनरथ बसों का संचालन ठप करा दिया. कर्मचारियों का कहना है कि सीनियर अधिकारियों से लगातार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इस बाबत मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई है.

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लखनऊ में अवध डिपो से एसी बसों का संचालन ठप, क्षेत्रीय प्रबंधक पर उत्पीड़न का आरोप.

लखनऊ : रोडवेज कर्मचारियों ने लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक की मनमानी से परेशान होकर गुरुवार सुबह से ही अवध डिपो से एसी बसों का संचालन ठप कर दिया. इससे बस स्टेशन पर एसी बस का इंतजार कर रहे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अवध डिपो से एक भी एसी बस बस स्टेशन के लिए नहीं निकली. रोडवेज कर्मचारियों ने कार्यशाला पर गेट मीटिंग करके बसों का संचालन ठप करने का फैसला लिया. रोडवेज अधिकारी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि क्षेत्रीय प्रबंधक हर रोज नए नए नियम कानून लागू करते हैं, जो कर्मचारियों के हित में नहीं हैं. हड़ताल तभी समाप्त होगी जब कर्मचारी हित में फैसला लिया जाएगा.



लखनऊ की अवध डिपो कार्यशाला से एसी जनरथ बसों का संचालन होता है. यात्रियों के लिए सस्ती दर पर एसी बस से सफर की सुविधा इन्हीं जनरथ बसों से उपलब्ध होती है. गुरुवार सुबह से ही बस स्टेशन पर यात्रियों को इन्हीं एसी जनरथ बसों के संचालन ठप होने के कारण भटकना पड़ गया. सुबह आठ बजे से ही रोडवेज कर्मचारियों ने एक भी बस डिपो से बाहर नहीं निकलने दी.

रोडवेज कर्मचारी नेता रामराज विश्वकर्मा का कहना है कि हर रोज लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक नए नए नियम कानून बना देते हैं जिससे कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं. अब रात में बसों को उसी जगह पर हाल्ट करने की बात कही जा रही है. ड्राइवर कंडक्टर पर दबाव बनाया जा रहा है जो बिल्कुल भी सही नहीं है. इसका सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. कर्मचारियों की कोई सुनवाई ही अधिकारी नहीं करते हैं. ऑटो पार्ट्स का अभाव है. बसें बीच रास्ते में ही खड़ी हो जाती हैं और कटौती ड्राइवर कंडक्टर से कर ली जाती है, यह बिल्कुल सही नहीं है.

अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सतनारायण चौधरी का कहना है कि अवध डिपो में 52 वातानुकूलित बसें हैं. जिनमें से 35 बसें आठ लाख किलोमीटर से ऊपर चल चुकी हैं. उन्हें अब लंबी दूरी पर नहीं भेजा जाएगा, बल्कि 300 किलोमीटर तक ही इनका संचालन होगा. साथ ही इन बसों पर सिंगल ड्राइवर कंडक्टर की व्यवस्था होगी. पांच दिन तक लगातार यह बस एक ही चालक के नाम रहेगी. इसका यूनियन के लोग विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा रात्रि में 600 किलोमीटर से ऊपर जो भी बसें संचालित हो रही हैं उन पर डबल ड्राइवर भेजे जा रहे हैं रात में उन बसों को वहीं पर हाल्ट करना होगा. इसका भी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. यही वजह से बसों का संचालन ठप कर दिया है. वार्ता का प्रयास किया जा रहा है.


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लखनऊ में अवध डिपो से एसी बसों का संचालन ठप, क्षेत्रीय प्रबंधक पर उत्पीड़न का आरोप.

लखनऊ : रोडवेज कर्मचारियों ने लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक की मनमानी से परेशान होकर गुरुवार सुबह से ही अवध डिपो से एसी बसों का संचालन ठप कर दिया. इससे बस स्टेशन पर एसी बस का इंतजार कर रहे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अवध डिपो से एक भी एसी बस बस स्टेशन के लिए नहीं निकली. रोडवेज कर्मचारियों ने कार्यशाला पर गेट मीटिंग करके बसों का संचालन ठप करने का फैसला लिया. रोडवेज अधिकारी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि क्षेत्रीय प्रबंधक हर रोज नए नए नियम कानून लागू करते हैं, जो कर्मचारियों के हित में नहीं हैं. हड़ताल तभी समाप्त होगी जब कर्मचारी हित में फैसला लिया जाएगा.



लखनऊ की अवध डिपो कार्यशाला से एसी जनरथ बसों का संचालन होता है. यात्रियों के लिए सस्ती दर पर एसी बस से सफर की सुविधा इन्हीं जनरथ बसों से उपलब्ध होती है. गुरुवार सुबह से ही बस स्टेशन पर यात्रियों को इन्हीं एसी जनरथ बसों के संचालन ठप होने के कारण भटकना पड़ गया. सुबह आठ बजे से ही रोडवेज कर्मचारियों ने एक भी बस डिपो से बाहर नहीं निकलने दी.

रोडवेज कर्मचारी नेता रामराज विश्वकर्मा का कहना है कि हर रोज लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक नए नए नियम कानून बना देते हैं जिससे कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं. अब रात में बसों को उसी जगह पर हाल्ट करने की बात कही जा रही है. ड्राइवर कंडक्टर पर दबाव बनाया जा रहा है जो बिल्कुल भी सही नहीं है. इसका सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. कर्मचारियों की कोई सुनवाई ही अधिकारी नहीं करते हैं. ऑटो पार्ट्स का अभाव है. बसें बीच रास्ते में ही खड़ी हो जाती हैं और कटौती ड्राइवर कंडक्टर से कर ली जाती है, यह बिल्कुल सही नहीं है.

अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सतनारायण चौधरी का कहना है कि अवध डिपो में 52 वातानुकूलित बसें हैं. जिनमें से 35 बसें आठ लाख किलोमीटर से ऊपर चल चुकी हैं. उन्हें अब लंबी दूरी पर नहीं भेजा जाएगा, बल्कि 300 किलोमीटर तक ही इनका संचालन होगा. साथ ही इन बसों पर सिंगल ड्राइवर कंडक्टर की व्यवस्था होगी. पांच दिन तक लगातार यह बस एक ही चालक के नाम रहेगी. इसका यूनियन के लोग विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा रात्रि में 600 किलोमीटर से ऊपर जो भी बसें संचालित हो रही हैं उन पर डबल ड्राइवर भेजे जा रहे हैं रात में उन बसों को वहीं पर हाल्ट करना होगा. इसका भी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. यही वजह से बसों का संचालन ठप कर दिया है. वार्ता का प्रयास किया जा रहा है.


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