लखनऊः डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 7 जून से ओपीडी शुरू होगी. ओपीडी के लिए मरीजों को अधिकतम 5 दिन पुरानी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी. मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार को प्रवेश मिलेगा. उसके पास भी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है.
25 नए और 25 पुराने रोगियों को ही मिलेगा परामर्श
संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि कैंसर से संबंधित चिकित्सीय सेवाओं को छोड़कर सुपर स्पेशलिटी विभागों में प्रतिदिन सिर्फ 50 मरीज ही देखे जा सकेंगे. इनमें से 25 मई और 25 पुराने मरीजों को परामर्श मिल सकेगा. गायनिक विभाग को छोड़कर जनरल विभागों में दिल सौ मरीज देखे जाएंगे, जिनमें से 50 नए रोगी और 50 पुराने रोगी होंगे. इन सभी मरीजों को अपने साथ आरटी-पीसीआर अथवा ट्रू नेट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी.
पढ़ें- इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को सभी 17 नगर निगमों में लागू करने के निर्देश
ओपीडी के लिए भटक रहे विभिन्न बीमारियों के मरीज को लोहिया संस्थान में बड़ी राहत मिल सकेगी. कोविड शुरू होने के बाद संस्थान में ओपीडी बंद कर दी गई थी. जिससे खासतौर पर कैंसर हृदय रोग व अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
अनिवार्य होगा कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन
चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि ओपीडी के दौरान मरीजों और तीमारदारों के साथ-साथ चिकित्सकों हेल्थ वर्कर्स के लिए भी कोविड-19 का अनुपालन अनिवार्य होगा. इमरजेंसी से संबंधित समस्त स्टाफ की टीवी के 10 कारें कार्य करेगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को सक्रिय किया जाएगा और इसकी सीमा बढ़ाई जाएगी. इस दौरान टेलीमेडिसिन ओपीडी की व्यवस्था भी जारी रखी जाएगी.