लखनऊः सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर ने कहा कि बीजेपी की एंटी पार्टी लोकसभा में एक साथ होगी. इसके लिए सभी को इकट्ठा करेंगे. भले ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा में चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरी ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई हो. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी. इस उम्मीद के साथ सुभासपा ने अब लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.
रविवार को लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. इस मौके पर ओमप्रकाश राजभर ने ये भी बड़ा बयान दिया है कि सभी एंटी बीजेपी पार्टियों को लेकर लोकसभा में बड़ा गठबंधन तैयार किया जायेगा. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, बिहार में लालू प्रसाद यादव, दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी एंट्री वाली गोल में हैं. सभी को एक साथ लेने के लिए लालू यादव, ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे से मुलाकात भी की है.
सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने मंदिर और मस्जिद के बाहर पूजा न करने के आदेश पर निशाना साधते हुए कहा कि टीवी पर देखा कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री का बयान आया है कि हम सड़क पर किसी को पूजा नहीं करने देंगे, तो हम इंतजार कर रहे हैं कि आखिर कावड़ यात्रा कहां होगी. संपत्ति का ब्योरा देने के आदेश पर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में भी सीएम योगी ने यही आदेश दिया था. लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. उस समय तो हम भी मंत्री थे. 15 दिन में सब भूल जाएंगे. राजभर ने मांग की है कि सीएम योगी समेत उनके सभी मंत्रियों को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करनी चाहिए.
कामकाज में अपनी तुलना भगवान श्री राम से करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भगवान श्री राम 14 साल जंगल में भटके और ओमप्रकाश राजभर 14 साल गांव-गांव जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और नौकरी दिलाने के लिए बैठा. उन्होंने कहा कि 14 साल हमने सत्ता के लिए काम नहीं किया. जब मुझे सत्ता मिली तो 18 महीने में छोड़ दिया.
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ओपी राजभर ने कहा कि सुभासपा ने दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था. जिसमें राष्ट्रीय कमेटी, प्रदेश के जिम्मेदार लोगों को बुलाया गया था. पूरे उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटा है. संगठन के दृष्टिकोण को देखते हुए पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड में विभाजित किया गया है.
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