लखनऊ: कोरोना वायरस से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रशासन ने लोक भवन को सैनिटाइज कराया है, लेकिन दूसरे सचिवालय भवनों को इस प्रक्रिया से दूर रखा गया है. इससे सचिवालय कर्मचारियों में ही भय का माहौल है. कर्मचारियों ने कहा कि केवल मुख्यमंत्री कार्यालय वाले लोग भवन को सैनिटाइज करने से कोरोना का खतरा खत्म नहीं होगा.
लोक भवन को कराया गया सैनिटाइज
कोरोना वायरस को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार भी अलर्ट मोड में है. हर रोज सचिवालय प्रशासन की ओर से नए दिशानिर्देश भी जारी हो रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय वाले लोक भवन को कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए सैनिटाइज कराया गया है. भवन में मुख्य सचिव आरके तिवारी और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के कार्यालय भी स्थित हैं. लोक भवन को सैनिटाइज कराए जाने का सचिवालय कर्मचारियों ने स्वागत किया है, लेकिन इसके साथ ही अपनी चिंता भी जाहिर की है.
सभी कार्यालयों को कराया जाए सैनिटाइज
कर्मचारियों का कहना है कि केवल लोक भवन को सैनिटाइज कराने से कोरोना के खतरे को कम नहीं किया जा सकता. लोक भवन में क्योंकि दूसरे सचिवालय भवन से भी अधिकारियों और कर्मचारियों का आना-जाना बना रहता है. ऐसे में सचिवालय प्रशासन को विधान भवन स्थित सचिवालय और बापू भवन, लाल बहादुर शास्त्री भवन, विकास भवन, जवाहर भवन और इंदिरा भवन के कार्यालयों को भी सैनिटाइज कराना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोक भवन को सैनिटाइज कराने की प्रक्रिया भी कारगर साबित नहीं होगी और सुरक्षा चक्र टूट जाएगा.
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उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के कोषाध्यक्ष गोपीकृष्ण श्रीवास्तव और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष विजय निगम ने कहा कि सरकार को सचिवालय कर्मचारियों के स्वास्थ्य की चिंता करने के साथ-साथ सचिवालय भवन को भी सुरक्षित बनाने के लिए इंतजाम करना चाहिए. सचिवालय भवन परिसर में शुक्रवार को हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था फेल होती दिखाई दी है.
इतने बड़े सचिवालय में हजारों लोगों के आने जाने से सरकार का खर्च तो बढ़ेगा, लेकिन कोरोना को रोकने के लिए हाथ धुलने की व्यवस्था को सोफी असली कारगर बनाना आवश्यक है. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सचिवालय कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराए जाएं.