लखनऊ: एलयू में वर्ष 2018 में ई-लाइब्रेरी की शुरुआत की गई थी. लेकिन, करीब 3 साल का समय गुजर जाने के बावजूद भी अभी तक सिर्फ 6000 के आसपास छात्र छात्राओं को इस लाइब्रेरी का लाभ मिल सका है. लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गुरुवार को इसके आंकड़े जारी किए गए. दावा है कि अब प्रक्रिया को और भी आसान बना दिया गया है. जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसका लाभ मिल सकेगा.
दो करोड़ का मिला था अनुदान
एलयू को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत दो करोड़ रुपये साइबर लाइब्रेरी के लिए आवंटित किए गए थे. इससे विश्वविद्यालय ने वर्ष 2018 में ई-रिसोर्स खरीदे. इसमें इंजिनियरिंग से लेकर, ह्यूमैनिटीज, साइंस, साहित्य, कॉमर्स और मैनेजमेंट के पाठ्यक्रमों के लिए ई-कंटेंट मौजूद हैं. लेकिन, हैरानी की बात है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी बेहद कम संख्या में छात्र-छात्राओं को इस साइबर लाइब्रेरी का फायदा मिला है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया ये दावा
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई. इसमें ई-लाइब्रेरी के लिए और बेहतर ढंग से काम किए जाने का दावा किया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में छात्रों को लाभ पहुंचे.
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टैगोर लाइब्रेरी ने 9,273 से अधिक ऑनलाइन ई-पुस्तकें, 12 ऑनलाइन डेटाबेस और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशकों की ऑनलाइन पत्रिकाओं, अर्थात, स्प्रिंगर-नेचर, एल्सेवियर, टेलर एंड फ्रांसिस, प्यूडसन, प्रॉक्वेस्ट, एबस्को, लेक्सिसनेक्सिस की एक विशाल ई-लाइब्रेरी स्थापित की है. इस पर परिसर के भीतर लखनऊ विश्वविद्यालय के आईपी एड्रेस के माध्यम से पहुंचा जा सकता है और दूरदराज के लॉगिन के माध्यम से परिसर के बाहर से भी किया जा सकता है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के होमपेज पर उपलब्ध 'लाइब्रेरी' हाइपरलिंक के अंदर 'साइबर लाइब्रेरी' भाग में अथवा होमपेज पर ही उपलब्ध 'ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल फॉर स्टूडेंट्स' के अंदर 'एक्सेस ई-रिसोर्सेज ऑफ टैगोर लाइब्रेरी' में क्लिक करने पर यह सभी जर्नल्स, मैगजींस, ई-बुक्स आदि मिल जायेगी. लाइब्रेरी से उपयोगकर्ताओं से लॉगिन क्रेडेंशियल के लिए अनुरोध लगातार प्राप्त हो रहे हैं. अब तक, 6000 से अधिक उपयोगकर्ताओं के लिए लॉगिन क्रेडेंशियल उत्पन्न हो चुके हैं.