लखनऊ: काफी कम संख्या में ट्रेनों के संचालन से दलालों की चांदी हो रही है, वहीं यात्री ठगे जा रहे हैं. इसका खुलासा तब हो रहा है जब ट्रेन में टिकट चेकिंग के दौरान ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. इससे रेलवे के अधिकारियों के भी होश फाख्ता हो रहे हैं. पुष्पक एक्सप्रेस में सवार होकर एक यात्री मुम्बई जा रहा था. जब टिकट चेक की गई, तो उसके पास ओरिजनल टिकट के बजाय व्हाट्सएप टिकट था. ये टिकट मुम्बई से बनाया गया था. इसी तरह टिकट चेकिंग के दौरान कुशीनगर एक्सप्रेस में यात्री पकड़े गए तो टिकट दलालों की पोल खुली.
कोरोना काल में रेलवे ने देशभर में एक जून से सिर्फ 200 ट्रेनों का ऑपरेशन प्रारम्भ किया. इसमें लखनऊ से मुंबई के लिए पुष्पक एक्सप्रेस और लखनऊ से दिल्ली के लिए गोमती एक्सप्रेस संचालित की जा रही है. एक तरफ ट्रेनों की संख्या कम होने की वजह से लंबी वेटिंग चल रही है. जिसका फायदा टिकट दलाल उठा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही है. ट्रेनों के लिए डिमांड भी काफी बढ़ गई है. यात्रियों की ओर से मरुधर एक्सप्रेस, राप्तीसागर, दून एक्सप्रेस सहित तमाम ट्रेनों को चलाने की डिमांड लंबे समय से हो रही है. लेकिन रेलवे इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
रेलवे दूसरी ट्रेनों का संचालन स्टार्ट ही नहीं कर रहा है. ऐसे में लखनऊ से मुंबई जाने वाले यात्रियों के लिए पुष्पक का ही सहारा है. लेकिन उसकी लंबी वेटिंग और तत्काल तक दलालों की पहुंच के चलते यात्रियों को कंफर्म टिकट भी नहीं मिल पाते हैं, जिसका टिकट दलाल फायदा उठा रहे हैं.
ट्रेन में कंफर्म सीटों की मारामारी
रेलवे की तरफ से काफी कम संख्या में ट्रेनें चलाई जा रही हैं. ऐसे में आरक्षित सीटों के लिए यात्रियों में मारामारी हो रही है. ट्रेनों में कंफर्म सीटों को लेकर चल रही है. वेटिंग का आलम यह है कि मुंबई जाने वाली गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस में स्लीपर में वेटिंग 347 और थर्ड एसी में 106 है. कुशीनगर एक्सप्रेस के स्लीपर में 168 और थर्ड एसी में 33 है. पुष्पक एक्सप्रेस में स्लीपर की वेटिंग 293 थर्ड एसी की 65 और सेकंड एसी की 32 है.