लखनऊ: शिक्षार्थी ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन के लिए अब आधार पर दर्ज पते की आवश्यकता नहीं होगी. अब ऑनलाइन लर्निंग डीएल आवेदन के साथ आधार की अनिवार्यता समाप्त करने की परिवहन विभाग तैयारी कर रहा है. ये व्यवस्था समाप्त करने के बाद आवेदकों को आधार के अलावा पते के लिए चार अन्य विकल्प उपलब्ध कराए जाने की तैयारी है. सारथी फोर साफ्टवेयर में इसके लिए बदलाव किया जाएगा. अगले माह से विभाग प्रदेश भर में ये नई व्यवस्था लागू कर सकता है.
डीएल बनवाने के क्या हैं नियम:- उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 के 18-क में पते और उम्र के प्रमाण के लिए पांच तरह के दस्तावेज स्वीकार किए जाने का जिक्र है. केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम (4) में साक्ष्य के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन और वाहनों के रजिस्ट्रेशन में पते और उम्र के लिए आधार कार्ड के अलावा चार और विकल्प लाइसेंसिंग प्राधिकारी को स्वीकार करने का प्रावधान है. परिवहन मंत्रालय के सचिव ने आधार के पते पर ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था पर अपत्ति जताई. उन्होंने देश भर के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से कहा है कि आधार के पते पर डीएल जारी करने की अनिवार्यता से देश भर के लोगों को दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा है कि इस व्यवस्था में हर राज्य अपने हिसाब से बदलाव करे जिससे आम जनता को ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन में दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
आधार के अलावा ये होंगे विकल्प
-पेंशन पासबुक
-शस्त्र लाइसेंस
-आधार कार्ड
-मतदाता पहचान-पत्र
-पहचान पत्र, केंद्र व राज्य सरकार कर्मियों के लिए
उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि डीएल आवेदन में आवेदक के आधार के पते के साथ साथ आवेदक को पते के प्रमाण के तौर पर अन्य विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे. इस संबंध में एनआईसी को साफ्टवेयर में बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं. सॉफ्टवेयर में बदलाव होने के बाद आवेदकों को जो परेशानी हो रही थी. वह पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.