लखनऊ : शिखा गौतम सेक्टर 1बी / 161, वृन्दावन योजना, पीजीआई लखनऊ में रहती हैं. उन्होंने बताया कि बीती 13 दिसंबर 2022 को मीशो नामक एक ऑनलाइन कंपनी के एमडी दयाशंकर मिश्रा, कोलकाता का मैसेज आया. बताया गया कि मीशो कंपनी की तरफ से उन्हें एक कार गिफ्ट की जा रही है. जिसके लिए आपको रजिस्टरेशन कराना होगा. इसके लिए उनसे फोटो, आईडी और रजिस्टरेशन फीस 2,999 रुपये कार के इंश्योरेंस का चार्ज 18,600 रुपये इंश्योरेंस के पेपर की पीडीएफ फाइल कंपनी की तरफ से भेजी गई. फिर कार को कोलकाता से लखनऊ भिजवाने के नाम पर कंपनी द्वारा विभिन्न प्रकार के चार्जेस जैसे टोल टैक्स रु 20,500 रुपये, पाल्यूशन चार्ज 15,000 रुपये का ट्रांजेक्शन शिखा द्वारा किया गया. इसके बाद अधिक पैसे मांगने पर शिखा ने कार लेने से मना कर दिया.
इसके बाद कार की जगह नकद राशि खाते में ट्रांसफर का झांसा दिया गया और 7,80,000 रुपये की धनराशि के चेक का फोटो शिखा गौतम के नाम से भेजी गया. ट्रांजेक्शन सक्सेज्फुल्ल का मैसेज भेजने के बाद सर्विस चार्ज रु 23,400 रुपये, टीडीएस चार्ज 23,400 रुपये, रिन्यूअल टू आरटीजीएस चार्ज 39,500 रुपये, एनईएफटी चार्ज 49,600 रुपये, जीएसटी चार्ज 51,600 रुपये इनकम टैक्स चार्ज 99,200 रुपये, इन्टरसिटी चार्ज कुल 2,31,200 रुपये, बैंक सर्विस चार्ज 71,600 रुपये, पेनाल्टी चार्ज 28,600 रुपये, पुक कोड चार्ज कुल 1,16,800 रुपये, रिन्यू चार्ज 1,65,000 रुपये समेत कई अन्य प्रकार के चार्ज मांगे गए. इसके बाद कहा गया कि सभी चार्ज जोड़ने के बाद पूरी धनराशि रु 11,72,000 रुपये वापस भेज दी जाएगी.
नए साल पर खाते के रिन्युअल के नाम पर फिर 2,50,000 रुपये भेजने के लिए कहा गया तथा साथ में अमाउंट खाते में ट्रांजेक्शन शुरू करने के लिए मांगने की बात कही. कहा गया कि बाद में सारा अमाउंट एक साथ उपरोक्त सभी ट्रांजेक्शन को जोड़ते हुए आपके खाते में भेज दिया जाएगा. उक्त के क्रम में शिखा ने 1,50, 000 रुपये और भेजे गए. सभी ट्रांजेक्शन यूपीआई, फोन पे, नेट बैंकिंग द्वारा, साइबर कैफ़े के माध्यम से ऑनलाइन किए. पीजीआई कोतवाली पुलिस पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है.
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