लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि के दौरान आवश्यक सेवाओं और आवश्यक सामान की आपूर्ति में कोई दिक्कत न हो. उसके लिए राजस्व विभाग के राहत आयुक्त कार्यालय की तरफ से ई-पास जारी करने का काम किया जा रहा है. खास बात यह है कुछ जरूरी सेवाओं के लिए अब ई-पास की भी आवश्यकता नहीं है.
दूसरे राज्यों में आने जाने के लिए ई-पास जारी करने की व्यवस्था
इसके अलावा अन्य लोगों को किसी जरूरी काम या विशेष परिस्थिति में एक जिले से दूसरे जिले में आने जाने के लिए भी ई-पास जारी किए जा रहे हैं. इसके अलावा यूपी से अन्य राज्यों के लिए भी ई-पास जारी किए जा रहे हैं. अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने पिछले दिनों सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट के माध्यम से आवश्यक वस्तु एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों और संस्थाओं के पास जारी किए जाने को लेकर आदेश जारी किए थे. साथ ही व्यक्तिगत ई-पास जारी करने की भी व्यवस्था शुरू कराया गई है.
आमजन भी बनवा सकते हैं ऑनलाइन ई-पास
जारी आदेश में कहा गया था कि आमजन चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने या अन्य किसी जरूरी काम के लिए भी ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं. यदि किसी क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति आमजन को प्राप्त नहीं हो रही है तो इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर की जा सकती है.
इस तरह जारी होते हैं ऑनलाइन ई-पास
राहत आयुक्त कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी शैलेंदु मिश्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि आवेदक rahat.up.nic.in/epass पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से ऑनलाइन पास के लिए आवेदन करके बनवा सकते हैं. ई-पास में संस्थागत पास का भी प्रावधान किया गया है. जिसमें एक संस्था आवेदक सहित अधिकतम 5 कर्मचारियों के लिए आवेदन पत्र किए जा सकेंगे. ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का सत्यापन अधिकृत प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जाएगा और इसके बाद आवेदनों के सत्यापन के बाद उन्हें ई-पास स्वीकृत किया जाएगा. स्वीकृत किए गए आवेदन के लिए ई-पास ऑनलाइन जारी किए जाएंगे, जिनका आवेदक द्वारा उन्हें प्राप्त एसएमएस में दिए गए लिंक पर क्लिक कर डाउनलोड या प्रिंट कर उपयोग किया जा सकेगा. वहीं कुछ जरूरी सेवाओं के लिए अब ई पास की अनिवार्यता नहीं है.
ई-पास की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी होगी मान्य, प्रदेश के बाहर के लिए डीएम बनाएंगे पास
राहत आयुक्त कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी शैलेन्दु मिश्रा कहते हैं कि ई-पास की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी यानी डिजिटल कॉपी भी मान्य होगी. ई-पास के लिए आवेदक को आवेदन करते समय अपलोड जीएसटी प्रमाण पत्र, वाणिज्य प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र आदि प्रस्तुत करना होगा. जिले की सीमा के अंतर्गत पास जारी करने के लिए उप जिलाधिकारी और प्रदेश की सीमा के भीतर अंतर्जनपदीय पास जारी करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित एडीएम अधिकृत होंगे. संस्थानों के लिए जारी ई-पास लॉकडाउन की संपूर्ण अवधि के लिए वैध होंगे. जबकि आम जन के लिए जारी जनपदीय ई-पास की वैधता 1 दिन की होगी एवं अंतर्जनपदीय पास की वैधता 2 दिन की होगी. प्रदेश के बाहर जाने के लिए डीएम के स्तर पर ई पास जारी किए जाएंगे.
प्रदेश के बाहर के लिए विशेष परिस्थितियों में डीएम करेंगे ई-पास जारी
राहत आयुक्त कार्यालय के अधिकारी कहते हैं कि प्रदेश के बाहर के राज्यों के जिलों के लिए विशिष्ट मामलों में ई-पास आवेदक के प्रस्थान करने वाले जनपद के जिलाधिकारी द्वारा जारी करने की व्यवस्था है. किसी भी प्रकार की समस्या के लिए राहत आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों को इसके निस्तारण की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए केवल विशेष सचिव राजस्व विभाग 9411006000, चंद्रकांत प्रोजेक्ट एक्सपर्ट 9988514423 के नंबर जारी किए गए हैं. राहत आयुक्त कार्यालय का व्हाट्सएप नंबर 9454411081 और राहत आयुक्त कार्यालय का फोन नंबर 0522, 22388100 पर बात अपनी समस्या बताई जा सकती है.
राहत आयुक्त कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी शैलेन्दु मिश्रा ने बताया कि अब तक जब से ही पास जारी करने की व्यवस्था शुरू की गई है तब से करीब 47 हजार से अधिक ई-पास आवश्यक सेवाओं के साथ ही प्रदेश के बाहर जाने वाले लोगों के लिए बनाए गए हैं. जिला स्तर पर आवेदन करने के साथ ही उसके सत्यापन के बाद ही ई-पास जारी करने की व्यवस्था होती है. किसी को कोई समस्या होने पर मुख्यालय से उसका निस्तारण किया जाता है.
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