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लखनऊ विश्वविद्यालय: पीएचडी कॉउंसलिंग प्रक्रिया के लिए एक और मौका - लखनऊ की खबरें

लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की काउंसलिंग में अनुपस्थित रहे लोगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक और अवसर प्रदान किया है. छूटे हुए छात्र छात्राएं 5 अक्टूबर को 11 बजे से पहले संबंधित विभाग में काउंसलिंग करा सकते हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद बैठक में छात्रों के लिए काउंसलिंग और गाइडेंस सेल का भी गठन किया गया है.

Lucknow University
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Published : Oct 4, 2020, 12:31 PM IST

लखनऊ: एलयू (लखनऊ विश्वविद्यालय) द्वारा सूचना जारी की गई है कि पीएचडी में जो भी अभ्यर्थी काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए हैं. वह 5 अक्टूबर को सुबह से काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि 26 सितंबर से 30 सितंबर तक विभिन्न भागों में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण कुछ छात्र व छात्राएं किसी कारणवश काउंसलिंग प्रक्रिया में नहीं उपस्थित हो सके, उनके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति ने एक अवसर और प्रदान किया है.

5 अक्टूबर को अंतिम मौका

दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति ने काउंसलिंग प्रक्रिया में बचे हुए छात्रों के लिए 5 अक्टूबर की डेट निर्धारित की है. सभी अभ्यर्थी 11 बजे सुबह तक काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण ऐसे छात्र, जो किन्हीं कारणवश साक्षात्कार में सम्मिलित नहीं हो पाए हैं. वह संबंधित विभागाध्यक्ष कक्ष में दिनांक 5 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे तक आवश्यक अभिलेखों सहित उपस्थित हो जाएं.

छात्रों के लिए काउंसलिंग की सुविधा

मीडिया प्रभारी ने बताया कि कार्यपरिषद बैठक में विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे सभी विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए एक काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल बनाने पर सहमति व्यक्त की है. मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान को इस सेल के निदेशक के रूप में मनोनीत किया गया है. साथ ही मनोविज्ञान विभाग के डॉ ललित सेल के काउंसलिंग विंग का उपनिदेशक और लोक प्रशासन विभाग की डॉक्टर वैशाली सक्सेना को गाइडेंस विंग का उपनिदेशक नियुक्त किया गया है.

लखनऊ: एलयू (लखनऊ विश्वविद्यालय) द्वारा सूचना जारी की गई है कि पीएचडी में जो भी अभ्यर्थी काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए हैं. वह 5 अक्टूबर को सुबह से काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि 26 सितंबर से 30 सितंबर तक विभिन्न भागों में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण कुछ छात्र व छात्राएं किसी कारणवश काउंसलिंग प्रक्रिया में नहीं उपस्थित हो सके, उनके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति ने एक अवसर और प्रदान किया है.

5 अक्टूबर को अंतिम मौका

दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति ने काउंसलिंग प्रक्रिया में बचे हुए छात्रों के लिए 5 अक्टूबर की डेट निर्धारित की है. सभी अभ्यर्थी 11 बजे सुबह तक काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण ऐसे छात्र, जो किन्हीं कारणवश साक्षात्कार में सम्मिलित नहीं हो पाए हैं. वह संबंधित विभागाध्यक्ष कक्ष में दिनांक 5 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे तक आवश्यक अभिलेखों सहित उपस्थित हो जाएं.

छात्रों के लिए काउंसलिंग की सुविधा

मीडिया प्रभारी ने बताया कि कार्यपरिषद बैठक में विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे सभी विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए एक काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल बनाने पर सहमति व्यक्त की है. मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर मधुरिमा प्रधान को इस सेल के निदेशक के रूप में मनोनीत किया गया है. साथ ही मनोविज्ञान विभाग के डॉ ललित सेल के काउंसलिंग विंग का उपनिदेशक और लोक प्रशासन विभाग की डॉक्टर वैशाली सक्सेना को गाइडेंस विंग का उपनिदेशक नियुक्त किया गया है.

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