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पहले सरकारी नौकरी के नाम पर ठगे 1.40 लाख अब कर रहा ब्लैकमेल, पीड़ित ने लगाई कमिश्नर से गुहार

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Published : Jun 8, 2021, 9:22 AM IST

यूपी के लखनऊ में 2019 में अंशुमान श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति ने सरकारी नौकरी के नाम पर कुछ लोगों से एक करोड़ चालीस लाख रुपये ठग लिए थे. पीड़ित ने इस मामले में पहले भी शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब फिर से पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगायी है.

पीड़ित ने लगाई कमिश्नर से गुहार
पीड़ित ने लगाई कमिश्नर से गुहार

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे. ताजा मामला सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी का है. राजधानी के जानकीपुरम थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है.यहां जालसाजों ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ लोगों से 1.40 करोड़ रुपये ऐंठ लिए. नौकरी न लगने पर जब उनसे पैसों की मांग की गई तो दबंगों ने पीड़ित रावेन्द्र का अपहरण कर लिया और उसको इतना पीटा कि उसके पैर की हड्डी टूट गयी. पिटाई के बाद मेदांता अस्पताल में उसका इलाज चल ही रहा था कि दबंगों ने उसके घर में घुसकर उसका लैपटाॅप, मोबाइल और अन्य सामान उठा ले गये. अब दबंग लैपटाॅप में मौजूद उसकी कुछ पुरानी तस्वीरों और वीडियो को आधार बनाकर कर उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं. पीड़ित रावेंद्र ने बताया कि उसने इसकी पहले भी पुलिस से गुहार लगाई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब एक बार फिर उसने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगायी है.

क्या है पूरा मामला
मामला राजधानी के जानकीपुरम थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. यहां के 647एफ/482 शिवविहार जानकीपुरम वाले रावेन्द्र कुमार पुत्र लाल बहादुर रियल स्टेट कारोबारी हैं. रावेन्द्र ने बताया कि बीते 6 अप्रैल 2019 को उनकी मुलकात अंशुमान श्रीवास्तव से हुई. अंशुमान ने रावेन्द्र को बताया कि वह राइजिंगस्टार सल्यूशन कंपनी के जरिए लोगों को सरकारी नौकरी लगवाता है. ग्राम विकास अधिकारी, स्टेट बैंक, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्लूडी, एम्स दिल्ली, रेलवे में उसकी अच्छी पैठ है. कई बार मिलने जुलने से उसका विश्वास बढ़ा तो रावेन्द्र ने अपने जान पहचान वालों को नौकरी के बारे में बताया. रावेन्द्र ने अपने परिचित राकेश राठौर, अनिल कुमार यादव, मुनेन्द्र सिंह राजपूत, श्यामदेव यादव, अनुज कुमार यादव, अवधेश कुमार यादव, आनंद स्वरूप वर्मा, कृष्णा वर्मा व शिवमुनी राम से कूल 1 करोड़ 40 लाख रुपये अंशुमान को विभिन्न विभाग में नौकरी लगवाने के एवज में दिये.

लैपटॉप हासिल कर निकाल ली वीडियो व तस्वीरें
काफी दिनों तक जब लोगों को नौकरी नहीं मिली तो रावेन्द्र से लोग तगादा करने लगे. इसी बीच रावेन्द्र का लैपटाॅप खराब हो गया. अंशुमान ने झांसे में लेकर उसका लैपटाॅप भी लिया. पासवर्ड हासिल कर अंशुमान ने रावेन्द्र के लैपटाॅप से कुछ तस्वीरें और वीडियो क्लिप हासिल कर ली. रावेन्द्र ने बताया कि शादी से पहले उसकी एक महिला मित्र थी. जो वर्तमान में एक पीसीएस अधिकारी है. अंशुमान ने उसकी तस्वीर और फोटो को आधार बनाकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. रावेन्द्र का आरोप है कि 30 अक्टूबर 2020 को जब वो अपने घर पर मौजूद थे. तब अचानक अंशुमान श्रीवास्तव, परविन्दर कौर, शिवकुमार श्रीवास्तव उसके घर में घुसे और जबरन गाड़ी में बैठा लिया. रावेन्द्र की पत्नी और 15 माह का बेटा है. दबंगों ने पत्नी और बच्चों को जान से मार देने की धमकी दी.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर निर्माण के दूसरे चरण का कार्य दिसंबर में शुरू होगा : ट्रस्ट


अपहरण कर की पिटाई
पीड़ित का आरोप है दंबग उसका अपहरण कर अज्ञात स्थान पर ले गये जहां उसको मारा पीटा. दबंगों ने मार-पीटकर रावेन्द्र के दोनों पैरों की हड्डी तोड़ दी. वहां से बच कर किसी तरह वह 2 नवंबर को भाग निकाला. रावेन्द्र की मानें तो वह सबसे पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती हुआ. जहां वह 13 दिसंबर तक भर्ती रहा. इस बीच दंबग फिर उसके घर गये और उसके घर से कई सामान उठा ले गये. रावेन्द्र का कहना है कि वह महिला मित्र की बदनामी और अपने पत्नी और बच्चों के कारण इतने दिनों तक चुप रहा, लेकिन दबंग उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं. रावेन्द्र ने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई है.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे. ताजा मामला सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी का है. राजधानी के जानकीपुरम थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है.यहां जालसाजों ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ लोगों से 1.40 करोड़ रुपये ऐंठ लिए. नौकरी न लगने पर जब उनसे पैसों की मांग की गई तो दबंगों ने पीड़ित रावेन्द्र का अपहरण कर लिया और उसको इतना पीटा कि उसके पैर की हड्डी टूट गयी. पिटाई के बाद मेदांता अस्पताल में उसका इलाज चल ही रहा था कि दबंगों ने उसके घर में घुसकर उसका लैपटाॅप, मोबाइल और अन्य सामान उठा ले गये. अब दबंग लैपटाॅप में मौजूद उसकी कुछ पुरानी तस्वीरों और वीडियो को आधार बनाकर कर उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं. पीड़ित रावेंद्र ने बताया कि उसने इसकी पहले भी पुलिस से गुहार लगाई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब एक बार फिर उसने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगायी है.

क्या है पूरा मामला
मामला राजधानी के जानकीपुरम थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. यहां के 647एफ/482 शिवविहार जानकीपुरम वाले रावेन्द्र कुमार पुत्र लाल बहादुर रियल स्टेट कारोबारी हैं. रावेन्द्र ने बताया कि बीते 6 अप्रैल 2019 को उनकी मुलकात अंशुमान श्रीवास्तव से हुई. अंशुमान ने रावेन्द्र को बताया कि वह राइजिंगस्टार सल्यूशन कंपनी के जरिए लोगों को सरकारी नौकरी लगवाता है. ग्राम विकास अधिकारी, स्टेट बैंक, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्लूडी, एम्स दिल्ली, रेलवे में उसकी अच्छी पैठ है. कई बार मिलने जुलने से उसका विश्वास बढ़ा तो रावेन्द्र ने अपने जान पहचान वालों को नौकरी के बारे में बताया. रावेन्द्र ने अपने परिचित राकेश राठौर, अनिल कुमार यादव, मुनेन्द्र सिंह राजपूत, श्यामदेव यादव, अनुज कुमार यादव, अवधेश कुमार यादव, आनंद स्वरूप वर्मा, कृष्णा वर्मा व शिवमुनी राम से कूल 1 करोड़ 40 लाख रुपये अंशुमान को विभिन्न विभाग में नौकरी लगवाने के एवज में दिये.

लैपटॉप हासिल कर निकाल ली वीडियो व तस्वीरें
काफी दिनों तक जब लोगों को नौकरी नहीं मिली तो रावेन्द्र से लोग तगादा करने लगे. इसी बीच रावेन्द्र का लैपटाॅप खराब हो गया. अंशुमान ने झांसे में लेकर उसका लैपटाॅप भी लिया. पासवर्ड हासिल कर अंशुमान ने रावेन्द्र के लैपटाॅप से कुछ तस्वीरें और वीडियो क्लिप हासिल कर ली. रावेन्द्र ने बताया कि शादी से पहले उसकी एक महिला मित्र थी. जो वर्तमान में एक पीसीएस अधिकारी है. अंशुमान ने उसकी तस्वीर और फोटो को आधार बनाकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. रावेन्द्र का आरोप है कि 30 अक्टूबर 2020 को जब वो अपने घर पर मौजूद थे. तब अचानक अंशुमान श्रीवास्तव, परविन्दर कौर, शिवकुमार श्रीवास्तव उसके घर में घुसे और जबरन गाड़ी में बैठा लिया. रावेन्द्र की पत्नी और 15 माह का बेटा है. दबंगों ने पत्नी और बच्चों को जान से मार देने की धमकी दी.

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अपहरण कर की पिटाई
पीड़ित का आरोप है दंबग उसका अपहरण कर अज्ञात स्थान पर ले गये जहां उसको मारा पीटा. दबंगों ने मार-पीटकर रावेन्द्र के दोनों पैरों की हड्डी तोड़ दी. वहां से बच कर किसी तरह वह 2 नवंबर को भाग निकाला. रावेन्द्र की मानें तो वह सबसे पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती हुआ. जहां वह 13 दिसंबर तक भर्ती रहा. इस बीच दंबग फिर उसके घर गये और उसके घर से कई सामान उठा ले गये. रावेन्द्र का कहना है कि वह महिला मित्र की बदनामी और अपने पत्नी और बच्चों के कारण इतने दिनों तक चुप रहा, लेकिन दबंग उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं. रावेन्द्र ने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई है.

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