लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने सिंगल विंडो पोर्टल 'निवेश मित्र' पर उपलब्ध कराई गई ऑनलाइन सेवा में ऑफलाइन/प्रोसेसिंग को कड़ाई से प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश जारी किए हैं.
इस संबंध में विधिक माप विज्ञान विभाग की बाट माप के निर्माण के लिए विनिर्माता लाइसेंस निर्गमन, बाट माप के उपकरणों के विक्रय के लिए व्यवहारी लाइसेंस पत्र देना, बाट माप के मरम्मत के लिए मरम्मतकर्ता लाइसेंस पत्र देना, बाट-माप विनिर्माता लाइसेंस पत्र के नवीनीकरण, बाट-माप व्यवहारी लाइसेंस पत्र का नवीनीकरण, बाट माप मरम्मतकर्ता लाइसेंस पत्र का नवीनीकरण, डिब्बाबंद वस्तुओं के निर्माता, पैकर के नाम, पते का पंजीयन व कंपनियों के निदेशक नामित किए जाने समेत आठ सेवाओं को निवेश मित्र पोर्टल से समेकित करते हुए ऑनलाइन प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है.
ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करने पर अधिकारी पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में विधिक माप विज्ञान विभाग ने अपने जारी निर्देशों में कहा है कि जो सेवा ऑनलाइन उपलब्ध करा दी गई हैं या भविष्य में उपलब्ध हो जाती हैं, उनके लिए ऑफलाइन आवेदन किया जाना प्रतिबंधित होगा. यदि कोई विभागीय अधिकारी ऑफलाइन आवेदन पत्र स्वीकार करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में इज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तरोत्तर सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है.
आवेदकों को नहीं बुलाया जाएगा कार्यालय
इस संबंध में विधिक माप विज्ञान विभाग के जारी निर्देशों में कहा गया है कि जो भी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई हैं, उनके स्टेबिलाइजेशन के लिए अधिकतम 3 माह का समय प्रदान किया जाएगा. तीन माह की अवधि बीतने के बाद किसी भी दशा में न तो कोई ऑफलाइन आवेदन पत्र प्राप्त किया जाएगा और न ही ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए आवेदकों को हार्ड कॉपी देने के लिए बाध्य किया जाएगा. साथ ही आवेदकों को किसी भी अन्य कारण से कार्यालय भी नहीं बुलाया जाएगा.