लखनऊ : मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (Managing Director, Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Limited) ने बताया कि एक अक्टूबर 2018 से मई 2022 तक की अवधि में विद्युत वितरण खंड तुलसीपुर के अंतर्गत राजस्व धनराशि विभागीय खाते में जमा न करने पर विभागीय जांच कराई गई. जांच में कई अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा धनराशि का गबन करने की बात सामने आई है. उत्तर प्रदेश राज्य सरकारी कर्मचारी आचरण विनियमावली (UP State Government Employees Conduct Rules) -1956 के नियम-3 (1) की अवेहलना करने का दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है.
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई : हीरालाल, तत्कालीन अवर अभियंता, विद्युत वितरण खंड-तुलसीपुर, वर्तमान अवर अभियंता (निलंबित) संबद्ध विद्युत परीक्षण खंड-तुलसीपुर से हुई विभागीय क्षति 34,84,663.00 की वसूली के साथ सेवा से पदच्युति (Dismissal) जो भविष्य में नियोजन से निरहित करता हो, का दंड प्रदान किया गया है. महेंद्र प्रताप सिंह, लेखाकार विद्युत वितरण खंड-तुलसीपुर, बलरामपुर को पर्यवेक्षणीय कार्य में शिथिलता बरतने पर प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ संचयी प्रभाव से दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने का दंड दिया गया है.
इसके अलावा बाल कृष्ण, तत्कालीन अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड-तुलसीपुर, वर्तमान अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड-बलरामपुर को कर्तव्यों में घोर लापरवाही और कर्तव्यों के निर्वहन न किए जाने पर प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ संचयी प्रभाव से एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोके जाने का दंड दिया गया है. मनोज कुमार विश्वकर्मा अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड-तुलसीपुर, बलरामपुर को पर्यवेक्षणीय कार्य में शिथिलता बरतने पर कठोर चेतावनी दी गई है.
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