लखनऊ: बदलते उत्तर प्रदेश की विविधताओं और संभावनाओं वाली समग्रता की झलक राजधानी लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में देखने को मिलेगी. उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर 23 जनवरी से 4 फरवरी तक समारोह का आयोजन होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर वर्ष 2018 से शुरू हुए यूपी दिवस का यह चौथा आयोजन होगा. इसके अलावा इस मौके पर हुनरमंदों और उद्यमियों का मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान होगा.
मेले में सभी जिलों के होंगे उत्पाद
यहां हापुड़ के जायकेदार पापड़, दाल के तड़के के लिए हाथरस की हींग भी मिलेगी. सुबह-शाम मुंह मीठा करने के लिए 100 से अधिक जायके में उपलब्ध मुजफ्फरनगर के गुड़, बच्चों को देने के लिए झांसी के खिलौनों, किसी खास को देने या खुद के पहनने के लिए बनारस की रेशमी साड़ियों के अलावा लखनऊ के चिकन के कपड़े, मुरादाबाद के पीतल के उत्पाद, गोरखपुर का टेराकोटा, भदोही की कालीन, पीलीभीत की बांसरी के साथ सभी 75 जिलों के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तमाम उत्पाद उपलब्ध रहेंगे. यहां इन उत्पादों की प्रदर्शनी भी होगी. हर जिले के उत्पादों का बाजार सजकर अलग-अलग तैयार है. इसके अलावा इस मौके पर हुनरमंदों और उद्यमियों को मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान होगा. इसके साथ ही इनको उत्पादन क्षमता और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सम्मान के साथ संसाधन भी मिलेगा.
एमओयू होगा साइन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एमएसएमई एप भी लांच करेंगे. एमएसएमई विभाग के साथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, आईसीआईसीआई और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ मेमोरंडम ऑफ (अंडरस्टैंडिंग एमओयू)भी साइन होगा. एमएसएमई इकाइयों को लोन वितरण का कार्यक्रम भी होगा.
हुनर की पहचान और होगी मुकम्मल
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई ने बताया कि ओडीओपी मुख्यमंत्री योगी की पसंदीदा योजना है. इसके जरिए स्थानीय हुनरमंदों (हस्तशिल्पियों और इनसे जुड़े उद्यमियों) के हुनर की पहचान और मुकम्मल होगी. स्थानीय स्तर पर रोजी-रोटी के मौके बढ़ेंगे. यह आयोजन इनके उत्पादों की ब्रांडिंग का जरिया बनेगा.
एक हजार सोलर चरखा
इस क्रम में खादी के 1000 सोलर चरखे महिलाओं को दिए जाएंगे. 366 चरखे पहले ही बांटे जा चुके हैं. इससे सूत कातने वाली महिलाओं को काफी राहत मिलेगी. उनकी उत्पादन क्षमता तो बढ़ेगी. काते जाने वाली सूत की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. इसके लिए लखनऊ की 21 महिलाओं को आयोजन स्थल (अवध शिल्प ग्राम) पर आमंत्रित किया गया है. इनका चयन खादी उत्पादन केंद्र अमेठी द्वारा किया गया है. बाकी महिलाओं को जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में चरखे उपलब्ध करा दिए जाएंगे.
वितरित की जाएंगी मशीनें
इसी तरह दोना-पत्तल बनाने की 126 सेमी ऑटोमेटिक मशीनों का भी वितरण होना है. इसके लिए प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के 21 लोगों को कार्यक्रम स्थल पर आमंत्रित किया गया है. इस मशीन की खूबी यह है कि इससे उपलब्धता के आधार पर कागज या पत्ते के पत्तल और दोने बनाए जा सकते हैं. कागज के दोने, पत्तल, गिलास या प्लेट बनाने के लिए उसी साइज के रोल और डाई का इस्तेमाल करना होता है. इसकी उत्पादन क्षमता प्रति दिन 2000 तक की होती है. मशीन पाने वालों को पहले 15 दिन प्रशिक्षण दिया जाता है. मशीन के साथ कागज का रोल भी. इसके अलावा उत्तरप्रदेश दिवस पर माटी कला बोर्ड की ओर से 1,660 कुम्हारी चाक (बिजली से चलने वाले) भी बांटे जाएंगे. इसके लिए भी कार्यक्रम स्थल पर 25 लोगों का आमंत्रित किया गया है.
जानिए उत्तर प्रदेश दिवस के बारे में
उत्तर प्रदेश को राज्य का दर्जा 24 जनवरी 1950 में ही मिल गया था पर अन्य राज्यों की तरह इसके स्थापना दिवस को लेकर कोई कार्यक्रम हो, इस बाबत 67 वर्षों तक किसी सरकार ने सोचा तक नहीं था. मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार 24 जनवरी को अवध शिल्प ग्राम में इसका आयोजन हुआ. इसी में मुख्यमंत्री ने ओडीओपी योजना की घोषणा की थी. आज केंद्र सरकार भी उसकी मुरीद है. फिलहाल इस सरकार 24 जनवरी को तीसरी बार उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन करने जा रही है. इसमें अन्य कार्यक्रमों के साथ हुनरमंदों को मुख्यमंत्री अपने हाथों से सम्मानित करेंगे.
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