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पिछड़ा वर्ग आयोग छह महीने में देगा अपनी रिपोर्ट, जून से पहले निकाय चुनाव होने की संभावना न के बराबर

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Published : Dec 31, 2022, 1:30 PM IST

Updated : Dec 31, 2022, 8:07 PM IST

13:28 December 31

जारी पत्र
जारी पत्र

लखनऊ : राजधानी में शनिवार को पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त राम औतार सिंह ने आयोग की पहली बैठक की. इसके बाद हुई प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया कि ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण का सर्वे करने और रिपोर्ट बनाने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा और उसके बाद इसके फॉलोअप में भी अच्छा खासा समय लग सकता है. ऐसे में आयोग के गठन का जो 6 माह का वक्त है, वह पूरा इसमें लग जाएगा. इस आधार पर कहा जा सकता है कि निकाय चुनाव फिलहाल जून से पहले होने की संभावना कम ही नजर आ रही है. उन्होंने प्रेसवार्ता में बताया कि कार्य संचालन शुरू हो गया है. कमीशन की पहली मीटिंग हुई है. वार्ता जारी है. ढाई से तीन महीने में रिपोर्ट पेश करनी है. रेवेन्यू अफसर से बात करेंगे. चुनौती बड़ी है. किस-किस बिंदु पर सर्वे होगा इसको लेकर बातचीत जारी है. सभी पार्टियों के जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करेंगे. हर जिले में सूचना होगी. गाइडलाइन तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षण देने का जो प्रस्ताव हुआ है उस पर भी आयोग प्रयास करेगा.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सरकार की इस आरक्षण व्यवस्था को खारिज करते हुए बिना आरक्षण के ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने बिना आरक्षण के चुनाव कराने से इनकार कर दिया था. सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण तय करने के लिए आयोग का गठन किया था. इसके साथ ही सरकार विशेष अनुमति याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई है, जहां चुनाव बढ़ाने की गुजारिश की जाएगी. सरकार की याचिका पर सुनवाई दो जनवरी के बाद किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिससे पहले यह बैठक आयोजित की गई है.

यह भी पढ़ें : कौशल किशोर ने कहा नशे का प्रचार प्रसार करने वाले कलाकारों का बायकॉट करे समाज

13:28 December 31

जारी पत्र
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लखनऊ : राजधानी में शनिवार को पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त राम औतार सिंह ने आयोग की पहली बैठक की. इसके बाद हुई प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया कि ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण का सर्वे करने और रिपोर्ट बनाने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा और उसके बाद इसके फॉलोअप में भी अच्छा खासा समय लग सकता है. ऐसे में आयोग के गठन का जो 6 माह का वक्त है, वह पूरा इसमें लग जाएगा. इस आधार पर कहा जा सकता है कि निकाय चुनाव फिलहाल जून से पहले होने की संभावना कम ही नजर आ रही है. उन्होंने प्रेसवार्ता में बताया कि कार्य संचालन शुरू हो गया है. कमीशन की पहली मीटिंग हुई है. वार्ता जारी है. ढाई से तीन महीने में रिपोर्ट पेश करनी है. रेवेन्यू अफसर से बात करेंगे. चुनौती बड़ी है. किस-किस बिंदु पर सर्वे होगा इसको लेकर बातचीत जारी है. सभी पार्टियों के जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करेंगे. हर जिले में सूचना होगी. गाइडलाइन तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षण देने का जो प्रस्ताव हुआ है उस पर भी आयोग प्रयास करेगा.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सरकार की इस आरक्षण व्यवस्था को खारिज करते हुए बिना आरक्षण के ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने बिना आरक्षण के चुनाव कराने से इनकार कर दिया था. सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण तय करने के लिए आयोग का गठन किया था. इसके साथ ही सरकार विशेष अनुमति याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई है, जहां चुनाव बढ़ाने की गुजारिश की जाएगी. सरकार की याचिका पर सुनवाई दो जनवरी के बाद किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिससे पहले यह बैठक आयोजित की गई है.

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Last Updated : Dec 31, 2022, 8:07 PM IST
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