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डॉली मौर्या की मौत संदिग्ध, होनी चाहिए जांच: डॉ. नूतन ठाकुर - nutan thakur demanded investigation in dali maurya death case

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने डॉली मौर्या मौत प्रकरण में जांच की मांग की है. एडीजी जोन वाराणसी को लिखे पत्र में डॉ. नूतन ने मामले में संशय पैदा करते हुए जांच की मांग की है.

डॉ. नूतन ठाकुर.
डॉ. नूतन ठाकुर.
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Published : Jun 17, 2021, 5:28 AM IST

Updated : Jun 18, 2021, 4:19 AM IST

चंदौली: डॉली मौर्या मौत प्रकरण को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने संज्ञान में लिया है. उन्होंने एडीजी जोन वाराणसी को लिखे खत में मौत को हत्या करार दिया. साथ ही मौत से जुड़े तथ्यों को बिंदुवार पत्र में उल्लिखित करते हुए पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता जताई, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वास्तव में हत्या हुई है या नहीं. इस मामले में कौन लोग शामिल है और पुलिस किसे बचा रही है.

डॉली की मौत को बताया संदिग्ध
डॉ. नूतन ठाकुर ने पत्र में लिखा कि 12 जून को डॉली को साइकिल से बैंक जाने की बात कही गई है. जबकि उस दिन द्वितीय शनिवार था. लिहाजा उस दिन कोई बैंक नहीं खुला था. डॉली अपने गांव अकोढवा से निकली और थाना सुकृत में बदहवासी की हालत में मिली. दोनों स्थानों के बीच 60 किमी की दूरी है. ऐसे में इतनी दूर जाने का कोई कारण नहीं स्पष्ट होता है. कथित रूप से सुकृत पुलिस ने डॉली को सोनभद्र अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन थाना सुकृत में कोई लिखा-पढ़ी नहीं की गई. न ही कोई रिकार्ड थाने में है. जो अपने आप में एक गंभीर प्रश्न है.

पुलिस व डॉक्टर की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
उन्होंने पत्र में लिखा कि जिला अस्पताल सोनभद्र के अभिलेखों में काफी गड़बड़ी की आशंका है. जिला अस्पताल सोनभद्र के चिकित्सक ने बिना पोस्टमार्टम के मृत्यु का कारण जहर लिखा है. जो पूरी तरह से विधि-विरूद्ध, अनियमित व त्रुटिपूर्ण है और एक गंभीर षड्यंत्र की ओर इशारा करता है. इतना ही नहीं विष से मृत्यु की आशंका होने के बाद भी पंचनामा व पोस्टमार्टम नहीं कराने के लिए चिकित्सक व पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं. डेथ सर्टिफिकेट में भी चिकित्सक ने 16 वर्षीय किशोरी की उम्र 19 लिखा है, जो संदेह उत्पन्न करता है.

'जहर से मौत नहीं बल्कि हुई है हत्या'
उन्होंने आरोप लगाया कि डॉली की जहर से मौत नहीं हुई, बल्कि उसकी हत्या की गई है. जिसमें चंदौली के कतिपय ताकतवर राजनैतिक लोग शामिल है. जिनके द्वारा किशोरी के परिजनों को पूरी तरह अपने अरदब में ले लिया गया है. वहीं स्थानीय पुलिस भी मूकदर्शक बनी है.

पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग
उन्होंने कहा कि मौत से जुड़े तथ्यों को थाने में लिपिबद्ध नहीं किया जाना और साक्ष्य को नष्ट किए जाने का प्रयास किया गया है. इसके अलावा जानबूझ कर अपने दायित्वों के विपरीत कार्रवाई करना एक अपराधिक कृत्य है. इस प्रकरण में पीड़ित परिवार को जांच के बाद न्याय दिलाया जाए.

इसे भी पढें- अवैध खननः SSP आगरा पर लगे गंभीर आरोप, जानें क्या है आधार

चंदौली: डॉली मौर्या मौत प्रकरण को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने संज्ञान में लिया है. उन्होंने एडीजी जोन वाराणसी को लिखे खत में मौत को हत्या करार दिया. साथ ही मौत से जुड़े तथ्यों को बिंदुवार पत्र में उल्लिखित करते हुए पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता जताई, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वास्तव में हत्या हुई है या नहीं. इस मामले में कौन लोग शामिल है और पुलिस किसे बचा रही है.

डॉली की मौत को बताया संदिग्ध
डॉ. नूतन ठाकुर ने पत्र में लिखा कि 12 जून को डॉली को साइकिल से बैंक जाने की बात कही गई है. जबकि उस दिन द्वितीय शनिवार था. लिहाजा उस दिन कोई बैंक नहीं खुला था. डॉली अपने गांव अकोढवा से निकली और थाना सुकृत में बदहवासी की हालत में मिली. दोनों स्थानों के बीच 60 किमी की दूरी है. ऐसे में इतनी दूर जाने का कोई कारण नहीं स्पष्ट होता है. कथित रूप से सुकृत पुलिस ने डॉली को सोनभद्र अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन थाना सुकृत में कोई लिखा-पढ़ी नहीं की गई. न ही कोई रिकार्ड थाने में है. जो अपने आप में एक गंभीर प्रश्न है.

पुलिस व डॉक्टर की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
उन्होंने पत्र में लिखा कि जिला अस्पताल सोनभद्र के अभिलेखों में काफी गड़बड़ी की आशंका है. जिला अस्पताल सोनभद्र के चिकित्सक ने बिना पोस्टमार्टम के मृत्यु का कारण जहर लिखा है. जो पूरी तरह से विधि-विरूद्ध, अनियमित व त्रुटिपूर्ण है और एक गंभीर षड्यंत्र की ओर इशारा करता है. इतना ही नहीं विष से मृत्यु की आशंका होने के बाद भी पंचनामा व पोस्टमार्टम नहीं कराने के लिए चिकित्सक व पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं. डेथ सर्टिफिकेट में भी चिकित्सक ने 16 वर्षीय किशोरी की उम्र 19 लिखा है, जो संदेह उत्पन्न करता है.

'जहर से मौत नहीं बल्कि हुई है हत्या'
उन्होंने आरोप लगाया कि डॉली की जहर से मौत नहीं हुई, बल्कि उसकी हत्या की गई है. जिसमें चंदौली के कतिपय ताकतवर राजनैतिक लोग शामिल है. जिनके द्वारा किशोरी के परिजनों को पूरी तरह अपने अरदब में ले लिया गया है. वहीं स्थानीय पुलिस भी मूकदर्शक बनी है.

पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग
उन्होंने कहा कि मौत से जुड़े तथ्यों को थाने में लिपिबद्ध नहीं किया जाना और साक्ष्य को नष्ट किए जाने का प्रयास किया गया है. इसके अलावा जानबूझ कर अपने दायित्वों के विपरीत कार्रवाई करना एक अपराधिक कृत्य है. इस प्रकरण में पीड़ित परिवार को जांच के बाद न्याय दिलाया जाए.

इसे भी पढें- अवैध खननः SSP आगरा पर लगे गंभीर आरोप, जानें क्या है आधार

Last Updated : Jun 18, 2021, 4:19 AM IST
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