लखनऊ: राजधानी में 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश भर में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों में उत्तर प्रदेश नंबर 1 पर था. वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में 22256 मौतें हुई थी. राजधानी में वर्ष 2018 में 1 जनवरी से 15 नवंबर तक 571 मौतें हुई थी. वहीं अगर वर्ष 2019 की बात करें तो 1 जनवरी से 15 नवंबर तक कुल 504 मौतें हुई हैं. अब तक के आंकड़ों के अनुसार सड़क दुर्घटना मृत्यु की दरों में 5% कमी आई है.
वहीं अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो मध्य प्रदेश में 2018 में 51,397 एक्सीडेंट हुए, जिसमें कुल 10,706 लोगों की मौत हुई. मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश से 20% अधिक एक्सीडेंट हुए, लेकिन मौतों का आंकड़ा 51% उत्तर प्रदेश से कम है. वर्ष 2018 का आंकड़ा आने के बाद उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. सीधे तौर पर माना जा रहा है कि लोग सीट बेल्ट व हेलमेट लगाकर वाहन नहीं चलाते, जिसके चलते एक्सीडेंट में उनकी मौत होती है.
एसपी ने दी जानकारी
इस बारे में ईटीवी भारत ने लखनऊ एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में 22,000 से अधिक मौतें हुई, जिसके बाद लगातार इस और प्रयास किए जा रहे हैं कि रोड एक्सीडेंट में मौतें न हो. इसके लिए राजधानी लखनऊ नहीं शासन के निर्देशों के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत लोगों से सीट बेल्ट व हेलमेट लगाने के लिए कहा जाता है. वहीं ऐसा न करने पर उनका चालान काटा जाता है. हमारे प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में मौत की दरों में कमी आई है.
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