ETV Bharat / state

सड़क दुर्घटना से हुई मौतों में यूपी था नंबर वन, 2019 में आई 5% की कमी - 2019 में सड़क दुर्घटना के आंकड़े

सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में उत्तर प्रदेश 2018 में नंबर वन था. वहीं अगर वर्ष 2019 की बात करें तो अब तक के आंकड़ों के अनुसार सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु दरों में 5% कमी आई है.

etv bharat
जानकारी देते एसपी ट्रैफिक.
author img

By

Published : Nov 29, 2019, 9:40 AM IST

लखनऊ: राजधानी में 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश भर में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों में उत्तर प्रदेश नंबर 1 पर था. वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में 22256 मौतें हुई थी. राजधानी में वर्ष 2018 में 1 जनवरी से 15 नवंबर तक 571 मौतें हुई थी. वहीं अगर वर्ष 2019 की बात करें तो 1 जनवरी से 15 नवंबर तक कुल 504 मौतें हुई हैं. अब तक के आंकड़ों के अनुसार सड़क दुर्घटना मृत्यु की दरों में 5% कमी आई है.

जानकारी देते एसपी ट्रैफिक.
जारी आंकड़ों के अनुसार
लखनऊ एसपी ट्रैफिक कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार 2018 में 1482 एक्सीडेंट हुए थे, जिसकी तुलना में वर्ष 2019 में 1572 एक्सीडेंट हुए हैं. सड़क दुर्घटना में मौतों की बात करें तो वर्ष 2018 मे 571 मौतें हुई थी, जबकि 2019 में 504 मौतें हुई हैं. वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में 921 लोग घायल हुए थे, जबकि 2019 में 815 लोग घायल हुए हैं.2018 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में कुल 22,256 मौत रोड एक्सीडेंट में हुई थी. आंकड़ों के अनुसार पिछले साल उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 60 लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट के चलते हुई है. 2018 के आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडु में कुल 63,920 एक्सीडेंट हुए, जो कि उत्तर प्रदेश में हुए एक्सीडेंट से 50% अधिक है, लेकिन तमिलनाडु में होने वाली मौतों का आंकड़ा उत्तर प्रदेश से 39% कम है.

वहीं अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो मध्य प्रदेश में 2018 में 51,397 एक्सीडेंट हुए, जिसमें कुल 10,706 लोगों की मौत हुई. मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश से 20% अधिक एक्सीडेंट हुए, लेकिन मौतों का आंकड़ा 51% उत्तर प्रदेश से कम है. वर्ष 2018 का आंकड़ा आने के बाद उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. सीधे तौर पर माना जा रहा है कि लोग सीट बेल्ट व हेलमेट लगाकर वाहन नहीं चलाते, जिसके चलते एक्सीडेंट में उनकी मौत होती है.

एसपी ने दी जानकारी
इस बारे में ईटीवी भारत ने लखनऊ एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में 22,000 से अधिक मौतें हुई, जिसके बाद लगातार इस और प्रयास किए जा रहे हैं कि रोड एक्सीडेंट में मौतें न हो. इसके लिए राजधानी लखनऊ नहीं शासन के निर्देशों के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि अभियान के तहत लोगों से सीट बेल्ट व हेलमेट लगाने के लिए कहा जाता है. वहीं ऐसा न करने पर उनका चालान काटा जाता है. हमारे प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में मौत की दरों में कमी आई है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: विधानसभा के सामने सस्ती दर पर कांग्रेसी बेचेंगे प्याज

लखनऊ: राजधानी में 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश भर में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों में उत्तर प्रदेश नंबर 1 पर था. वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में 22256 मौतें हुई थी. राजधानी में वर्ष 2018 में 1 जनवरी से 15 नवंबर तक 571 मौतें हुई थी. वहीं अगर वर्ष 2019 की बात करें तो 1 जनवरी से 15 नवंबर तक कुल 504 मौतें हुई हैं. अब तक के आंकड़ों के अनुसार सड़क दुर्घटना मृत्यु की दरों में 5% कमी आई है.

जानकारी देते एसपी ट्रैफिक.
जारी आंकड़ों के अनुसार
लखनऊ एसपी ट्रैफिक कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार 2018 में 1482 एक्सीडेंट हुए थे, जिसकी तुलना में वर्ष 2019 में 1572 एक्सीडेंट हुए हैं. सड़क दुर्घटना में मौतों की बात करें तो वर्ष 2018 मे 571 मौतें हुई थी, जबकि 2019 में 504 मौतें हुई हैं. वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में 921 लोग घायल हुए थे, जबकि 2019 में 815 लोग घायल हुए हैं.2018 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में कुल 22,256 मौत रोड एक्सीडेंट में हुई थी. आंकड़ों के अनुसार पिछले साल उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 60 लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट के चलते हुई है. 2018 के आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडु में कुल 63,920 एक्सीडेंट हुए, जो कि उत्तर प्रदेश में हुए एक्सीडेंट से 50% अधिक है, लेकिन तमिलनाडु में होने वाली मौतों का आंकड़ा उत्तर प्रदेश से 39% कम है.

वहीं अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो मध्य प्रदेश में 2018 में 51,397 एक्सीडेंट हुए, जिसमें कुल 10,706 लोगों की मौत हुई. मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश से 20% अधिक एक्सीडेंट हुए, लेकिन मौतों का आंकड़ा 51% उत्तर प्रदेश से कम है. वर्ष 2018 का आंकड़ा आने के बाद उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. सीधे तौर पर माना जा रहा है कि लोग सीट बेल्ट व हेलमेट लगाकर वाहन नहीं चलाते, जिसके चलते एक्सीडेंट में उनकी मौत होती है.

एसपी ने दी जानकारी
इस बारे में ईटीवी भारत ने लखनऊ एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में 22,000 से अधिक मौतें हुई, जिसके बाद लगातार इस और प्रयास किए जा रहे हैं कि रोड एक्सीडेंट में मौतें न हो. इसके लिए राजधानी लखनऊ नहीं शासन के निर्देशों के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि अभियान के तहत लोगों से सीट बेल्ट व हेलमेट लगाने के लिए कहा जाता है. वहीं ऐसा न करने पर उनका चालान काटा जाता है. हमारे प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में मौत की दरों में कमी आई है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: विधानसभा के सामने सस्ती दर पर कांग्रेसी बेचेंगे प्याज

Intro:एंकर

लखनऊ। पिछले दिनों जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश भर में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों में उत्तरप्रदेश नंबर वन रहा। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में 22256 मौतें हुई। वर्ष 2018 में 1 जनवरी से 15 नवंबर तक 571 मौतें हुई वहीं अगर वर्ष 2019 की बात करें तो 1 जनवरी से 15 नवंबर तक कुल 504 मौतें हुई हैं। अब तक के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 5% सड़क दुर्घटना मृत्यु की दरों में कमी आई है।




Body:वियो


लखनऊ एसपी ट्रैफिक कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार 2018 में कोई 1482 एक्सीडेंट हुए थे जिसकी तुलना में वर्ष 2019 में 1572 एक्सीडेंट हुए हैं। सड़क दुर्घटना में मौतों की बात करें तो वर्ष 2018 मे 571 मौतें हुई थी जबकि 2019 में 504 मौतें हुई हैं। वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में 921 लोग घायल हुए थे जबकि 2019 में 815 लोग घायल हुए हैं।



रोड एक्सीडेंट मौत के मामले में यूपी नंबर वन, 2018 में हुई 22256 मौतें

2018 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में कुल 22256 मौत रोड एक्सीडेंट में हुई है। आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 60 लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट के चलते हुए।
अगर अन्य राज्यों की बात करें तो रोड एक्सीडेंट मामले में तमिलनाडु का मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश से आगे है, लेकिन रोड एक्सीडेंट मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। 2018 के आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडु में कुल 63920 एक्सीडेंट हुए जोकि उत्तर प्रदेश में हुए एक्सीडेंट से 50% अधिक है लेकिन तमिलनाडु में होने वाली मौतों का आंकड़ा उत्तर प्रदेश से (8679) 39% कम है वहीं अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो मध्य प्रदेश में 2018 में 51397 एक्सीडेंट हुए जिसमें कुल 10706 लोगों की मौत हुई। मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश से 20% अधिक एक्सीडेंट हुए लेकिन मौतों का आंकड़ा 51% उत्तर प्रदेश से कम है।

वर्ष 2018 का जिस तरह से आंकड़ा सामने आया है ऐसे में उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। सीधे तौर पर माना जा रहा है कि लोग सीट बेल्ट व हेलमेट लगाकर वाहन नहीं चलाते जिसके चलते एक्सीडेंट में उनकी मौत होती है। इस बारे में ईटीवी भारत ने लखनऊ एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह से बातचीत की। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि वर्ष 2018 में 22000 से अधिक मौतें हुई। जिसके बाद लगातार इस और प्रयास किए जा रहे हैं कि रोड एक्सीडेंट में मौतें न हो। इसके लिए राजधानी लखनऊ नही शासन के निर्देशों के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत लोगों से सीट बेल्ट व हेलमेट लगाने के लिए कहा जाता है वही ऐसा न करने पर चालान काटा जाता है। हमारे प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में मौत की दरों में कमी आई है।






Conclusion:बाइट- एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह

संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.