लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावी धारा-144 का सोमवार को खुलेआम उल्लंघन होता दिखा. एक संगठन को कार्यक्रम करने की अनुमति मिलने से नाराज एनएसयूआई के छात्रों ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर- एक के पास एकत्रित होकर विवि प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी. छात्रों का आक्रोश बढ़ता देख पुलिस को स्थिति संभालनी पड़ी. काफी देर तक चके प्रदर्शन के बाद कुलपति प्रो.आलोक कुमार राय के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त हुआ.
प्रदर्शन के दौरान इकाई अध्यक्ष विशाल सिंह, अहमद, प्रदेश महासचिव आर्यन, शुभम खरवार, अजय कुमार ,विकास सिंह, पवन, अंकित, प्रीतम, मौर्या, सुधांशु, राणा, एमके यादव, सुधांशु यादव मौजूद रहे.Body:नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के शहर अध्यक्ष प्रिंस प्रकाश ने बताया कि बीते कुछ दिनों से विश्वविद्यालय में लगातार घटनाएं हो रहीं हैं. जिसके चलते धारा-144 लगाकर सभी आयोजनों पर पाबंदी लगाई गई है. इसके बावजूद सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के विद्यार्थियों ने शोभायात्रा निकाल कर कैंपस में ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया. आरोप है कि जब एनएसयूआई की ओर से किसी आयोजन की अनुमति मांगी जाती है तो विवि प्रशासन आनाकानी करता है. 17 जनवरी को भी रोहित वेमुला की पुण्यतिथि पर अनुमति नहीं दी गई थी. एनएसयूआई का आरोप है कि विवि प्रशासन उनके संगठन के साथ भेदभाव करता है.
कुलपति ने दिया आश्वासन आगे मिलेगी हर कार्यक्रम की अनुमति : कुलपति से वार्ता के दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय परिसर में एक विशेष संस्था के छात्रों को हर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी जाती है पर एनएसयूआई या दूसरा छात्र संगठन कोई कार्यक्रम आयोजित करने का इजाजत मांगता है. तो विश्वविद्यालय प्रशासन माहौल खराब होने का हवाला दे या फिर परिसर में धारा 144 लागू होने का हवाला देकर अनुमति नहीं देता है. वार्ता के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया. जिसके बाद कुलपति ने छात्र नेताओं को आश्वासन दिया कि वह नियम अनुसार जिस कार्यक्रम से भी अनुमति मांगेंगे विश्वविद्यालय उन्हें अनुमति देगा.
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