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विदेशों में रह रहे एनआरआई यूपी में लगाएंगे उद्योग, मदद को तैयार योगी सरकार - लखनऊ की न्यूज़

बहुराष्ट्रीय कंपनियां ही नहीं विदेशों में रह रहे भारतीयों को भी उत्तर प्रदेश सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियां (investor friendly policies) रास आने लगी हैं. इसके चलते ही विदेशों में रह रहे 50 से अधिक अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) ने उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने की पहल की है.

NRI यूपी में लगाएंगे उद्योग, मदद को तैयार योगी सरकार
NRI यूपी में लगाएंगे उद्योग, मदद को तैयार योगी सरकार
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Published : Jul 23, 2021, 6:38 PM IST

लखनऊः विदेशों में रह रहे 50 से अधिक अप्रवासी भारतीयों (NRI) ने उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने की पहल की है. इनमें से 32 अप्रवासी भारतीयों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और प्रयागराज में करीब 1,045 करोड़ रुपये का निवेश करने को लेकर प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं. इन अप्रवासी भारतीयों ने कृषि, हेल्थ आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, सौर ऊर्जा सहित 15 सेक्टर में निवेश करने में रूचि दिखाई है. जल्द ही ये अप्रवासी भारतीय अपना उद्यम राज्य में स्थापित करने की शुरुआत करेंगे. ऐसी उम्मीद राज्य के अधिकारियों ने जताई है.

औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दे रही सरकार

प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के चलते ही यूपी देश-विदेश के निवेशकों के साथ ही अब अप्रवासी भारतीयों के लिए चहेता राज्य बन गया है. बीते दो सालों में अप्रवासी भारतीयों ने प्रदेश में निवेश करने के लिए उत्सुकता दिखाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते साल वेबसाइट लांच किया था, जिसके बाद इस मामले में तेजी लाई है. मुख्यमंत्री द्वारा लांच की गई वेबसाइट के एनआरआई सेक्शन पर विदेशों में रह रहे 500 से अधिक अप्रवासी भारतीयों ने यूपी में निवेश करने को लेकर पड़ताल की. प्रदेश शासन के स्तर पर निवेश करने के इच्छुक अप्रवासी भारतीयों के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए हर स्तर पर प्रयास शुरू हुए हैं, इसी क्रम में 540 अप्रवासी भारतीयों को एनआरआई कार्ड जारी किए गए हैं. ये प्रदेश सरकार की सक्रियता का ही नतीजा है कि अमेरिका, यूएई, ओमान, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, घाना, न्यूजीलैंड, रूस, इग्लैंड जैसे 18 देशों में रह रहे 32 अप्रवासी भारतीयों ने प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में प्रदेश के 5वें सैनिक स्कूल का सीएम योगी ने किया शिलान्यास, कहा कोरोना प्रबंधन में दुनिया से बेहतर रहा यूपी

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अमेरिका में रह रहे चार, यूएई में रह रहे आठ, ओमान, सिंगापुर और इल्लैंड में रह रहे दो-दो भारतीयों ने यूपी में निवेश करने संबंधी अपने प्रस्ताव शासन को भेजे हैं. विदेशों में रह रहे जिन भारतीयों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने की पहल की है, उनमें 13 ऐसे हैं जिनका विदेश में उद्यम है और अब उसका विस्तार यूपी में करना चाहते हैं. जबकि विदेशों में बड़ी कंपनियों में जिम्मेदार पदों पर काम कर रहे 19 भारतीय अब अपना उद्यम स्थापित करने के लिए यूपी का रूख कर रहे हैं.

इन देशों से आने वाला है निवेश

सरकार के स्तर से इन अप्रवासी भारतीयों ने निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें भूमि उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं. जल्द ही इन अप्रवासी भारतीयों के उद्यमों का निर्माण कार्य होगा. फिलहाल अप्रवासी भारतीयों के निवेश संबंधी प्रस्तावों को यूपी में स्थापित करने के लिए सूबे के अधिकारी उनके संपर्क में हैं. ताकि उनकी दिक्कतों का समाधान किया जा सके. सूबे में निवेश के लिए आगे आए इन अप्रवासी भारतीयों के उद्यमों की स्थापना होने और उनमें उत्पादन शुरू होने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.

उद्यमी इन सेक्टरों में करना चाहते हैं निवेश

सूबे के अधिकारियों के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में 7, हेल्थ सेक्टर में चार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चार, आईटी सेक्टर में तीन, ऊर्जा और सौर उर्जा के क्षेत्र में तीन, शिक्षा के क्षेत्र में दो, फूड प्रोसेसिंग में दो अप्रवासी भारतीयों ने अपने उद्यम स्थापित करने में रूचि दिखाई है. यूएई में रहने वाले अप्रवासी भारतीय हेल्थ केयर सेक्टर में 400 करोड़ रुपये का निवेश कर एक भव्य अस्पताल बनाना चाहते हैं. इसी प्रकार रूस में रह रहे अप्रवासी भारतीय डॉक्टर एस सिंह रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. कुवैत में रह रहे अप्रवासी भारतीय ने ऑटोमोटिव सेक्टर में 100 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है. घाना और न्यूजीलैंड में रह रहे अप्रवासी भारतीयों ने कृषि क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए गए हैं. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निवेश संबंधी मिले प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए विदेश में रह रहे भारतीयों से संपर्क कर उनकी दिक्कतों का निदान करने के निर्देश दिए हैं. राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री की ये सक्रियता ही राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दे रही हैं. यूपी में उद्यमियों को सहूलियतें देने वाली नीतियों के दम पर उत्तर प्रदेश सरकार अब देश के ही नहीं विदेशों के भी बड़े निवेशकों और अप्रवासी भारतीयों के उद्यम राज्य में स्थापित कराने में सफल होती दिख रही हैं.

इसे भी पढ़ें- Zomato Listing : स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होते ही हिट हुआ जोमैटो, अब कैसा रहेगा निवेशकों का फ्यूचर, जानें

लखनऊः विदेशों में रह रहे 50 से अधिक अप्रवासी भारतीयों (NRI) ने उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने की पहल की है. इनमें से 32 अप्रवासी भारतीयों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और प्रयागराज में करीब 1,045 करोड़ रुपये का निवेश करने को लेकर प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं. इन अप्रवासी भारतीयों ने कृषि, हेल्थ आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, सौर ऊर्जा सहित 15 सेक्टर में निवेश करने में रूचि दिखाई है. जल्द ही ये अप्रवासी भारतीय अपना उद्यम राज्य में स्थापित करने की शुरुआत करेंगे. ऐसी उम्मीद राज्य के अधिकारियों ने जताई है.

औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दे रही सरकार

प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के चलते ही यूपी देश-विदेश के निवेशकों के साथ ही अब अप्रवासी भारतीयों के लिए चहेता राज्य बन गया है. बीते दो सालों में अप्रवासी भारतीयों ने प्रदेश में निवेश करने के लिए उत्सुकता दिखाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते साल वेबसाइट लांच किया था, जिसके बाद इस मामले में तेजी लाई है. मुख्यमंत्री द्वारा लांच की गई वेबसाइट के एनआरआई सेक्शन पर विदेशों में रह रहे 500 से अधिक अप्रवासी भारतीयों ने यूपी में निवेश करने को लेकर पड़ताल की. प्रदेश शासन के स्तर पर निवेश करने के इच्छुक अप्रवासी भारतीयों के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए हर स्तर पर प्रयास शुरू हुए हैं, इसी क्रम में 540 अप्रवासी भारतीयों को एनआरआई कार्ड जारी किए गए हैं. ये प्रदेश सरकार की सक्रियता का ही नतीजा है कि अमेरिका, यूएई, ओमान, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, घाना, न्यूजीलैंड, रूस, इग्लैंड जैसे 18 देशों में रह रहे 32 अप्रवासी भारतीयों ने प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं.

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विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अमेरिका में रह रहे चार, यूएई में रह रहे आठ, ओमान, सिंगापुर और इल्लैंड में रह रहे दो-दो भारतीयों ने यूपी में निवेश करने संबंधी अपने प्रस्ताव शासन को भेजे हैं. विदेशों में रह रहे जिन भारतीयों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने की पहल की है, उनमें 13 ऐसे हैं जिनका विदेश में उद्यम है और अब उसका विस्तार यूपी में करना चाहते हैं. जबकि विदेशों में बड़ी कंपनियों में जिम्मेदार पदों पर काम कर रहे 19 भारतीय अब अपना उद्यम स्थापित करने के लिए यूपी का रूख कर रहे हैं.

इन देशों से आने वाला है निवेश

सरकार के स्तर से इन अप्रवासी भारतीयों ने निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें भूमि उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं. जल्द ही इन अप्रवासी भारतीयों के उद्यमों का निर्माण कार्य होगा. फिलहाल अप्रवासी भारतीयों के निवेश संबंधी प्रस्तावों को यूपी में स्थापित करने के लिए सूबे के अधिकारी उनके संपर्क में हैं. ताकि उनकी दिक्कतों का समाधान किया जा सके. सूबे में निवेश के लिए आगे आए इन अप्रवासी भारतीयों के उद्यमों की स्थापना होने और उनमें उत्पादन शुरू होने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.

उद्यमी इन सेक्टरों में करना चाहते हैं निवेश

सूबे के अधिकारियों के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में 7, हेल्थ सेक्टर में चार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चार, आईटी सेक्टर में तीन, ऊर्जा और सौर उर्जा के क्षेत्र में तीन, शिक्षा के क्षेत्र में दो, फूड प्रोसेसिंग में दो अप्रवासी भारतीयों ने अपने उद्यम स्थापित करने में रूचि दिखाई है. यूएई में रहने वाले अप्रवासी भारतीय हेल्थ केयर सेक्टर में 400 करोड़ रुपये का निवेश कर एक भव्य अस्पताल बनाना चाहते हैं. इसी प्रकार रूस में रह रहे अप्रवासी भारतीय डॉक्टर एस सिंह रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. कुवैत में रह रहे अप्रवासी भारतीय ने ऑटोमोटिव सेक्टर में 100 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है. घाना और न्यूजीलैंड में रह रहे अप्रवासी भारतीयों ने कृषि क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए गए हैं. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निवेश संबंधी मिले प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए विदेश में रह रहे भारतीयों से संपर्क कर उनकी दिक्कतों का निदान करने के निर्देश दिए हैं. राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री की ये सक्रियता ही राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दे रही हैं. यूपी में उद्यमियों को सहूलियतें देने वाली नीतियों के दम पर उत्तर प्रदेश सरकार अब देश के ही नहीं विदेशों के भी बड़े निवेशकों और अप्रवासी भारतीयों के उद्यम राज्य में स्थापित कराने में सफल होती दिख रही हैं.

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