लखनऊः नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के साथ ही प्रदेश के शिक्षा व्यवस्था में अब परिवर्तन होना शुरू हो गया है. इसी कड़ी में अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सापेक्ष कक्षा 1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष निर्धारित करने का शासनादेश जारी कर दिया है.
प्रमुख सचिव के आदेश के बाद महा निदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में जारी दिशानिर्देश के आधार पर राज्य सरकार न्यूनतम आयु सीमा संबंधित शासनादेश के अनुसार प्रदेश में 6 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले बच्चों को ही पहली कक्षा में प्रवेश दिया जा सकेगा.
जारी आदेश में कहा गया है कि आयु के पुनर्निर्माण के कारण आयु सीमा 6 वर्ष में इस सत्र में तीन-चार माह का अंतर रह जाता है, तो ऐसे छात्रों को थोड़ी राहत प्रदान की जाएगी. जैसे 1 अप्रैल से 31 जुलाई के मध्य अगर कोई साथ 6 वर्ष की आयु पूर्ण करने की दशा से वंचित हो रहा है. तो ऐसे छात्रों को शैक्षिक सत्र प्रारंभ होने के समय से ही प्रवेश दिया जाएगा.
शासनादेश के अनुसार वर्तमान में जिन छात्रों का कक्षा 1 में प्रवेश हुआ है और उनकी आयु 5 से 6 वर्ष के बीच है तो उन्हें कक्षा एक में अध्ययन करने की अनुमति पूर्व के वर्ष की भाति प्रदान की जाएगी. आदेश जारी होने के बाद का प्रवेश के लिए आवेदन करने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षा एक में उन्हीं बच्चों का नामांकन लिया जाए जो 31 जुलाई तक 6 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे हो.
प्ले ग्रुप संचालित करने वाले स्कूलों पर कसेगा शिकंजा
विभाग की ओर से जारी इस शासनादेश में कहा गया है कि वर्तमान में प्री स्कूल जहां (नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी) में पढ़ रहे. ऐसे बच्चे जो कक्षा 1 में दाखिले के समय 6 वर्ष से कम आयु के होंगे उन्हें प्रवेश दिया जाएगा और उनके आगे की पढ़ाई ही प्ले स्कूल चलाने वाले प्रबंधकों पर यह नियम लागू होगा.
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