लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हर महीने थानेदार से लेकर एडीजी जोन को समीक्षा बैठक के दौरान पूरे माह का हिसाब देना होगा. बैठक में इस दौरान हुए क्राइम को लेकर कितनी कार्रवाई की, उस तरह के अपराध की पुनरावृत्ति हुई या नहीं. इतना ही नहीं, पेंडिंग मामलों का निस्तारण कब और कितने दिनों में किया गया, इसका भी हिसाब देना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को इस बाबत निर्देश दे दिए हैं. सीएम ने लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर एक घटना सबक होती है, जिससे फील्ड अफसरों को सीख लेनी चाहिए. वह घटना दोबारा न हो इसके लिए सक्रियता बढ़ाएं. सीएम योगी ने शोहदों पर नकेल कसने के लिए एंटी रोमियो अभियान फिर चलाने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने कहा कि साइबर अपराध प्रदेश के सामने बड़ी चुनौती है. ऐसे में राज्य में जिला स्तर पर साइबर क्राइम थाना और थाना स्तर पर साइबर सेल का गठन किया जाए.
सीएम ने जिले के सभी पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए कि हर हफ्ते आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने, शिकायती पत्रों के 100 प्रतिशत निस्तारण, पेंडिंग मामलों को पूर्ण करने को लेकर समीक्षा बैठक करें. इसके अलावा जोन के एडीजी, आईजी रेंज की पाक्षिक और डीजीपी, एडीजी जोन की मासिक समीक्षा बैठक भी करने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम ने कहा कि अंबेडकरनगर की घटना से सभी पुलिस अधिकारी सबक लें और दोबारा इस तरह की वारदात बिल्कुल न हो, इसको लेकर सक्रिय रहें.
जिला स्तर पर साइबर थाने का निर्माण: सीएम योगी ने साइबर क्राइम को लेकर भी कई निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अभी फिलहाल रेंज स्तर पर ही साइबर क्राइम थाने बने हैं. अब इसे जिला स्तर पर बनाया जाए, इसके लिए पुलिसकर्मियों को बाकायदा साइबर क्राइम को रोकने के लिए ट्रेनिंग दी जाए. वहीं, थाना स्तर पर साइबर सेल के संचालन के बाद भी साइबर हेल्प डेस्क का संचालन बंद न हो, इसका विशेष ध्यान रखें. सीएम ने थाने लेकर पुलिस कप्तान व पुलिस कमिश्नर तक को सोशल मीडिया पर नकारात्मक खबरों को लेकर पैनी नजर रखने को कहा है, ताकि राज्य का माहौल शांतिपूर्ण बना रहे.