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एनर्जी एक्सचेंज में अब इस कीमत से ज्यादा नहीं बिक पाएगी बिजली...ये हुआ फैसला

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Published : May 7, 2022, 3:44 PM IST

एनर्जी एक्सचेंज में महंगी बिजली बेचने के मामले में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग का बड़ा फैसला आया है. इसमें बिजली की अधिकतम कीमत को लेकर निर्देश दिए गए हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

लखनऊ. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग का फैसला, अब पावर एक्सचेंज पर ₹12 प्रति यूनिट से ज्यादा नहीं बेची जा सकेगी बिजली
लखनऊ. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग का फैसला, अब पावर एक्सचेंज पर ₹12 प्रति यूनिट से ज्यादा नहीं बेची जा सकेगी बिजली

लखनऊः इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग कानून बनने के बाद भी 17 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. अब पावर एक्सचेंज पर अधिकतम 12 रुपया प्रति यूनिट के ऊपर कोई भी जनरेटर डेहेड मार्केट (डीएएम) व रियल टाइम मार्केट (आरटीएम ) व टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) पर बिजली नहीं बेच पाएगा. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने दो दिन में रिपोर्ट तलब की है.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की संस्तुति के बाद केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने बीती एक अप्रैल को पूरे देश में पावर एक्सचेंज पर डेहेड मार्केट (डीएएम) व रियल टाइम मार्केट (आरटीएम) पर अधिकतम 12 रुपए प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा के खुलासे के बाद यह मुद्दा सामने आया कि पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) के अंतर्गत 13 रुपए प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेची जा रही है.

इसके बाद देश के निजी घरानों में हड़कंप मच गया था. उपभोक्ता परिषद ने इसकी शिकायत केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार व केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग सहित राज्य विद्युत नियामक आयोग से करते हुए कानून के उल्लंघन पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की. यह मांग उठाई कि इस भीषण बिजली संकट के दौर में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर आपदा में अवसर तलाशते हुए अधिकतम 17 रुपए प्रति यूनिट की बिजली बेची जा रही है, जिस पर केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने सख्त कदम उठाने की बात कही थी.

खुलासा होने के बाद पावर कार्पोरेशन भी उपभोक्ता परिषद के पक्ष में आ गया था और चेयरमैन एम. देवराज ने भी भारत सरकार को पत्र भेजा था. इसके बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 29 अप्रैल को पूरा मामला केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग को भेजा. अब केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग की पूर्ण पीठ ने बड़ा फैसला लेते हुए पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) के अंतर्गत 13 रुपए प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम 17 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले पर दो दिन में रिपोर्ट तलब करते हुए टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) पर 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग लगा दी है. अब पूरे पावर एक्सचेंज पर 12 रुपए प्रति यूनिट के ऊपर कोई भी जनरेटर डेहेड मार्केट (डीएएम) व रियल टाइम मार्केट (आरटीएम ) व टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) पर बिजली नहीं बेच पाएगा.

उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश में विदेशी कोयले से चलने वाली उत्पादन गृहों की मेरिट आर्डर समरी के आधार पर यह विश्लेषण किया गया है की विदेशी कोयले से चलने वाली उत्पादन गृहों की बिजली की रेंज 7.30 रुपए प्रति यूनिट से 8.82 रुपए प्रति यूनिट के बीच आ रही है. ऐसे में यह कहना उचित होगा कि विदेशी कोयला आधारित उत्पादन इकाइयों की बिजली की दर नौ रुपए प्रति यूनिट तक आ रही है इसलिए विदेशी कोयला आधरित उत्पादन गृहों के लिए भी 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग पूरी तरह से उचित है.

निश्चित ही केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने निजी घरानों को यह संदेश दे दिया है की कल महंगी बिजली के नाम पर विदेशी कोयला आधारित निजी घराने की 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग को हटवाने की मुहिम में न लग जाएं. अब जब पूरे देश में बिजली की समस्या है, ऐसे में केंद्र सरकार को देश में पावर क्राईसेस घोषित करते हुए पावर एक्सचेंज पर छह रुपए प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने की नई सीलिंग लगाना चाहिए. 12 रुपए प्रति यूनिट की बिजली की सीलिंग काफी ज्यादा है.

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लखनऊः इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग कानून बनने के बाद भी 17 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. अब पावर एक्सचेंज पर अधिकतम 12 रुपया प्रति यूनिट के ऊपर कोई भी जनरेटर डेहेड मार्केट (डीएएम) व रियल टाइम मार्केट (आरटीएम ) व टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) पर बिजली नहीं बेच पाएगा. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने दो दिन में रिपोर्ट तलब की है.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की संस्तुति के बाद केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने बीती एक अप्रैल को पूरे देश में पावर एक्सचेंज पर डेहेड मार्केट (डीएएम) व रियल टाइम मार्केट (आरटीएम) पर अधिकतम 12 रुपए प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा के खुलासे के बाद यह मुद्दा सामने आया कि पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) के अंतर्गत 13 रुपए प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेची जा रही है.

इसके बाद देश के निजी घरानों में हड़कंप मच गया था. उपभोक्ता परिषद ने इसकी शिकायत केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार व केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग सहित राज्य विद्युत नियामक आयोग से करते हुए कानून के उल्लंघन पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की. यह मांग उठाई कि इस भीषण बिजली संकट के दौर में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर आपदा में अवसर तलाशते हुए अधिकतम 17 रुपए प्रति यूनिट की बिजली बेची जा रही है, जिस पर केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने सख्त कदम उठाने की बात कही थी.

खुलासा होने के बाद पावर कार्पोरेशन भी उपभोक्ता परिषद के पक्ष में आ गया था और चेयरमैन एम. देवराज ने भी भारत सरकार को पत्र भेजा था. इसके बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 29 अप्रैल को पूरा मामला केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग को भेजा. अब केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग की पूर्ण पीठ ने बड़ा फैसला लेते हुए पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) के अंतर्गत 13 रुपए प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम 17 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले पर दो दिन में रिपोर्ट तलब करते हुए टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) पर 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग लगा दी है. अब पूरे पावर एक्सचेंज पर 12 रुपए प्रति यूनिट के ऊपर कोई भी जनरेटर डेहेड मार्केट (डीएएम) व रियल टाइम मार्केट (आरटीएम ) व टर्म अहेड मार्केट (टीएएम) पर बिजली नहीं बेच पाएगा.

उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश में विदेशी कोयले से चलने वाली उत्पादन गृहों की मेरिट आर्डर समरी के आधार पर यह विश्लेषण किया गया है की विदेशी कोयले से चलने वाली उत्पादन गृहों की बिजली की रेंज 7.30 रुपए प्रति यूनिट से 8.82 रुपए प्रति यूनिट के बीच आ रही है. ऐसे में यह कहना उचित होगा कि विदेशी कोयला आधारित उत्पादन इकाइयों की बिजली की दर नौ रुपए प्रति यूनिट तक आ रही है इसलिए विदेशी कोयला आधरित उत्पादन गृहों के लिए भी 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग पूरी तरह से उचित है.

निश्चित ही केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने निजी घरानों को यह संदेश दे दिया है की कल महंगी बिजली के नाम पर विदेशी कोयला आधारित निजी घराने की 12 रुपए प्रति यूनिट की सीलिंग को हटवाने की मुहिम में न लग जाएं. अब जब पूरे देश में बिजली की समस्या है, ऐसे में केंद्र सरकार को देश में पावर क्राईसेस घोषित करते हुए पावर एक्सचेंज पर छह रुपए प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने की नई सीलिंग लगाना चाहिए. 12 रुपए प्रति यूनिट की बिजली की सीलिंग काफी ज्यादा है.

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