लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हर जिले में अब एक बाल थाना बनेगा. यहां पुलिसकर्मी बच्चों से जुड़े अपराधों पर काम करेंगे. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) का कार्यालय भी इसी थाने में होगा. यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मुताबिक इस बाल थाने के लिए सरकार को पत्र भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे एक ओर जहां, बच्चों से जुड़े मामलों को संवेदनशीलता के साथ सुलझाया जा सकेगा. वहीं, पोक्सो जैसे कानून के गलत इस्तेमाल को भी कम किया जाएगा.
यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा मंगलवार को लखनऊ स्थित कार्यालय पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि एक अभियान की शुरुआत की जा रही है. इसके तहत, हर स्कूल में एक प्रहरी क्लब बनाया जाएगा. इस प्रहरी क्लब में एक मॉनीटर के साथ ही 10 अन्य छात्र होंगे. इस क्लब की जिम्मेदारी होगी कि वह स्कूल या उसके आसपास होने वाली नशे की गतिविधियों पर नजर रखें. यदि कोई छात्र ऐसी हरकत करता है तो उसकी जानकारी प्रशासन के दें.
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बच्चों के पुनर्वास पर जोर
वहीं, आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने बताया कि आयोग की ओर से भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों और उनके परिवारों के पुनर्वास पर काम शुरू किया गया है. ऐसे बच्चों को चिह्नित करके उनका दाखिला कस्तूरबा विद्यालय और आश्रम पद्धति जैसे सरकार स्कूलों में कराया जाएगा. इसके अलावा, इनके माता-पिता को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वह दोबारा इस तरह से काम में न जुड़ें.
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