लखनऊः वैश्विक महामारी covid-19 बचाव के लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल अनेक प्रभावी कदम उठा रहा है. इसी के अन्तर्गत रेलवे प्रशासन को विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि मंडल के कुछ स्टेशनों की रेल पटरियों के निकट निवास करने वाले स्थानीय नागरिक रेल पटरियों पर आवागमन कर रहे हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन है. इतना ही नहीं पटरियों पर तीव्र गति से आवागमन करने वाली मालगाड़ियों और विशेष पार्सल रेलगाड़ियों से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना भी घटित हो सकती है.
रेल प्रबंधक ने मामले का लिया संज्ञान
प्रकरण के संज्ञान में आते ही मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रेल सुरक्षा बल को निर्देश दिया. साथ ही मंडल के समस्त सेक्शनों को क्रमबद्ध तरीके से चेक करते हुए स्थानीय निवासियों को रेल लाइन/रेल परिसर में प्रवेश नहीं करने के आदेश दिए. सभी को अवगत कराया गया कि उक्त कृत्य भारतीय रेल अधिनियम 1989 की धारा 147 के अन्तर्गत दंडनीय अपराध है.
रेलवे लाइन की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग शुरू
डीआरएम संजय त्रिपाठी के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लघंन करने के लिए दंड का प्रावधान किया गया है. साथ ही संबंधित पुलिस थानों/PWI से सहायता एवं रोकथाम के लिए पत्र भी भेजा गया है. सघन आबादी वाले क्षेत्र/पिन प्वाइंट के आसपास पेट्रोलिंग के लिए एक सुनियोजित प्रारूप के आधार पर कर्मचारियों की तैनाती करके ट्रैकों की निगरानी का प्रावधान किया गया है.