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नोडल अधिकारी ने मांगा पोस्ट कोविड केयर सेंटर का ब्यौरा - लखनऊ में कोविड केयर सेंटर

उत्तर प्रदेश में नोडल अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने सीएमओ को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कोविड-19 संबंधी तमाम जानकारी तलब की हैं.

लखनऊः
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Published : May 22, 2021, 3:55 AM IST

लखनऊः नोडल अधिकारी कोविड-19 डॉ. रोशन जैकब ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पोस्ट कोविड केयर सेंटर का ब्यौरा मांगा है. डॉक्टर जैकब ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा सभी नॉन कोविड अस्पतालों में पोस्ट कोविड-19 केयर सेंटर स्थापित करने के निर्देश से संबंधित अनुपालन का जानकारी तलब की है. डॉक्टर जैकब के मुताबिक प्रत्येक पोस्ट कोविड सेंटर में एक चेस्ट फिजीशियन, फिजीशियन, एक फिजियोथेरेपिस्ट, एक साइकियाट्रिस्ट / काउंसलर तैनात किया जाना था, जो पोस्ट कोविड मरीजों को इलाज से संबंधित सलाह देंगे.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में की जानी थी ऑक्सीजन वाले बेडों की व्यवस्था
प्रभारी नोडल अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक सीएचसी में ऑक्सीजनयुक्त 10 बेड्स की व्यवस्था की जानी है, जिससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों का प्राथमिक उपचार संभव हो सके. औषधि निरीक्षक की ओर से स्वास्थ्य विभाग की मांग के अनुरूप बलरामपुर, लोकबन्धु चिकित्सालय एवं समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के आवंटन के लिए श्रीनाथ गैस एजेंसी नादरगंज लखनऊ को आदेश दिया गया है.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की हो चुकी है आपूर्ति
नोडल अधिकारी ने सीएमओ को लिखे पत्र में कहा है कि मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की ओर से कन्सन्ट्रेटर्स की सप्लाई पूर्व में ही की जा चुकी है. उन्होंने प्रत्येक सीएचसी में कन्सन्ट्रेटर्स एवं ऑक्सीजन सिलेण्डरयुक्त 10 बेडस के वार्ड की स्थापना की प्रगति का विवरण तलब किया है.

क्या हुआ पीडियाट्रिक आईसीयू का
पत्र में सीएमओ से यह भी पूछा गया है कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के साथ लोकबन्धु एवं बलरामपुर राजकीय चिकित्सालयों में सम्पन्न बैठकों में यह निर्णय लिया गया था कि बलरामपुर चिकित्सालय में 40 बेड्स का पोस्ट कोविड वार्ड और लोकबन्धु चिकित्सालय में महिलाओं एवं बच्चों के लिए आरक्षित 100 बेड्स के वार्ड एवं पिडियाट्रिक आईसीयू की स्थापना की जानी थी. इसका क्या हुआ?

मरीजों की खबर उनके परिजनों तक पहुंचाएगी कोविड हेल्प डेस्क
राजधानी के सभी अस्पतालों में एक ऐसी कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना का कार्य शुरू हुआ है, जो उन अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 संक्रमित मरीजों की खबर उनके परिजनों तक पहुंचाएगी. हालांकि यह आदेश प्रभारी अधिकारी कोविड-19 डॉ. रोशन जैकब ने 15 मई को ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रभारी सेक्टर अधिकारियों को दिए थे.

मोबाइल टेस्टिंग वैन को दिखाई हरी झंडी
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कोविड-19 मोबाइल टेस्टिंग वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. शहर के ऐशबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कोविड-19 मोबाइल वैन की शुरुवात हुई. लखनऊ में मोबाइल टेस्टिंग वैन लोगों की टेस्टिंग अब घर बैठे की जाएगी. डीएम ने यहां से 15 मोबाइल टेस्टिंग और सात प्राइवेट वैन को हरी झंडी दिखाई. ये टेस्टिंग वैन भीड़-भाड़ वाली जगह, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप व लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात की जाएगी. वहीं, कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर से निर्देश मिलने के बाद मौके पर जाकर भी टेस्टिंग करेगी. इन मोबाइल टेस्टिंग वैन से लोगों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि यह शहर के अलग-अलग हिस्सों में घूम कर जांच करेंगे. वहीं प्राइवेट मोबाइल टेस्टिंग वैन के लिए जिला प्रशासन ने रेट निर्धारित किए हैं.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना काल में लापरवाही बरतने पर सीएमएस को किया गया निलंबित

कोविड जांच के लिए इन लैब की मिली सहमति
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि, सबसे पहले प्राइवेट वैन को शुरू किया जाएगा. उसके बाद सरकारी सेवाओं वाली वैन को भी लगाया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि प्राइवेट क्षेत्र के लाइफ केयर, पॉलीवाल, अमा डायग्नोस्टिक, संभावी डायग्नोस्टिक, आरएमएल, चरक और चंदन डायग्नोस्टिक ने अपनी सहमति भी दे दी है. डीएम ने बताया कि, ये टेस्टिंग वैन सीधे मुख्य प्रयोगशाला के संपर्क में रहेंगी. अभी कई जगहों से शिकायतें मिल रहीं हैं कि सैंपल लेते समय रोगी का पूरा पता, मोबाइल नंबर आदि सही से नहीं लिया जा रहा है, जिसके कारण मरीजों की पहचान करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सभी लैब को निर्देश दिए हैं कि जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर पोर्टल पर अपलोड करें.

लखनऊः नोडल अधिकारी कोविड-19 डॉ. रोशन जैकब ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पोस्ट कोविड केयर सेंटर का ब्यौरा मांगा है. डॉक्टर जैकब ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा सभी नॉन कोविड अस्पतालों में पोस्ट कोविड-19 केयर सेंटर स्थापित करने के निर्देश से संबंधित अनुपालन का जानकारी तलब की है. डॉक्टर जैकब के मुताबिक प्रत्येक पोस्ट कोविड सेंटर में एक चेस्ट फिजीशियन, फिजीशियन, एक फिजियोथेरेपिस्ट, एक साइकियाट्रिस्ट / काउंसलर तैनात किया जाना था, जो पोस्ट कोविड मरीजों को इलाज से संबंधित सलाह देंगे.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में की जानी थी ऑक्सीजन वाले बेडों की व्यवस्था
प्रभारी नोडल अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक सीएचसी में ऑक्सीजनयुक्त 10 बेड्स की व्यवस्था की जानी है, जिससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों का प्राथमिक उपचार संभव हो सके. औषधि निरीक्षक की ओर से स्वास्थ्य विभाग की मांग के अनुरूप बलरामपुर, लोकबन्धु चिकित्सालय एवं समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के आवंटन के लिए श्रीनाथ गैस एजेंसी नादरगंज लखनऊ को आदेश दिया गया है.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की हो चुकी है आपूर्ति
नोडल अधिकारी ने सीएमओ को लिखे पत्र में कहा है कि मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की ओर से कन्सन्ट्रेटर्स की सप्लाई पूर्व में ही की जा चुकी है. उन्होंने प्रत्येक सीएचसी में कन्सन्ट्रेटर्स एवं ऑक्सीजन सिलेण्डरयुक्त 10 बेडस के वार्ड की स्थापना की प्रगति का विवरण तलब किया है.

क्या हुआ पीडियाट्रिक आईसीयू का
पत्र में सीएमओ से यह भी पूछा गया है कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के साथ लोकबन्धु एवं बलरामपुर राजकीय चिकित्सालयों में सम्पन्न बैठकों में यह निर्णय लिया गया था कि बलरामपुर चिकित्सालय में 40 बेड्स का पोस्ट कोविड वार्ड और लोकबन्धु चिकित्सालय में महिलाओं एवं बच्चों के लिए आरक्षित 100 बेड्स के वार्ड एवं पिडियाट्रिक आईसीयू की स्थापना की जानी थी. इसका क्या हुआ?

मरीजों की खबर उनके परिजनों तक पहुंचाएगी कोविड हेल्प डेस्क
राजधानी के सभी अस्पतालों में एक ऐसी कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना का कार्य शुरू हुआ है, जो उन अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 संक्रमित मरीजों की खबर उनके परिजनों तक पहुंचाएगी. हालांकि यह आदेश प्रभारी अधिकारी कोविड-19 डॉ. रोशन जैकब ने 15 मई को ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रभारी सेक्टर अधिकारियों को दिए थे.

मोबाइल टेस्टिंग वैन को दिखाई हरी झंडी
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कोविड-19 मोबाइल टेस्टिंग वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. शहर के ऐशबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कोविड-19 मोबाइल वैन की शुरुवात हुई. लखनऊ में मोबाइल टेस्टिंग वैन लोगों की टेस्टिंग अब घर बैठे की जाएगी. डीएम ने यहां से 15 मोबाइल टेस्टिंग और सात प्राइवेट वैन को हरी झंडी दिखाई. ये टेस्टिंग वैन भीड़-भाड़ वाली जगह, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप व लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात की जाएगी. वहीं, कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर से निर्देश मिलने के बाद मौके पर जाकर भी टेस्टिंग करेगी. इन मोबाइल टेस्टिंग वैन से लोगों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि यह शहर के अलग-अलग हिस्सों में घूम कर जांच करेंगे. वहीं प्राइवेट मोबाइल टेस्टिंग वैन के लिए जिला प्रशासन ने रेट निर्धारित किए हैं.

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कोविड जांच के लिए इन लैब की मिली सहमति
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि, सबसे पहले प्राइवेट वैन को शुरू किया जाएगा. उसके बाद सरकारी सेवाओं वाली वैन को भी लगाया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि प्राइवेट क्षेत्र के लाइफ केयर, पॉलीवाल, अमा डायग्नोस्टिक, संभावी डायग्नोस्टिक, आरएमएल, चरक और चंदन डायग्नोस्टिक ने अपनी सहमति भी दे दी है. डीएम ने बताया कि, ये टेस्टिंग वैन सीधे मुख्य प्रयोगशाला के संपर्क में रहेंगी. अभी कई जगहों से शिकायतें मिल रहीं हैं कि सैंपल लेते समय रोगी का पूरा पता, मोबाइल नंबर आदि सही से नहीं लिया जा रहा है, जिसके कारण मरीजों की पहचान करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सभी लैब को निर्देश दिए हैं कि जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर पोर्टल पर अपलोड करें.

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