लखनऊ: दिसंबर माह का प्रथम सप्ताह बीत गया है, लेकिन नहरों में पानी अभी तक नहीं पहुंच पाया है. राजधानी के मलिहाबाद इलाके में किसानों की यह समस्या दिनों दिन गहराता चली जा रही है. इस समय गेहूं की फसल बुआई चल रही है. नहरों के इंतजार में किसानों की गेहूं फसल बुआई पर ग्रहण लगता दिख रहा है. नहरों में अब तक पानी न होना नहर विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है.
सूखी पड़ी नहरें
बीते 2 माह से क्षेत्र कि नहरें सूखी पड़ी हुई हैं. नहरों में पानी न होने के कारण किसान अपने खेतों की परहनी नहीं कर सके हैं. इस कारण किसानों को फसल की बुआई करने में देरी हो रही है.
गेहूं बुआई के लिए मुफीद समय
वैसे तो गेहूं बुआई के लिए मुफीद समय नवंबर माह माना गया है, लेकिन संसाधनों की कमी एवं आभाव के कारण किसान दिसंबर माह तक गेहूं की बुआई करते हैं. दिसंबर माह में बोई गई फसल के रोग ग्रस्त होने के आसार बढ़ जाते हैं साथ ही पैदावार में भी कमी पाई जाती है.
नहर विभाग सिर्फ दे रहा आश्वासन
नहरों में पानी न होने की शिकायत किसानों ने नहर विभाग के उच्च अधिकारियों से की है, लेकिन वहां से किसानों को सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला है. किसानों के अनुसार लगभग 2 सप्ताह पहले नहर विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त किया था कि दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में नहरों तक पानी पहुंच जाएगा. फिर भी अभी तक नहरे सूखी ही पड़ी हुई हैं.
सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी ने बताया कि नहरों की साफ-सफाई का कार्य चल रहा था जो कि अब समाप्त होने को है. दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह तक नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा.
जब किसानों को पानी की आवश्यकता होती है तो नहर विभाग ने उस समय सफाई का रोस्टर बना रखा है. किसानों के अनुसार प्रत्येक फसल की बुआई के समय किसानों के सामने यह समस्या निरंतर चली आ रही है. फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या का निराकरण नहीं कर पा रहे हैं.