लखनऊः लखनऊ विकास प्राधिकरण की 56 संपत्तियों में हुए फर्जीवाड़ा को लेकर नई जानकारी सामने आई है. पिछले दिनों हुई जांच के बाद यह बात सामने आई है कि जिन 56 संपत्तियों में फर्जीवाड़ा हुआ, उनका कोई भी मूल रिकार्ड एलडीए कार्यालय और कंप्यूटरों में दर्ज नहीं है. जिन 56 लोगों की प्रॉपर्टी की जांच की गई, उनमें मुख्य रूप से जो फर्जीवाड़ा सामने आया है, उसमें आरोप है कि बाबुओं ने मिलीभगत करके यह फर्जीवाड़ा किया था. जिन 56 लोगों की यह प्रॉपर्टी है, उन लोगों ने आवंटन से संबंधित या रजिस्ट्री से संबंधित कोई भी दस्तावेज फिलहाल दिखा नहीं पाए हैं.
56 संपत्तियों के मामले में हो रही है जांच
जिन 56 लोगों की प्रॉपर्टी में फर्जीवाड़ा हुआ और नामांतरण किया गया था. उनमें सिर्फ ओटीएस के कागज हैं और इन ओटीएस की रसीद के आधार पर वह अपनी संपत्ति पर दावा कर रहे हैं. यह बात सिस्टम एग्जीक्यूटिव के आधार पर पिछले दिनों हुई जांच में सामने आई है. हालांकि एलडीए अधिकारी लगातार साइबर एक्सपर्ट से भी इस पूरे मामले की जांच करा रहे हैं, जिससे 56 विवादित प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी सामने आ सके.
सिर्फ ओटीएस की रसीद दिखाकर संपत्ति पर दावा
लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से इन 56 विवादित संपत्तियों पर काबिज लोगों को नोटिस भेजी गई थी और उन्होंने अब जवाब में ओटीएस की रसीदें दिखाई हैं. जो साल 2020 की हैं, लेकिन मूल कोई कागज वह लोग दिखा नहीं पाए. अब देखने वाली बात यह होगी कि लखनऊ विकास प्राधिकरण इन 56 विवादित संपत्ति को लेकर क्या कोई फैसला करता है.