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कोरोना ने बिगाड़ी रंगत, न बाल दिवस की धूम न दिवाली के पटाखों का शोर

यूपी के लखनऊ में इस बार दिवाली का त्योहार फीका नजर आ रहा है. एक ओर कोरोना की मार दूसरी ओर एनजीटी के आदेश ने दिवाली की रंगत को उड़ा दिया है. वहीं स्कूलों की छुट्टी होने के चलते स्कूलों में बाल दिवस का त्योहार भी नहीं मना.

बिन पटाखों के मन रही दिवाली.
बिन पटाखों के मन रही दिवाली.
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Published : Nov 14, 2020, 8:29 PM IST

लखनऊः जनपद में इस वर्ष बाल दिवस के अवसर पर करोना व दिवाली की छुट्टी की वजह से कोई भी कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय में नहीं किया गया. बाल दिवस का इंतजार बच्चों को रहता था इस दिन स्कूल व कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रोग्राम होते थे, जिसमें बच्चों को सम्मानित भी किया जाता था. इस बार करोना की वजह से कोई भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका. वहीं दिवाली की बात की जाए तो एनजीटी के फरमान के बाद पटाखों का शोर गायब है.

यूपी के 13 जिले में पटाखे बैन
बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में पटाखों को बैन किया है. पुलिस प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ पटाखा बेचने वालों तथा लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. दिवाली में पटाखों के शौकीनों के अरमानों पर एनजीटी के आदेशों ने पानी फेर दिया है. वहीं एनजीटी के आदेश के बाद पटाखा व्यवसाई की दिवाली भी सूनी हो गई है.

कोरोना ने फीके किए त्योहार
करोना काल की वजह से लगभग सभी त्योहार इस बार सूने जा रहे हैं. लोगों को धूमधाम से दिवाली मनाने की उम्मीद थी लेकिन एनजीटी ने दिवाली के दो दिन पहले पटाखा बैन कर वह भी खुशी छीन ली. कुछ संगठनों ने तो पहले से ही पटाखे न जलाने की अपील की थी. प्रदूषण को देखते हुए पिछले वर्ष ही तेज ध्वनि के पटाखों पर बैन लगाया गया था. इस बार पटाखा पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. जिसकी वजह से इस बार दिवाली में पटाखों का शोर नहीं सुनाई पड़ रहा है.

पटाखा कारोबारियों में निराशा
राजधानी लखनऊ में बाल दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता था लेकिन इस वर्ष करोना के चलते बाल दिवस के कोई भी प्रोग्राम आयोजित नहीं किए गए. वहीं दिवाली भी बिना पटाखों के मनाई जा रही है. प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. एनजीटी के इस फैसले से जहां कुछ लोग खुश नजर आ रहे हैं. वहीं व्यापारी तथा पटाखा के शौकीन लोग इस फैसले पर अपना गुस्सा बयान कर रहे हैं.

लखनऊः जनपद में इस वर्ष बाल दिवस के अवसर पर करोना व दिवाली की छुट्टी की वजह से कोई भी कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय में नहीं किया गया. बाल दिवस का इंतजार बच्चों को रहता था इस दिन स्कूल व कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रोग्राम होते थे, जिसमें बच्चों को सम्मानित भी किया जाता था. इस बार करोना की वजह से कोई भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका. वहीं दिवाली की बात की जाए तो एनजीटी के फरमान के बाद पटाखों का शोर गायब है.

यूपी के 13 जिले में पटाखे बैन
बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में पटाखों को बैन किया है. पुलिस प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ पटाखा बेचने वालों तथा लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. दिवाली में पटाखों के शौकीनों के अरमानों पर एनजीटी के आदेशों ने पानी फेर दिया है. वहीं एनजीटी के आदेश के बाद पटाखा व्यवसाई की दिवाली भी सूनी हो गई है.

कोरोना ने फीके किए त्योहार
करोना काल की वजह से लगभग सभी त्योहार इस बार सूने जा रहे हैं. लोगों को धूमधाम से दिवाली मनाने की उम्मीद थी लेकिन एनजीटी ने दिवाली के दो दिन पहले पटाखा बैन कर वह भी खुशी छीन ली. कुछ संगठनों ने तो पहले से ही पटाखे न जलाने की अपील की थी. प्रदूषण को देखते हुए पिछले वर्ष ही तेज ध्वनि के पटाखों पर बैन लगाया गया था. इस बार पटाखा पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं. जिसकी वजह से इस बार दिवाली में पटाखों का शोर नहीं सुनाई पड़ रहा है.

पटाखा कारोबारियों में निराशा
राजधानी लखनऊ में बाल दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता था लेकिन इस वर्ष करोना के चलते बाल दिवस के कोई भी प्रोग्राम आयोजित नहीं किए गए. वहीं दिवाली भी बिना पटाखों के मनाई जा रही है. प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. एनजीटी के इस फैसले से जहां कुछ लोग खुश नजर आ रहे हैं. वहीं व्यापारी तथा पटाखा के शौकीन लोग इस फैसले पर अपना गुस्सा बयान कर रहे हैं.

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