लखनऊ: राजधानी में बड़े मंगल मेले का आयोजन प्राचीन मंदिर अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर में वर्षों से धूमधाम से मनाया जाता था. जानकारों के मुताबिक बड़े मंगल की परंपरा लखनऊ से शुरू हुई थी. इस बार कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए मंदिरों के कपाट नहीं खोले गए. लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घर में रहकर ही भगवान की पूजा अर्चना करें.
देश में कोरोना वायरस जैसी महामारी पूरी तरह पैर पसार चुका है. इसी वजह से 250 वर्षों से मनाया जा रहा बड़ा मंगल इस बार नहीं मनाया जा रहा है. जेठ माह में पड़ने वाला बड़ा मंगल कल्याणकारी माना जाता है. जानकारों की माने तो बड़े मंगल की परंपरा लक्ष्मण की नगरी लखनऊ से ही शुरू हुई है.
दरअसल, नवाब सआदत अली की मां ने अपने बेटे के स्वास्थ्य के लिए अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में दुआ मांगी थी. इसलिए हनुमान मंदिर में जेठ के महीने में मेले का आयोजन और पूजा की परंपरा चली आ रही है. देश-विदेश में भी जेठ का बड़ा मंगल मनाया जाता हैं. बड़े मंगल पर भुने गेहूं का प्रसाद बांटने की परंपरा है.