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उठ रहे सवाल, नोएडा एसएसपी की गोपनीय रिपोर्ट पर अब तक क्यों नहीं हुई कार्रवाई?

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Published : Jan 6, 2020, 11:10 PM IST

नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी, जोकि बाद में सार्वजनिक हो गई. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद शासन ने वैभव कृष्ण से स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि रिपोर्ट भेजने के दो महीने बाद भी अब तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

नोएडा एसएसपी की गोपनीय रिपोर्ट पर अब तक नहीं की गई कार्रवाई
नोएडा एसएसपी की गोपनीय रिपोर्ट पर अब तक नहीं की गई कार्रवाई.

लखनऊ: नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने उनसे सर्विस एक्ट के उल्लंघन करने की बात कहते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. जहां एक ओर गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर पुलिस विभाग वैभव कृष्ण पर कार्रवाई कर सकता है तो वहीं दूसरी ओर इस बात की भी खूब चर्चा हो रही है कि आखिर जब वैभव कृष्ण ने दो महीने पहले ही रिपोर्ट शासन को भेज दी थी तो अब तक किसी आरोपी आईपीएस अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कार्रवाई तो दूर की बात है रिपोर्ट के आधार पर उनकी जांच तक नहीं शुरू की गई?

नोएडा एसएसपी की गोपनीय रिपोर्ट पर अब तक नहीं की गई कार्रवाई.

रिपोर्ट में इन आईपीएस अधिकारियों के नाम
नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपनी रिपोर्ट पर गौतमबुद्ध नगर के पूर्व एसएसपी अजय पाल शर्मा, गाजियाबाद एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, बांदा एसपी गणेश साहा, कुशीनगर के पूर्व एसपी राजीव नारायण मिश्र, सुलतानपुर के एसपी हिमांशु कुमार का जिक्र किया है.

रिपोर्ट में लगाए गए थे यह आरोप
गोपनीय रिपोर्ट में आरोप लगाए गए थे कि नोएडा के पूर्व एसएसपी अजय पाल शर्मा व आरोपी चंदन राय के बीच में मेरठ में पोस्टिंग कराने के नाम पर 80 लाख रुपये के लेन-देन की बात हुई, जिसमें 50 प्रतिशत रुपये पहले व 50 प्रतिशत रुपये बाद में भुगतान करने की बात कही जा रही है. वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में सबूत के तौर पर बातचीत कीस सीडीआर भी उपलब्ध कराया गया है.

वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में एसएसपी गाजियाबाद सुधीर सिंह व चंदन राय की एसएमएस से बातचीत का भी जिक्र किया गया है, जिसमें निरीक्षक संजय वर्मा को चार्ज दिलाने के लिए बात करते हुए नजर आ रहे हैं. एसएसपी गाजियाबाद आरोपी चंदन को ऑफिस में बुलाने की बात भी कर रहे हैं. बांदा एसपी गणेश शाहा और चंदन राय के बीच की बातचीत का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है, जिसमें एसपी व चंदन राय जिले से ट्रकों को निकलवाने की बात कर रहे हैं, जिसके बदले में पैसे के लेन-देन की बात भी की जा रही है.

दोनों के बीच में हुई बातचीत को चंदन राय ने राजेश राय नाम के व्यक्ति को भेजी. चंदन राय राजेश राय से बात करते हुए कह रहा है कि ट्रकों को निकलवाने के लिए पहले टोकन देना होगा. रिपोर्ट में कुशीनगर के तात्कालिक एसपी राजीव नारायण की नीतीश पांडे नाम के व्यक्ति से बातचीत का विवरण दिया गया है, जिसमें अनिल तिवारी नाम के आरक्षी को जिले में संबद्ध कराने की डील की जा रही है. रिपोर्ट मे इस बात का जिक्र है कि जिस आरक्षी को जिले में संबद्ध करने की बात की जा रही है, उसके ऊपर पहले से कई आपराधिक मुकदमे हैं.

कौन है चंदन राय
चंदन राय ब्लैकमेलिंग की आरोपों में सलाखों के पीछे है. एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपनी रिपोर्ट में चंदन राय पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चंदन राय को आरएसएस (RSS) से जुड़ा हुआ बताया जा रहा था, लेकिन चंदन का नाम सामने आने के बाद RSS की ओर से स्पष्ट किया गया कि चंदन राय के पास RSS का कोई दायित्व नहीं है.

ये भी पढ़ें: DGP ओपी सिंह ने नोएडा के SSP से मांगा स्पष्टीकरण, जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई

पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिस तरह से नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी और अपनी रिपोर्ट में ट्रांसफर-पोस्टिंग भ्रष्टाचार को लेकर 4 आईपीएस अधिकारियों का जिक्र किया, यह अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है. सवाल यह है कि जब इस तरह की शिकायत शासन को भेजी गई तो फिर 2 महीने बाद तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

लखनऊ: नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने उनसे सर्विस एक्ट के उल्लंघन करने की बात कहते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. जहां एक ओर गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर पुलिस विभाग वैभव कृष्ण पर कार्रवाई कर सकता है तो वहीं दूसरी ओर इस बात की भी खूब चर्चा हो रही है कि आखिर जब वैभव कृष्ण ने दो महीने पहले ही रिपोर्ट शासन को भेज दी थी तो अब तक किसी आरोपी आईपीएस अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कार्रवाई तो दूर की बात है रिपोर्ट के आधार पर उनकी जांच तक नहीं शुरू की गई?

नोएडा एसएसपी की गोपनीय रिपोर्ट पर अब तक नहीं की गई कार्रवाई.

रिपोर्ट में इन आईपीएस अधिकारियों के नाम
नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपनी रिपोर्ट पर गौतमबुद्ध नगर के पूर्व एसएसपी अजय पाल शर्मा, गाजियाबाद एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, बांदा एसपी गणेश साहा, कुशीनगर के पूर्व एसपी राजीव नारायण मिश्र, सुलतानपुर के एसपी हिमांशु कुमार का जिक्र किया है.

रिपोर्ट में लगाए गए थे यह आरोप
गोपनीय रिपोर्ट में आरोप लगाए गए थे कि नोएडा के पूर्व एसएसपी अजय पाल शर्मा व आरोपी चंदन राय के बीच में मेरठ में पोस्टिंग कराने के नाम पर 80 लाख रुपये के लेन-देन की बात हुई, जिसमें 50 प्रतिशत रुपये पहले व 50 प्रतिशत रुपये बाद में भुगतान करने की बात कही जा रही है. वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में सबूत के तौर पर बातचीत कीस सीडीआर भी उपलब्ध कराया गया है.

वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में एसएसपी गाजियाबाद सुधीर सिंह व चंदन राय की एसएमएस से बातचीत का भी जिक्र किया गया है, जिसमें निरीक्षक संजय वर्मा को चार्ज दिलाने के लिए बात करते हुए नजर आ रहे हैं. एसएसपी गाजियाबाद आरोपी चंदन को ऑफिस में बुलाने की बात भी कर रहे हैं. बांदा एसपी गणेश शाहा और चंदन राय के बीच की बातचीत का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है, जिसमें एसपी व चंदन राय जिले से ट्रकों को निकलवाने की बात कर रहे हैं, जिसके बदले में पैसे के लेन-देन की बात भी की जा रही है.

दोनों के बीच में हुई बातचीत को चंदन राय ने राजेश राय नाम के व्यक्ति को भेजी. चंदन राय राजेश राय से बात करते हुए कह रहा है कि ट्रकों को निकलवाने के लिए पहले टोकन देना होगा. रिपोर्ट में कुशीनगर के तात्कालिक एसपी राजीव नारायण की नीतीश पांडे नाम के व्यक्ति से बातचीत का विवरण दिया गया है, जिसमें अनिल तिवारी नाम के आरक्षी को जिले में संबद्ध कराने की डील की जा रही है. रिपोर्ट मे इस बात का जिक्र है कि जिस आरक्षी को जिले में संबद्ध करने की बात की जा रही है, उसके ऊपर पहले से कई आपराधिक मुकदमे हैं.

कौन है चंदन राय
चंदन राय ब्लैकमेलिंग की आरोपों में सलाखों के पीछे है. एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपनी रिपोर्ट में चंदन राय पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चंदन राय को आरएसएस (RSS) से जुड़ा हुआ बताया जा रहा था, लेकिन चंदन का नाम सामने आने के बाद RSS की ओर से स्पष्ट किया गया कि चंदन राय के पास RSS का कोई दायित्व नहीं है.

ये भी पढ़ें: DGP ओपी सिंह ने नोएडा के SSP से मांगा स्पष्टीकरण, जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई

पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिस तरह से नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी और अपनी रिपोर्ट में ट्रांसफर-पोस्टिंग भ्रष्टाचार को लेकर 4 आईपीएस अधिकारियों का जिक्र किया, यह अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है. सवाल यह है कि जब इस तरह की शिकायत शासन को भेजी गई तो फिर 2 महीने बाद तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

Intro:note- 3 जनवरी को डीजीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की फील्ड कैमरामैन धीरज जी ने भेजी थी उस फिट से डीजीपी की स्पष्टीकरण को लेकर बाइट इस खबर में लगाई जा सकती है। भेजी गई खबर की हेडिंग- एसएसपी नोएडा से मांगा गया स्पष्टीकरण, जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी आगे की कार्यवाही: डीजीपी ओपी सिंह एंकर लखनऊ। नोएडा एसएससी वैभव कृष्ण का वायरल हुए अश्लील वीडियो के बाद नोएडा एसएससी द्वारा शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। जिसके बाद dgp ओपी सिंह ने एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा सर्विस एक्ट उल्लंघन करने की बात कहते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। जहां एक और गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर पुलिस विभाग एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण पर कार्यवाही कर सकता है। वही दूसरी ओर इस बात की भी खूब चर्चा हो रही है कि आखिर जब वैभव कृष्ण ने दो महीने पहले ही रिपोर्ट शासन को भेज दी थी तो अब तक किसी आरोपी ips अधिकारी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही तो दूर की बात है रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस अधिकारियों की जांच तक नहीं शुरु की गई? )


Body: वैभव किशन की रिपोर्ट में इन ips अधिकारियों के नाम वैभव किशन अपनी रिपोर्ट पर गौतमबुद्ध नगर के पूर्व एसएससी अजय पाल शर्मा, गाजियाबाद एसएससी सुधीर कुमार सिंह, बांदा एसएससी गणेश शाही, कुशीनगर के पूर्व एसपी राजीव नारायण मिश्रा, सुल्तानपुर नगर के sp हिमांशु कुमार का जिक्र किया है। रिपोर्ट में लगाई थे यह आरोप गोपनीय रिपोर्ट में आरोप लगाए गए थे की नोएडा ssp अजय पाल शर्मा व आरोपी चंदन राय के बीच में मेरठ में पोस्टिंग कराने के नाम पर 80 लाख रुपय कि लेन-देन की बात हुई है। जिसमें 50% पैसा पहले वह 50% पैसा बाद में भुगतान करने की बात कही जा रही है। वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में सबूत के तौर पर बातचीत किस सीडीआर भी उपलब्ध कराया गया है। वैभव कृष्णा की रिपोर्ट में एसएससी गाजियाबाद सुधीर सिंह व चंदन राय की sms से बातचीत जिक्र किया गया है। जिसमें निरीक्षक संजय वर्मा को चार्ज दिलाने के लिए बात करते हुए नजर आ रहे हैं। बातचीत के बाद ssp गाजियाबाद आरोपी चंदन को ऑफिस में बुलाने की बात भी कर रहे हैं। Sp बांदा गणेशा व चंदन राय की चैट कर जिक्र किया गया है जिसमें एसएससी व चंदन राय जिले से ट्रकों को निकलवाने की बात कर रहे हैं जिसके बदले में पैसे के लेन देन की बात भी की जा रही है। दोनों के बीच में हुई बातचीत को चंदन राय ने राजेश राय नाम के व्यक्ति को भेजी। चंदन राय राजेश राय से बात करते हुए कह रहा है कि ट्रकों को निकलवाने के लिए पहले टोकन देना होगा। रिपोर्ट में कुशीनगर के तात्कालिक sp राजीव नारायण की नीतीश पांडे नाम के व्यक्ति से बातचीत चैट का विवरण दिया गया है जिसमें अनिल तिवारी नाम के आरक्षी को जिले में संबद्ध कराने की डील की जा रही है। रिपोर्ट मे इस बात का जिक्र है कि जिस आरक्षी को जिले में संबद्ध करने की बात की जा रही है उसके ऊपर पहले से कई आपराधिक मुकदमे हैं। कौन है चंदन राय चंदन राय ब्लैकमेलिंग की आरोपों मैं सलाखों के पीछे है। वैभव कृष्ण ने अपनी रिपोर्ट में चंदन राय पर गंभीर आरोप लगाए। चंदन राय को rss से जुड़ा हुआ बताया जा रहा था लेकिन चंदन का नाम सामने आने के बाद rss की ओर से स्पष्ट किया गया कि चंदन राय के पास आर एस एस का कोई दायित्व नहीं है।


Conclusion: बाइट पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन ईटीवी से बातचीत में कहा कि जिस तरह से नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी और अपनी रिपोर्ट ट्रांसफर पोस्टिंग भ्रष्टाचार को लेकर 4 आईपीएस अधिकारियों का जिक्र किया या अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है। सवाल यह है कि जब इस तरह की शिकायत शासन को भेजी गई तो फिर 2 महीने बाद तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की गई। (संवाददाता बता मिश्रा 9026 392526)
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