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नाका अग्निकांडः दोषियों पर कार्रवाई नहीं, गलत रिपोर्ट भेजने वाले के निलंबन का आदेश

लखनऊ के नाका अग्निकांड में दो होटलों में लगी आग से सात लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मामले में 3 साल बाद भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है.

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Published : Jun 23, 2021, 5:48 PM IST

नाका अग्निकांड.
नाका अग्निकांड.

लखनऊः राजधानी के नाका चारबाग इलाके में 2 अवैध होटलों में हुए अग्निकांड के 3 साल पूरे हो गए हैं. बावजूद इसके अवैध होटल के निर्माण में जिम्मेदार अफसरों इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण से शासन को रिपोर्ट भेजी थी. अब रिपोर्ट भेजने वाले के खिलाफ निलंबित किए जाने की कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

शासन की तरफ से एक पत्र ने एलडीए में खलबली मचा दी है. आवास विकास विभाग से लखनऊ विकास प्राधिकरण को आए पत्र के बाद अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने भी मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह को एक पत्र भेजा है. इस पत्र में कहा गया है कि शासन को गलत रिपोर्ट भेजने वाले पर पहले कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही सचिव और वीसी को भी पत्र भेजा गया है. जिससे कि ऐसी गलत रिपोर्ट भेजने वाले को तत्काल चिन्हित किया जा सके. उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कराई जा सके. लखनऊ विकास प्राधिकरण और शासन स्तर पर गलत सूचना या गलत रिपोर्ट भेजने वाले को चिन्हित किए बगैर ही निलंबित किए जाने का आदेश दे दिया गया है. ऐसे में शासन की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

19 जून 2018 को चारबाग इलाके के नाका क्षेत्र में दो होटलों में अग्नि कांड हुआ था. इसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद से लेकर कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय से फटकार लगाई गई कि जिम्मेदार अफसरों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. कुछ लोगों के नाम चिन्हित करते हुए शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी.

इसे भी पढ़ें- LDA कारनामा, रिटायर सहायक अभियंता को बनाया दोषी

आवास विकास विभाग के इंजीनियरों ने खुद की तैनाती होने पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई न किए जाने को लेकर ज्ञापन दिया है. इनमें धनीराम, जनार्दन सिंह, अनिल कुमार प्रमोद कुमार सिंह और प्रभुनाथ पांडे शामिल हैं. रिपोर्ट में इनको 3 महीने से लेकर डेढ़ साल तक इन्हें तैनात दिखाया गया था. जबकि उन्होंने खुद की तैनाती होने से शासन ने ज्ञापन देकर मना किया है.

इसमें आईएएस, पीसीएस अधिकारियों के अलावा इंजीनियर सहित करीब 30 लोगों को एलडीए ने जिम्मेदार पाया था. जिन्होंने अवैध होटल को लगातार संरक्षण दिया और अपनी जिम्मेदारी का सही से निर्माण नहीं किया. अब देखना यह महत्वपूर्ण होगा कि लखनऊ विकास प्राधिकरण गलत रिपोर्ट भेजने वाले किस अधिकारी या अधिष्ठान विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कब तक चिन्हित करने की कार्रवाई करता है.

लखनऊः राजधानी के नाका चारबाग इलाके में 2 अवैध होटलों में हुए अग्निकांड के 3 साल पूरे हो गए हैं. बावजूद इसके अवैध होटल के निर्माण में जिम्मेदार अफसरों इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है. लखनऊ विकास प्राधिकरण से शासन को रिपोर्ट भेजी थी. अब रिपोर्ट भेजने वाले के खिलाफ निलंबित किए जाने की कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

शासन की तरफ से एक पत्र ने एलडीए में खलबली मचा दी है. आवास विकास विभाग से लखनऊ विकास प्राधिकरण को आए पत्र के बाद अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने भी मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह को एक पत्र भेजा है. इस पत्र में कहा गया है कि शासन को गलत रिपोर्ट भेजने वाले पर पहले कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही सचिव और वीसी को भी पत्र भेजा गया है. जिससे कि ऐसी गलत रिपोर्ट भेजने वाले को तत्काल चिन्हित किया जा सके. उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कराई जा सके. लखनऊ विकास प्राधिकरण और शासन स्तर पर गलत सूचना या गलत रिपोर्ट भेजने वाले को चिन्हित किए बगैर ही निलंबित किए जाने का आदेश दे दिया गया है. ऐसे में शासन की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

19 जून 2018 को चारबाग इलाके के नाका क्षेत्र में दो होटलों में अग्नि कांड हुआ था. इसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद से लेकर कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय से फटकार लगाई गई कि जिम्मेदार अफसरों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. कुछ लोगों के नाम चिन्हित करते हुए शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी.

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आवास विकास विभाग के इंजीनियरों ने खुद की तैनाती होने पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई न किए जाने को लेकर ज्ञापन दिया है. इनमें धनीराम, जनार्दन सिंह, अनिल कुमार प्रमोद कुमार सिंह और प्रभुनाथ पांडे शामिल हैं. रिपोर्ट में इनको 3 महीने से लेकर डेढ़ साल तक इन्हें तैनात दिखाया गया था. जबकि उन्होंने खुद की तैनाती होने से शासन ने ज्ञापन देकर मना किया है.

इसमें आईएएस, पीसीएस अधिकारियों के अलावा इंजीनियर सहित करीब 30 लोगों को एलडीए ने जिम्मेदार पाया था. जिन्होंने अवैध होटल को लगातार संरक्षण दिया और अपनी जिम्मेदारी का सही से निर्माण नहीं किया. अब देखना यह महत्वपूर्ण होगा कि लखनऊ विकास प्राधिकरण गलत रिपोर्ट भेजने वाले किस अधिकारी या अधिष्ठान विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कब तक चिन्हित करने की कार्रवाई करता है.

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