नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच चुका है. यहां पर शुक्रवार को आखिरी बार डमी को फांसी देने का ट्रायल किया जाएगा और इसके बाद एक फरवरी की सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. अभी तक किसी भी कोर्ट से इनकी फांसी पर रोक नहीं लगी है.
पटियाला हाउस से डेथ वारेंट था जारी
जानकारी के मुताबिक तिहाड़ जेल में बंद निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी की सजा अदालत सुना चुकी है. इनमें से मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति के जरिए खारिज किया जा चुका है जबकि विनय शर्मा ने दया याचिका लगाई है. वहीं अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट में लगी हुई है. लेकिन इस सबके बीच कहीं से भी फांसी पर रोक नहीं लगी है. एक फरवरी की सुबह 6 बजे उनकी फांसी के लिए पटियाला हाउस अदालत से डेथ वारेंट जारी हो रखा है.
फांसी देने तिहाड़ पहुंचा पवन जल्लाद
फांसी देने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने यूपी प्रशासन से एक जल्लाद मुहैया कराने की मांग की थी. उन्होंने मेरठ के पवन जल्लाद को इसके लिए दिल्ली जाने को कहा था. तिहाड़ प्रशासन ने नया डेथ वारेंट लेने के बाद पवन जल्लाद को 30 जनवरी को तिहाड़ आने के लिए पत्र लिखा था. इसके चलते ही गुरुवार को पवन तिहाड़ जेल पहुंच गया. वह शनिवार तक तिहाड़ जेल में ही रहेगा. इस दौरान जेल में ही उसके खाने-पीने और रहने का बंदोबस्त किया गया है.
शुक्रवार को किया जाएगा फाइनल ट्रायल
जेल सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को तिहाड़ जेल में फांसी का आखिरी ट्रायल किया जाएगा. पवन जल्लाद ये ट्रायल शुक्रवार सुबह डमी पर करेंगे. इसमें दोषियों के वजन की डमी बनाकर उसे फांसी के फंदे से लटकाया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि फांसी के दिन की पूरी तैयारी पवन द्वारा की जाएगी. लेकिन फांसी का लीवर खींचने का काम तीन अन्य कर्मचारियों द्वारा भी किया जाएगा. दरअसल चारों को एक साथ फांसी दी जानी है. इसलिए पवन सिर्फ एक लीवर को खींचेगा जबकि तीन अन्य लीवर कर्मचारियों द्वारा खींचे जाएंगे. हालांकि उसे चारों फांसी के लिए कीमत दी जाएगी. ये कीमत 60 हजार रुपये बताई गई है.
टल भी सकती है फांसी
सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ प्रशासन भले ही फांसी के लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन किसी भी समय फांसी टल सकती है. विनय शर्मा की दया याचिका खारिज होने के बाद ही उसे 14 दिन का समय कम से कम फांसी से पहले देना होगा. ऐसे में तिहाड़ प्रशासन को नया डेथ वारंट लेना पड़ेगा. हालांकि तिहाड़ प्रशासन का कहना है कि वे 1 फरवरी की तारीख को लेकर ही पूरी तरीके से तैयार हैं.