लखनऊ: प्रदेश में पहली बार रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता के बाद अब एसजीपीजीआई संस्थान नौ अन्य मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट करने के प्लान पर काम कर रहा है.इन मरीजों का रोबोटिक सर्जरी का शुल्क माफ रहेगा.एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमान के मुताबिक, यूपी में पहली बार संस्थान में रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. बाराबंकी निवासी महिला का पहला ट्रांसप्लांट सफल रहा. महिला का किडनी प्रत्यारोपण मुख्यमंत्री कोष से किया गया था.
निदेशक डॉ आरके धीमान के मुताबिक, पीजीआई में सामान्य मरीज के गुर्दा प्रत्यारोपण का शुल्क तीन लाख है. रोबोटिक विधि से गुर्दा प्रत्यारोपण कराने पर एक लाख के करीब अतिरिक्त खर्चा आता है. पहले सफल गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद शुरुआती नौ अन्य मरीजों के रोबोटिक ट्रांसप्लांट का चार्ज माफ रहेगा.
लिवर ट्रांसप्लांट भी जल्द होगा शुरू
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में लिवर ट्रांसप्लांट भी जल्द शुरू होगा. इसके लिए दिल्ली के आईएलबीएस में डॉक्टरों की ट्रेनिंग पूरी हो गयी है. हीपैटोलॉजी की ओपीडी भी शुरू हो गई है. इस ओपीडी में मरीजों की स्क्रीनिंग भी होने लगी है. करीब 6 मरीज लिवर ट्रांसप्लांट के लिए तैयार हो गए हैं. उनके लिए डोनर संबंधी प्रक्रिया चल रही है. इन मरीजों का सितम्बर में लिवर ट्रांसप्लांट करने का प्लान बनाया है.
बाराबंकी की महिला की हुई थी रोबोटिक सर्जरी
SGPGI (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) के डॉक्टरों ने नई उपलब्धि हासिल की है. यहां प्रदेश में पहली बार रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी व एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों ने बाराबंकी निवासी 42 वर्षीय महिला का किडनी ट्रांसप्लांट किया है. 42 साल की महिला को किडनी उसकी 66 साल की मां ने दी है. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद महिला व उसकी मां दोनों स्वस्थ हैं. महिला को अभी तीन से चार दिन अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा.