लखनऊ: राजधानी के आशियाना थाना क्षेत्र में हुई बहुचर्चित पुलस्त एनकाउंटर मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए 4 हफ्ते में लखनऊ पुलिस से एनकाउंटर पर रिपोर्ट मांगी है. 9 अगस्त को आशियाना में पुलिस ने पुलस्त के पैर में गोली मारकर एनकाउंटर किया था. पुलस्त के घरवालों द्वारा सीसीटीवी फुटेज जारी करने के बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया था.
राजधानी लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में बीती 9 अग को पुलस्त तिवारी नाम के युवक का पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस पर फायरिंग करने पर जवाबी कार्रवाई में पुलस्त के पैर में गोली लगी थी. इस घटना के बाद से ही पुलस्त के परिवार वालों ने एक सीसीटीवी फुटेज जारी किया था, जिसमें पुलस्त को उसके गाजीपुर-लखनऊ स्थित घर से 2 लोगों द्वारा कार में बैठा ले जाने की बात सामने आई थी. मामले का संज्ञान लेते हुए सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी, जिस पर शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को नोटिस भेजकर 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.
राजधानी लखनऊ में हुए इनकाउंटरों पर सियासत जारी है. कई पार्टियां इसको भुनाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रही हैं. कई पार्टियां परशुराम की मूर्ति लगाने की बात कर रही है. ऐसे में बीती 9 अगस्त को हुए पुलस्त एनकाउंटर मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को 4 हफ्ते के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा है. पुलिस ने इस मामले में जांच अधिकारी भी नियुक्त किया है.
पुलस्त तिवारी एनकाउंटर मामला: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लखनऊ पुलिस से मांगी रिपोर्ट
यूपी की राजधानी लखनऊ में हुई बहुचर्चित पुलस्त एनकाउंटर मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए 4 हफ्ते में लखनऊ पुलिस से एनकाउंटर पर रिपोर्ट तलब की है.
लखनऊ: राजधानी के आशियाना थाना क्षेत्र में हुई बहुचर्चित पुलस्त एनकाउंटर मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए 4 हफ्ते में लखनऊ पुलिस से एनकाउंटर पर रिपोर्ट मांगी है. 9 अगस्त को आशियाना में पुलिस ने पुलस्त के पैर में गोली मारकर एनकाउंटर किया था. पुलस्त के घरवालों द्वारा सीसीटीवी फुटेज जारी करने के बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया था.
राजधानी लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में बीती 9 अग को पुलस्त तिवारी नाम के युवक का पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस पर फायरिंग करने पर जवाबी कार्रवाई में पुलस्त के पैर में गोली लगी थी. इस घटना के बाद से ही पुलस्त के परिवार वालों ने एक सीसीटीवी फुटेज जारी किया था, जिसमें पुलस्त को उसके गाजीपुर-लखनऊ स्थित घर से 2 लोगों द्वारा कार में बैठा ले जाने की बात सामने आई थी. मामले का संज्ञान लेते हुए सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी, जिस पर शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को नोटिस भेजकर 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.
राजधानी लखनऊ में हुए इनकाउंटरों पर सियासत जारी है. कई पार्टियां इसको भुनाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रही हैं. कई पार्टियां परशुराम की मूर्ति लगाने की बात कर रही है. ऐसे में बीती 9 अगस्त को हुए पुलस्त एनकाउंटर मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को 4 हफ्ते के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा है. पुलिस ने इस मामले में जांच अधिकारी भी नियुक्त किया है.