नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने उत्तर प्रदेश के फूलपुर में इफको संयंत्र में अमोनिया गैस रिसाव की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया है. एनजीटी ने गैस रिसाव के पीड़ितों को ढाई-ढाई लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने के भी निर्देश दिए हैं.
'कमेटी दो महीने में दाखिल करे रिपोर्ट'
NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने कमेटी को दो महीने में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. एनजीटी की ओर से गठित कमेटी में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईआईटी कानपुर के एक-एक प्रतिनिधि और प्रयागराज के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल हैं. NGT ने कहा कि कमेटी चाहे तो वो फिजिकल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर सकती है.
NGT ने कमेटी के सदस्यों को घटनास्थल का दौरा कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए. एनजीटी ने कमेटी से गैस रिसाव के कारणों, उससे हुए नुकसान का आकलन, पीड़ितों को मुआवजा भुगतान के लिए उठाए गए कदमों और पर्यावरण एवं संपत्ति की क्षतिपूर्ति का आकलन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
22 दिसंबर 2020 की घटना
बता दें कि इफको के संयंत्र में 22 दिसंबर 2020 को रात करीब साढ़े दस बजे गैस रिसाव हुआ था. इस घटना में दो अधिकारियों की मौत हो गई थी और 16 कर्मचारी बीमार हो गए थे. NGT ने एक अखबार की खबर पर संज्ञान लेते हुए ये आदेश जारी किया है.