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Lucknow Pitbull Case Update: ब्राउनी को गोद लेने के लिए आगे आई NGO, जानिए क्या कहते हैं अमित

लखनऊ पिटबुल के मामले (Lucknow Pitbull Case) में एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है. अपने मालकिन पर हमला करने वाली ब्राउनी को लोग अब गोद लेना चाहते हैं. उसे गोद लेने के लिए एनजीओ और कई लोग सामने आए हैं.

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पिंजरे में कैद ब्राउनी
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Published : Jul 27, 2022, 10:19 AM IST

लखनऊः पिटबुल केस (Lucknow Pitbull Case) में अब एक रोचक बदलाव सामने आया है. 82 वर्षीय मालकिन (lucknow pitbull case owner name) की हत्या करने वाली पिटबुल ब्राउनी को अपनाने के लिए लोग अब आगे आ रहे हैं. इनमें स्वयंसेवी संस्थाओं से लेकर आम नागरिक भी शामिल हैं. लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) के पास अब तक करीब 9 लोगों के आवेदन आ चुके हैं. इनमें लखनऊ के गोमतीनगर स्थित स्वयंसेवी संस्था जीव आश्रम भी शामिल है. लखनऊ नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि पूरे देश से लोग ब्राउनी को अपनाने के लिए आगे आए हैं.

बीते दिनों कैसरबाग में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ब्राउनी ने अपनी मालकिन सुशीला त्रिपाठी पर हमला (lucknow pitbull attack news) कर दिया था. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी. 82 वर्षीय यह महिला ही पिछले कई वर्षों से उसे खाना खिला रही थी. इस घटना के बाद नगर निगम ने ब्राउनी को अपने कब्जे में ले लिया था. बताया कि ब्राउनी को कुकरैल पिकनिट स्पॉट के जरहरा में बने राधा उपवन में एकांतवास में रखा गया है.

सांसद मेनका गांधी आईं आगे
लखनऊ के इस पिटबुल केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस प्रकरण में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी भी आगे आईं. उन्होंने लखनऊ नगर निगम को सुझाव दिया है कि कुत्ते को उसके वास्तविक मालिक को लौटाना ज्यादा बेहतर होगा.

यह भी पढ़ें: मेनका गांधी ने लखनऊ नगर निगम से कहा, मालिक के रिश्तेदार को सौंप दें पिटबुल डॉग

ब्राउनी वापस चाहिए: अमित
इस पूरे हादसे में अपनी मां को खोने वाले अमित त्रिपाठी कहते हैं कि वह दिन-रात मां को याद करते हैं. यह हादसा बेहद दुखद था. लेकिन, इस सबके लिए ब्राउनी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है. लखनऊ नगर निगम ने उसे 14 दिन के लिए अपने पास रखा. इस दौरान ब्राउनी ने किसी पर भी हमला नहीं किया. यह साफ दिखाता है कि वह किसी के लिए खतरनाक नहीं है. नगर निगम से उसे लौटाने के लिए निवेदन कर रहा हूं.

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लखनऊः पिटबुल केस (Lucknow Pitbull Case) में अब एक रोचक बदलाव सामने आया है. 82 वर्षीय मालकिन (lucknow pitbull case owner name) की हत्या करने वाली पिटबुल ब्राउनी को अपनाने के लिए लोग अब आगे आ रहे हैं. इनमें स्वयंसेवी संस्थाओं से लेकर आम नागरिक भी शामिल हैं. लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) के पास अब तक करीब 9 लोगों के आवेदन आ चुके हैं. इनमें लखनऊ के गोमतीनगर स्थित स्वयंसेवी संस्था जीव आश्रम भी शामिल है. लखनऊ नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि पूरे देश से लोग ब्राउनी को अपनाने के लिए आगे आए हैं.

बीते दिनों कैसरबाग में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ब्राउनी ने अपनी मालकिन सुशीला त्रिपाठी पर हमला (lucknow pitbull attack news) कर दिया था. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी. 82 वर्षीय यह महिला ही पिछले कई वर्षों से उसे खाना खिला रही थी. इस घटना के बाद नगर निगम ने ब्राउनी को अपने कब्जे में ले लिया था. बताया कि ब्राउनी को कुकरैल पिकनिट स्पॉट के जरहरा में बने राधा उपवन में एकांतवास में रखा गया है.

सांसद मेनका गांधी आईं आगे
लखनऊ के इस पिटबुल केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस प्रकरण में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी भी आगे आईं. उन्होंने लखनऊ नगर निगम को सुझाव दिया है कि कुत्ते को उसके वास्तविक मालिक को लौटाना ज्यादा बेहतर होगा.

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ब्राउनी वापस चाहिए: अमित
इस पूरे हादसे में अपनी मां को खोने वाले अमित त्रिपाठी कहते हैं कि वह दिन-रात मां को याद करते हैं. यह हादसा बेहद दुखद था. लेकिन, इस सबके लिए ब्राउनी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है. लखनऊ नगर निगम ने उसे 14 दिन के लिए अपने पास रखा. इस दौरान ब्राउनी ने किसी पर भी हमला नहीं किया. यह साफ दिखाता है कि वह किसी के लिए खतरनाक नहीं है. नगर निगम से उसे लौटाने के लिए निवेदन कर रहा हूं.

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