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आम के बागवानों पर मौसम की मार, अब ये उपाय करें किसान नहीं तो होगा भारी नुकसान - बारिश से आम को नुकसान

असमय बारिश और ओलों की वजह से गेहूं, आलू, सरसों समेत कई फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. वहीं आम की फसल को भी काफी क्षति हुई है. ओलों से आम के बौर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इससे परागण की समस्या आ रही है. इसके अलावा तापमान कम होने से खर्रा, फफूंद, दहिया आदि रोग तेजी से फैल रहे हैं.

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Published : Mar 23, 2023, 8:43 PM IST

आम के बागवानों पर मौसम की मार, अब ये उपाय करें किसान नहीं तो होगा भारी नुकसान.

लखनऊ : प्रदेश में बीते एक हफ्ते में दो बार बारिश और एक बार ओले गिरने की वजह से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. आम की फसल को भारी नुकसान पहुंचने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. असमय हुई मूसलाधार बारिश और ओलों ने कई जगह पर आम को क्षति पहुंचाई है. कहीं आम के बौर क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो किसी-किसी स्थान पर खिलते हुए बौरों में मौसम के कारण परागण की समस्या हो रही है. यह स्थिति लगातार कई दिनों से बादल और कम तापक्रम के कारण परगंकर्ता की कमी से हुई है. ओलावृष्टि से आम के बागों को नुकसान हुआ है. वहीं बारिश से जाला व पेड़ों के ऊपर से गंदगी धुल गई है, मगर इस बारिश के बाद अब बागों में आम के फलों पर रोगों की भरमार होगी. अगर समय रहते उपाय न किए गए तो रोगों का प्रकोप बढ़ जाएगा.

मुख्य उद्यान विशेषज्ञ, मलिहाबाद के डॉ. राजीव कुमार वर्मा बताते हैं कि बारिश के बाद अब बागों में रोगों की भरमार होग. दरअसल जब टेम्परेचर कम हो जाता है और वायुमंडल में नमी हो जाती है. इससे कई रोग उप्पन्न हो जाते हैं, जैसे पत्तों पर औऱ डंठलों पर काला काला चकत्ता पड़ जाता है. इसीलिए बागवानों को सलाह दी जाती है वह सभी लोग 'हेक्सा मेंथा जोन' एक ब्राड स्पेक्ट्रम (फफूंद नाशक दवा)का 1 मिली लीटर दवा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें. जिन बागवानों ने 10 य 15 दिन के आसपास में छिड़काव किया है उसका असर अब भी बना होगा. वे लोग घबराए नहीं, दोबारा छिड़काव कर दें. एक रोग जिसे लोग दहिया, खर्रा बोलते हैं, जब टेंपरेचर कम हो जाता है तो इसका प्रकोप कम हो जाता है. मगर इस दवा का छिड़काव करने से छुटकारा मिल जाएगा

डॉ. राजीव कुमार वर्मा बताते हैं कि जहां बारिश हुई है वहां ज्यादा नुकसान की संभावना नहीं है, मगर जहां ओले गिरे हैं वहां भारी नुकसान की संभावना है. बारिश के बाद मेरे द्वारा बागों का निरीक्षण किया गया तो आंधी औऱ बारिश के बाद भी बहुत से फल लगे हुए हैं.

यह भी पढ़ें : UP Weather Update : बारिश से तापमान में आई गिरावट, 24 के बाद बारिश की संभावना

आम के बागवानों पर मौसम की मार, अब ये उपाय करें किसान नहीं तो होगा भारी नुकसान.

लखनऊ : प्रदेश में बीते एक हफ्ते में दो बार बारिश और एक बार ओले गिरने की वजह से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. आम की फसल को भारी नुकसान पहुंचने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. असमय हुई मूसलाधार बारिश और ओलों ने कई जगह पर आम को क्षति पहुंचाई है. कहीं आम के बौर क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो किसी-किसी स्थान पर खिलते हुए बौरों में मौसम के कारण परागण की समस्या हो रही है. यह स्थिति लगातार कई दिनों से बादल और कम तापक्रम के कारण परगंकर्ता की कमी से हुई है. ओलावृष्टि से आम के बागों को नुकसान हुआ है. वहीं बारिश से जाला व पेड़ों के ऊपर से गंदगी धुल गई है, मगर इस बारिश के बाद अब बागों में आम के फलों पर रोगों की भरमार होगी. अगर समय रहते उपाय न किए गए तो रोगों का प्रकोप बढ़ जाएगा.

मुख्य उद्यान विशेषज्ञ, मलिहाबाद के डॉ. राजीव कुमार वर्मा बताते हैं कि बारिश के बाद अब बागों में रोगों की भरमार होग. दरअसल जब टेम्परेचर कम हो जाता है और वायुमंडल में नमी हो जाती है. इससे कई रोग उप्पन्न हो जाते हैं, जैसे पत्तों पर औऱ डंठलों पर काला काला चकत्ता पड़ जाता है. इसीलिए बागवानों को सलाह दी जाती है वह सभी लोग 'हेक्सा मेंथा जोन' एक ब्राड स्पेक्ट्रम (फफूंद नाशक दवा)का 1 मिली लीटर दवा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें. जिन बागवानों ने 10 य 15 दिन के आसपास में छिड़काव किया है उसका असर अब भी बना होगा. वे लोग घबराए नहीं, दोबारा छिड़काव कर दें. एक रोग जिसे लोग दहिया, खर्रा बोलते हैं, जब टेंपरेचर कम हो जाता है तो इसका प्रकोप कम हो जाता है. मगर इस दवा का छिड़काव करने से छुटकारा मिल जाएगा

डॉ. राजीव कुमार वर्मा बताते हैं कि जहां बारिश हुई है वहां ज्यादा नुकसान की संभावना नहीं है, मगर जहां ओले गिरे हैं वहां भारी नुकसान की संभावना है. बारिश के बाद मेरे द्वारा बागों का निरीक्षण किया गया तो आंधी औऱ बारिश के बाद भी बहुत से फल लगे हुए हैं.

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