लखनऊ: पिछले एक साल से कार्यवाहक कुलपतियों को सहारे चल रहा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय को अब स्थाई कुलपति मिल गया है. नये कुलपति के रूप में प्रोफेसर एनबी सिंह ने गुरुवार को कार्यभार ग्रहण किया. इस संबंध में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है. कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही एनबी सिंह ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि उनका पहला लक्ष्य अनुशासन कायम करते हुए विश्वविद्यालय को नई पहचान दिलाना है. उन्होंने कहा विश्वविद्यालय में आज की तकनीक का प्रयोग करते हुए रिसर्च को भी बढ़ावा दिया जायेगा.
एनआईआरएफ रैंकिंग की होगी तैयारी
नये कुलपति एनबी सिंह ने बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए वह सभी जरूरी कदम उठायेंगे. उन्होने कहा कि एनआईआरएफ की रैकिंग में विश्वविद्यालय का नाम आये इसके लिए भी जरूरी तैयारियां की जायेंगी. इसके साथ ही नैक आवेदन पर भी फोकस किया जायेगा. प्रोफ़ेसर सिंह ने वोकेशनल कोर्सेज को भी शुरू करने के लिए कहा.
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एनईपी पर करेंगे कार्य
एनबी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए अपनी तैयारियां पूरी करेंगे. उन्होंने कहा कि छात्र हित में सबसे पहले अधूरे पड़े सभी कार्य पूरे किए जायेंगे. उन्होंने कहा यह भी प्रयास रहेगा कि विश्वविद्यालय को देश विदेश में भी पहचान मिले और हिंदू मुस्लिम एकता की एक नई मिशाल भी बने. बता दें कि प्रोफेसर एनबी सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के आचार्य हैं . पूर्व में प्रोफेसर सिंह एचबीटीयू कानपुर के कुलपति रह चुके हैं, साथ ही प्रोफ़ेसर सिंह एकेटीयू के डायरेक्टर इनोवेशन और आरईसी कन्नौज के निदेशक भी रह चुके हैं.
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