लखनऊ : राजधानी स्थित इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में लोग घूमने फिरने के लिए तो आते ही हैं, साथ ही साइंस की बारिकियों को भी समझते हैं. समय-समय पर स्कूली बच्चों को इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला का विजिट कराया जाता है, जहां पर वह विज्ञान से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं को दूर करते हैं. यहां पर चंद्रमा और उसकी सतह के बारे में बच्चों को खगोली वैज्ञानिक बताते हैं.
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के निदेशक अनिल यादव ने बताया कि 'इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला को साल 2003 में आम पब्लिक के लिए खोला गया था, तब से यहां पर रोज हजारों लोग घूमने के लिए और विज्ञान की दुनिया को समझने के लिए आते रहे हैं. यहां पर स्कूल कॉलेज की विजिट भी समय-समय पर होती रहती है. प्रदेश के अन्य जिलों से भी स्कूल विजिट पर स्टूडेंट्स आते हैं. कोरोना काल में तीन साल के लिए इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला को बंद कर दिया गया था, उसके बाद कुछ समय के लिए नक्षत्रशाला को खोला गया. नक्षत्रशाला में साल 2003 में उपकरण आए थे, उन्हीं से फिलहाल काम चल रहा था, लेकिन सरकार के द्वारा अभी यह बात कही गई है कि यह उपकरण काफी पुरानी हो चुके हैं, अब इन्हें बदला जाएगा.
उन्होंने बताया कि 'यह सारे उपकरण काफी पुरानी हो चुके थे अब नए उपकरण आएंगे अभी फिलहाल इंदिरा गांधी नक्षत्र साल बंद कर दिया गया है. आज के दिन नक्षत्रशाला को खोला गया है. देश के लिए गौरव की बात है. चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हुई, जिसको लेकर नक्षत्रशाला में स्कूली बच्चे आए और उन्हें लाइव दिखाया गया और उन्हें बताया गया कि उनकी जो जिज्ञासाएं हैं उन्हें दूर किया जा रहा है. बाकी इस समय नक्षत्रशाला बंद चल रहा है, पब्लिक के लिए यह नहीं खुला है. लगभग फरवरी और मार्च तक यहां का रिनोवेशन का काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला को आम जनता के लिए खोला जाएगा. इसलिए कुछ महीनों से यहां पर रेनोवेशन का काम चल रहा है. आने वाले कुछ महीनों में यह काम पूरा हो जाएगा और सरकार के द्वारा जो नए उपकरण है वह भी प्राप्त हो जाएंगे. उसके बाद ही नक्षत्रशाला को दोबारा जनता के लिए खोला जाएगा. सरकार के द्वारा यह बताया गया है कि जो पुरानी उपकरण होंगे उनकी नीलामी होगी.'
उन्होंने बताया कि '2003 के बाद से यहां पर रेनोवेशन का काम नहीं हुआ था और इसी के साथ ही उपकरण भी पुराने हो गए थे, जिसको लेकर सरकार ने अब स्वीकृति दी है और अब यहां पर काम चल रहा है. रेनोवेशन पूरी तरह से हो रहा है. नक्षत्रशाला के अंदर हर एक चीज को फिर से रिन्यू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला बाहर से दिखने में बेहद खूबसूरत है और साथ ही अंदर से भी बहुत ही अच्छे तरीके से प्लैनेट्स को दिखाया गया है. हर एक तस्वीर ब्रह्मांड की है. जनता के लिए मार्च 2024 के बाद फिर से खुलेगा जब यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.'